रांचीः आईएएस राजीव अरुण एक्का, ऐसा नाम जो झारखंड सरकार में नई मुसीबत बन कर सामने आया है. रविवार को आईएएस का वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी हेमंत सरकार पर हमलावार हो गई है. भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का का तबादला झारखंड सरकार ने पंचायती राज विभाग में कर दिया. लेकिन मामला इससे शांत होता नहीं दिख रहा है. बीजेपी आईएएस राजीव की निलंबन की मांग कर रही है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी का एक शिष्टमंडल राज्यपाल से मिला. साथ ही पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है.
शिष्टमंडल में दीपक प्रकाश से बाबूलाल तक शामिलः प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में 9 सदस्यीय शिष्टमंडल सोमवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. राज्यपाल से मिलने वालों में दीपक प्रकाश के अलावे बाबूलाल मरांडी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी, भाजपा विधायक सीपी सिंह, भाजपा विधायक समरीलाल आदि मौजूद थे. इस दौरान शिष्टमंडल ने सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का पर लगे आरोप और विशाल चौधरी के साथ संबंध की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह राज्यपाल से किया.
तबादला करना कोई पनिशमेंट नहीं हैः राजपाल से मुलाकात के बाद राजभवन के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि तबादला करना कोई पनिशमेंट नहीं है. सरकार को तत्काल राजीव अरुण एक्का को निलंबित करना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यह कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री के साथ उनकी मिलीभगत को दर्शाता है. दीपक प्रकाश ने कहा कि यह मामला कहीं ना कहीं ये प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के दायरे में आता है.
ये रिश्ता क्या कहलाता हैः दीपक प्रकाश ने कहा कि विशाल चौधरी ईडी के रडार पर था. जिसे ब्रोकर के रूप में सभी लोग जानते हैं. ऐसे में सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का की उनसे नजदीकी. ये रिश्ता क्या कहलाता है? जिस तरह से वायरल हुए वीडियो में दिख रहा है उससे साफ लग रहा है कि यह मामला बहुत ही गंभीर है और ऊपरी स्तर पर किस तरह से सरकार के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं वह दर्शाता है.