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नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में राजभवन मार्च, पदयात्रा कर 200 लोग पहुंचे रांची

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में एडवा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने राजभवन मार्च किया. जिसमें करीब 200 लोगों ने पदयात्रा करते हुए नेतरहाट से राजभवन मार्च किया. पिछले दिनों इस आंदोलन को किसान नेता राकेश टिकैत ने समर्थन देकर फायरिंग रेंज का विरोध किया था.

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राजभवन
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Published : Apr 25, 2022, 8:05 PM IST

Updated : Apr 25, 2022, 8:40 PM IST

रांचीः नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में नेतरहाट से राजभवन मार्च किया गया. करीब 200 नेतरहाट से रांची पदयात्रा करते हुए पहुंचे. वहीं दूसरी तरफ और हाफ फील्ड फायरिंग रेंज परियोजना की अधिसूचना रद्द करने के संबंध में भी सैकड़ों की संख्या में राजभवन पहुंचकर धरना दिया.

इसे भी पढ़ें- कंपनियों की नजर जमीन पर, देशभर के लोगों को आंदोलन के लिए करेंगे एकजुटः राकेश टिकैत

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में एडवा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने राजभवन मार्च किया. राजभवन के समक्ष धरना दे रहे फील्ड फायरिंग रेंज के स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सरकार जानवरों के सरक्षण किया जा सकता है तो इंसानों का क्यूं नहीं. केंद्रीय जनसंघर्ष समिति पिछले 28 साल से नेतरहाट के फील्ड फायरिंग रेंज, टुडुरमा डैम और 2017 से पलामू व्याघ्र परियोजना से संभावित विस्थापन के खिलाफ चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रही है.

देखें पूरी खबर
वहीं फील्ड फायरिंग रेंज परियोजना के अंतर्गत सैनिक कार्रवाई से अब तक 31 लोगों की मौत हुई है, जिनको अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला है. वहीं 73 लोग इसमें अपंग हुए हैं, उन्हें भी किसी तरह का कोई मुआवजा अब तक नहीं दिया गया है. इतना ही नहीं इस फायरिंग रेंज की वजह से 300 से अधिक पशुधन की हानि हुई है, जिसका कोई मुआवजा मवेशी मालिकों को नहीं मिला है. इसके साथ ही 30-35 हजार ग्रामीणों को जनजीवन और आजीविका प्रभावित होती रही है.

यह पदयात्रा 21 अप्रैल से शुरू हुई थी, इसका नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता जेरोम जेराल्ड कर रहे हैं. इनकी मांग है कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज कि अवधि विस्तार जो 11 मई 2022 को समाप्त होने जा रहे उसकी अवधि विस्तार ना किया जाए. वहीं कुछ दिन पहले किसान नेता राकेश टिकैत भी इस फील्ड फायरिंग रेंज के खिलाफ नेतरहाट पहुंचे थे. जहां उन्होंने इस आंदोलन की वकालत कर उनका समर्थन भी किया था.

रांचीः नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में नेतरहाट से राजभवन मार्च किया गया. करीब 200 नेतरहाट से रांची पदयात्रा करते हुए पहुंचे. वहीं दूसरी तरफ और हाफ फील्ड फायरिंग रेंज परियोजना की अधिसूचना रद्द करने के संबंध में भी सैकड़ों की संख्या में राजभवन पहुंचकर धरना दिया.

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नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में एडवा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने राजभवन मार्च किया. राजभवन के समक्ष धरना दे रहे फील्ड फायरिंग रेंज के स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सरकार जानवरों के सरक्षण किया जा सकता है तो इंसानों का क्यूं नहीं. केंद्रीय जनसंघर्ष समिति पिछले 28 साल से नेतरहाट के फील्ड फायरिंग रेंज, टुडुरमा डैम और 2017 से पलामू व्याघ्र परियोजना से संभावित विस्थापन के खिलाफ चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रही है.

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वहीं फील्ड फायरिंग रेंज परियोजना के अंतर्गत सैनिक कार्रवाई से अब तक 31 लोगों की मौत हुई है, जिनको अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला है. वहीं 73 लोग इसमें अपंग हुए हैं, उन्हें भी किसी तरह का कोई मुआवजा अब तक नहीं दिया गया है. इतना ही नहीं इस फायरिंग रेंज की वजह से 300 से अधिक पशुधन की हानि हुई है, जिसका कोई मुआवजा मवेशी मालिकों को नहीं मिला है. इसके साथ ही 30-35 हजार ग्रामीणों को जनजीवन और आजीविका प्रभावित होती रही है.

यह पदयात्रा 21 अप्रैल से शुरू हुई थी, इसका नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता जेरोम जेराल्ड कर रहे हैं. इनकी मांग है कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज कि अवधि विस्तार जो 11 मई 2022 को समाप्त होने जा रहे उसकी अवधि विस्तार ना किया जाए. वहीं कुछ दिन पहले किसान नेता राकेश टिकैत भी इस फील्ड फायरिंग रेंज के खिलाफ नेतरहाट पहुंचे थे. जहां उन्होंने इस आंदोलन की वकालत कर उनका समर्थन भी किया था.

Last Updated : Apr 25, 2022, 8:40 PM IST
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