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विधानसभा अध्यक्ष का पद दलीय राजनीति से ऊपर होता है, पर झारखंड के स्पीकर का झामुमो के प्रवक्ता की तरह बयान देना संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है.
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) June 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
आज महामहिम राज्यपाल श्री @CPRGuv जी से मुलाकात कर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा राजभवन पर किए गए असंवैधानिक टिप्पणी के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. pic.twitter.com/BtUY3DIds0
">विधानसभा अध्यक्ष का पद दलीय राजनीति से ऊपर होता है, पर झारखंड के स्पीकर का झामुमो के प्रवक्ता की तरह बयान देना संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है.
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) June 27, 2023
आज महामहिम राज्यपाल श्री @CPRGuv जी से मुलाकात कर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा राजभवन पर किए गए असंवैधानिक टिप्पणी के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. pic.twitter.com/BtUY3DIds0विधानसभा अध्यक्ष का पद दलीय राजनीति से ऊपर होता है, पर झारखंड के स्पीकर का झामुमो के प्रवक्ता की तरह बयान देना संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है.
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) June 27, 2023
आज महामहिम राज्यपाल श्री @CPRGuv जी से मुलाकात कर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा राजभवन पर किए गए असंवैधानिक टिप्पणी के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. pic.twitter.com/BtUY3DIds0
रांची: जामताड़ा में राजभवन के क्रियाकलापों पर विधानसभाध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के द्वारा की गई तल्ख टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी ने नाराजगी जताते हुए राज्यपाल से स्पीकर पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है. मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में बीजेपी के एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर विधानसभाध्यक्ष के द्वारा की गई टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए ज्ञापन सौंपा.
ये भी पढ़ें- स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो का बड़ा आरोप, बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा राजभवन
स्पीकर से इस्तीफे की मांग: राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजभवन के बाहर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि जिस प्रकार से झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने राजभवन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यह पूरी तरह से विधानसभाध्यक्ष के पद की गरिमा और मर्यादाओं के खिलाफ है. झारखंड में इससे पहले किसी स्पीकर ने इस तरह की असंसदीय और अशोभनीय बातें नहीं की थी. विधानसभाध्यक्ष को चाहिए कि वह तत्काल अपने पद से इस्तीफा देकर जनता के बीच आएं जिसके लिए बीजेपी तैयार है. राज्यपाल से मिलने वाले शिष्टमंडल में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, डॉ प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहाय, विधायक सीपी सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक शामिल थे.
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विधान सभा मे विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की पहचान सरना धर्म कोड को विधान सभा से पारित कर राजभवन को भेजा लेकिन राजभवन से बिल को लौटाया गया।
— Rabindra Nath Mahato। Speaker - Jharkhand Assembly (@Rabindranathji) June 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
1932 का खतियान को विधान सभा से पारित कर राजभवन को भेजा , जो वो भी लोटा दिया गया। राज्य भवन भी भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। pic.twitter.com/6nz5oE3eqk
">विधान सभा मे विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की पहचान सरना धर्म कोड को विधान सभा से पारित कर राजभवन को भेजा लेकिन राजभवन से बिल को लौटाया गया।
— Rabindra Nath Mahato। Speaker - Jharkhand Assembly (@Rabindranathji) June 25, 2023
1932 का खतियान को विधान सभा से पारित कर राजभवन को भेजा , जो वो भी लोटा दिया गया। राज्य भवन भी भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। pic.twitter.com/6nz5oE3eqkविधान सभा मे विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की पहचान सरना धर्म कोड को विधान सभा से पारित कर राजभवन को भेजा लेकिन राजभवन से बिल को लौटाया गया।
— Rabindra Nath Mahato। Speaker - Jharkhand Assembly (@Rabindranathji) June 25, 2023
1932 का खतियान को विधान सभा से पारित कर राजभवन को भेजा , जो वो भी लोटा दिया गया। राज्य भवन भी भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। pic.twitter.com/6nz5oE3eqk
राजभवन पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का लगाया था आरोप: झामुमो के कार्यकर्ता सम्मेलन में स्पीकर सह नाला के विधायक रवीन्द्र नाथ महतो ने राजभवन पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की पहचान सरना धर्म कोड को विधानसभा से पारित कर राजभवन को भेजा लेकिन राजभवन ने इस बिल को लौटा दिया. 1932 के खतियान को विधानसभा से पारित कर राजभवन को भेजा उसे भी लौटा दिया गया. राज्य सरकार जनहित और झारखंड के हित में विधेयक ला रही है लेकिन राजभवन उसे लौटा दे रहा है. स्पीकर ने कहा कि अब राजभवन किसके इशारे पर काम कर रहा है यह सबको जानना होगा. जामताड़ा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद स्पीकर ने ट्वीट कर सार्वजनिक रूप से राजभवन पर टिप्पणी रविवार को की थी. स्पीकर के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने भी बीजेपी के इशारे पर राज्यपाल पर नेतागिरी करने का आरोप लगाया था.