रांचीः एसटी के दर्ज की मांग को लेकर कुड़मी समाज फिर से अपनी आवाज बुलंद कर रहा है. कुड़मी समाज ने आज से अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम आंदोलन शुरू कर दिया है. जिसके तहत झारखंड और ओडिशा के कई स्टेशनों पर रेल टेका यानि रेल चक्का जाम किया जाएगा. पहले बंगाल के संगठन भी आंदोलन में शमिल थे, उन्होंने अपना आंदोलन वापस ले लिया है. कुड़मी आंदोलन को देखते हुए रेलवे विशेष तैयारी की है.
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आंदोलन की पूरी तैयारीः कुड़मी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने बताय कि 1931 तक कुड़मी को एसटी का दर्जा प्राप्त था, 1950 में उन्हें एसटी से बाहर कर दिया गया. मोर्चा के आंदोलन में किसी राजनीतिक दल का दखल नहीं है. उन्होंने झारखंड में भी कुड़मी जाति के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. मोर्चा ने आंदोलन को लेकर व्यापक तैयारी की है. प्रदर्शनकारियों के रहने से लेकर खाने-पीने तक सभी चीजों की व्यवस्था की गई है.
कई संगठनों ने आंदोलन को दिया समर्थनः टोटेमिक कुड़म विकास मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग संगठन आंदोलन का नेतृत्व करेंगे. खेमासुली, कुस्तौर और नीमडीह में आदिवासी कुड़मी समाज, गोमो में वृहद झारखंड कुड़मी मंच, घाघरा-मनोहरपुर में कुड़मी युवा मोर्चा और हरिश्चंद्रपुर और जराइकेला में कुड़मी सेना के नेतृत्व में आंदोलन होगा.
रांची रेल मंडल सतर्कः कुड़मी आंदोलन को लेकर रेलवे भी पूरी तरह से सतर्क है. रांची रेल मंडल के सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने कहा कि राज्य सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है. रेल मंडल स्तर से आंदोलनकारी संगठनों से बात भी की गई है. उन्हें बताया गया है कि रेल के रुकने का सीधा असर आमलोगों पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के सभी कदम उठाए गए हैं. कई ट्रेनों का रद्द किया गया है, कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है.