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झारखंड सरकार की ओर से नियुक्त जेपीएससी के तीन सदस्यों पर उठ रहे हैं सवाल, जानिए क्या है पूरा मामला - Hemant Cabinet

झारखंड सरकार (Jharkhand government) की ओर से जेपीएससी (JPSC) में तीन सदस्यों की नियुक्ति की गई है. इस नियुक्ति पर छात्र संगठनों और छात्र नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. छात्र नेताओं का कहना है कि तीनों सदस्यों के पास योग्यता नहीं हैं, बल्कि पॉलिटिकल कनेक्शन है.

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झारखंड सरकार की ओर से नियुक्त जेपीएससी के तीन सदस्यों पर उठ रहे हैं सवाल
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Published : Aug 7, 2021, 4:44 PM IST

रांचीः हेमंत कैबिनेट (Hemant Cabinet) ने पिछले दिनों झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) में 3 सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी. इनमें अजीता भट्टाचार्य, प्रो अनीमा हांसदा और डॉ. जमाल अहमद शामिल हैं. हालांकि, जेपीएससी में इन तीन सदस्यों की नियुक्ति पर कुछ छात्र संगठनों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.


यह भी पढ़ेंःएसडीएम के खिलाफ छात्र-छात्राओं का हल्लाबोल, लाठियां भांजने के खिलाफ धनबाद बंद


झारखंड लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष अमिताभ चौधरी प्रतिनियुक्त है, लेकिन सदस्य एक भी नहीं थे. इसको लेकर जेपीएससी की ओर से बार-बार सदस्यों की नियुक्ति की मांग की जा रही थी, ताकि परीक्षाओं के आयोजन और विभिन्न गतिविधियों को नियमित रूप से संचालित की जा सके. जेपीएससी की मांग को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग में 3 सदस्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

देखें पूरी रिपोर्ट
छात्र संगठनों की आपत्ति

जेपीएससी के सदस्यों की नियुक्ति पर कुछ छात्र संगठनों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. छात्र संगठनों और छात्र नेताओं का कहना हैं कि झारखंड लोक सेवा आयोग को भी यह सरकार राजनीति का अखाड़ा बना रही है. छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने बताया कि 2018 में जेपीएससी की ओर से आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया की जांच चल रही है. जेपीएससी के सदस्य के रूप में नियुक्त डॉ. जमाल अहमद उसी बैच के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. इस मामले में कुछ असिस्टेंट प्रोफेसर को क्लीन चिट दे दिया गया है और कुछ असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ अब भी जांच जारी है. उन्होंने बताया कि डॉ जमाल अहमद राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के परिचित हैं, तो अजीता भट्टाचार्य झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की पत्नी हैं. इसके साथ ही प्रो. अनीमा हांसदा मुख्यमंत्री के रिश्तेदार हैं. देवेंद्र नाथ महतो ने यह भी कहा कि अमिताभ चौधरी को भी गलत तरीके से जेपीएससी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि छात्र संगठन इस नियुक्ति को बर्दाश्त नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की जरूरत है.


नियुक्त सदस्यों ने पूरी की है प्रक्रिया

झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह संयोग है अजीता भट्टाचार्य मेरी धर्मपत्नी हैं. उनमें काबिलियत है. उन्होंने कहा कि जेपीएससी की ओर से जारी आवेदन को भरकर जमा की और प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही आज जेपीएससी के सदस्य हैं. बाकी अन्य सदस्यों की नियुक्ति पर पूछे गए सवाल के जबाव देने से उन्होंने इनकार कर दिया.

तीनों सदस्य अलग-अलग कॉलेज में हैं कार्यरत

बता दें कि अजीता भट्टाचार्य लाला लक्ष्मी नारायण डिग्री कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. प्रो. अनीमा हांसदा गोस्नर कॉलेज और डॉ. जमाल अहमद संत कोलंबस कॉलेज में कार्यरत हैं.

रांचीः हेमंत कैबिनेट (Hemant Cabinet) ने पिछले दिनों झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) में 3 सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी. इनमें अजीता भट्टाचार्य, प्रो अनीमा हांसदा और डॉ. जमाल अहमद शामिल हैं. हालांकि, जेपीएससी में इन तीन सदस्यों की नियुक्ति पर कुछ छात्र संगठनों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.


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झारखंड लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष अमिताभ चौधरी प्रतिनियुक्त है, लेकिन सदस्य एक भी नहीं थे. इसको लेकर जेपीएससी की ओर से बार-बार सदस्यों की नियुक्ति की मांग की जा रही थी, ताकि परीक्षाओं के आयोजन और विभिन्न गतिविधियों को नियमित रूप से संचालित की जा सके. जेपीएससी की मांग को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग में 3 सदस्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

देखें पूरी रिपोर्ट
छात्र संगठनों की आपत्ति

जेपीएससी के सदस्यों की नियुक्ति पर कुछ छात्र संगठनों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. छात्र संगठनों और छात्र नेताओं का कहना हैं कि झारखंड लोक सेवा आयोग को भी यह सरकार राजनीति का अखाड़ा बना रही है. छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने बताया कि 2018 में जेपीएससी की ओर से आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया की जांच चल रही है. जेपीएससी के सदस्य के रूप में नियुक्त डॉ. जमाल अहमद उसी बैच के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. इस मामले में कुछ असिस्टेंट प्रोफेसर को क्लीन चिट दे दिया गया है और कुछ असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ अब भी जांच जारी है. उन्होंने बताया कि डॉ जमाल अहमद राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के परिचित हैं, तो अजीता भट्टाचार्य झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की पत्नी हैं. इसके साथ ही प्रो. अनीमा हांसदा मुख्यमंत्री के रिश्तेदार हैं. देवेंद्र नाथ महतो ने यह भी कहा कि अमिताभ चौधरी को भी गलत तरीके से जेपीएससी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि छात्र संगठन इस नियुक्ति को बर्दाश्त नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की जरूरत है.


नियुक्त सदस्यों ने पूरी की है प्रक्रिया

झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह संयोग है अजीता भट्टाचार्य मेरी धर्मपत्नी हैं. उनमें काबिलियत है. उन्होंने कहा कि जेपीएससी की ओर से जारी आवेदन को भरकर जमा की और प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही आज जेपीएससी के सदस्य हैं. बाकी अन्य सदस्यों की नियुक्ति पर पूछे गए सवाल के जबाव देने से उन्होंने इनकार कर दिया.

तीनों सदस्य अलग-अलग कॉलेज में हैं कार्यरत

बता दें कि अजीता भट्टाचार्य लाला लक्ष्मी नारायण डिग्री कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. प्रो. अनीमा हांसदा गोस्नर कॉलेज और डॉ. जमाल अहमद संत कोलंबस कॉलेज में कार्यरत हैं.

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