रांची: सदन में ध्यानाकर्षण के दौरान भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि बड़ी संख्या में झारखंड के मेहनतकशों का करोड़ों रुपए सहारा इंडिया में फंसे हुए हैं. उन्हें पैसे नहीं मिल रहे हैं. सहारा इंडिया में काम करने वाले अधिकारी भी लाचारी व्यक्त कर रहे हैं. दिहाड़ी मजदूर से लेकर छोटे कारोबारी, हर दिन पेट काटकर सहारा में पैसे जमा करवाते थे. लेकिन अब कंपनी पैसे नहीं दे रही है. लिहाजा झारखंडवासियों के हित में राज्य सरकार को अमल करते हुए पैसा वापस करवाना चाहिए.
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इस पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि मैं पूरे मामले से अवगत हूं. मेरे गांव के भी कई लोगों का पैसा फंसा हुआ है. उन्होंने कहा कि सहारा एक लिस्टेड कंपनी है. इसका रेगुलेटर सेबी है. इस पर राज्य का नियंत्रण नहीं है. मामले की गंभीरता को समझते हुए झारखंड के वित्त विभाग की तरफ से दो बार पत्र भी लिखे गए हैं. जवाब में बताया गया है कि 15 जून 2021 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कंपनी की चल अचल संपत्ति पर रोक लगी हुई है. सेबी के पास 24 हजार करोड़ों रुपए जमा हैं. जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलेगा तो सेबी पैसे जारी करेगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के रिफंड भी हुए हैं. 19644 आवेदन सेबी को मिले हैं.
विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि झारखंड के करीब 3 लाख लोगों का पैसा फंसा हुआ है. अगर सरकार गंभीरता से प्रयास करेगी तो लोगों को उनके हक का पैसा जरूर मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि पैसे नहीं मिलने के कारण कई लोग दम तोड़ चुके हैं. कई परिवारों की माली हालत बिगड़ गई है. दूसरी तरफ सहारा इंडिया में काम करने वाले लोग भी डरे सहमे हुए हैं. उन्हें इस बात की चिंता सताती रहती है कि कभी भी निवेशक उन पर हमला बोल सकते हैं. जबकि पैसे नहीं देने के पीछे उनका कोई हाथ नहीं है. इसपर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि वित्त विभाग के प्रयास के कारण ही 2 चिट्ठियां आई हैं. इस दिशा में तमाम प्रयास किए जाएंगे.