रांचीः साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की सीबीआई जांच (CBI investigation) की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान पीड़ित पक्ष के वकील के दावे पर न्यायालय का माहौल गर्म हो गया. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों में गरमा गरम बहस शुरू हो गई और दोनों अधिकवक्ता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे. एक पक्ष ने अदालत पर भी सवाल उठा दिए. महाधिवक्ता ने अदालत से केस दूसरे बेंच में ट्रासफर करने की मांग कर डाली.
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महाधिवक्ता ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दावा किया था कि यह केस 200 प्रतिशत सीबीआई को जाएगा. क्या उन्हें यह पहले से पता है तो फिर इस मामले की सुनवाई दूसरी पीठ को भेज दी जाए. इसपर अदालत ने महाधिवक्ता से कहा कि शपथ पत्र में लिखकर दें. महाधिवक्ता ने कहा कि लिखकर नहीं दे सकते, मौखिक रूप से कहना ही काफी है. महाधिवक्ता के जवाब से 'अदालत' का भी पारा चढ़ गया. अदालत ने महाधिवक्ता के बयान पर नाराजगी जताई.
मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा गया मामला
न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदीअदालत ने कहा कि जब आरोप लग ही गया, तब तो अब मुख्य न्यायाधीश ही डिसाइड करें कि इस मामले की सुनवाई कौन सी बेंच में होगा. उन्होंने रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास पेश करें. इससे संबंधित आदेश भी पारित कर दिया गया.
रूपा तिर्की के पिता ने दायर की है याचिका
रूपा तिर्की के पिता ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है रूपा तिर्की ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि हत्या की गई है. झारखंड पुलिस प्रेम प्रसंग का मामला बताकर आत्महत्या की बात कर रही है. इसलिए मामले की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया है.