रांचीः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन राजधानी रांची के धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में किया गया था. आयोजन के पहले दिन उद्घाटन सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए थे. दूसरे दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कई राष्ट्रीय कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए. समापन के मौके पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर चर्चा हुई. साथ ही देश के और भी कई ज्वलंत मुद्दों को लेकर विशेष रूप से विचार विमर्श किया गया.
मौके पर प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा कि एबीवीपी का 21वां अधिवेशन का उद्घाटन जिस दिन था, उसी दिन देश में कोरोना वैक्सीन लगने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. यह इत्तेफाक भले ही हो सकता है. लेकिन एबीवीपी पर पूरे समाज को एक भरोसा है उस भरोसे को एबीवीपी कार्यकर्ता कायम रखेंगे. भावनाओं से ऊपर उठकर कर्तव्य निभाते हुए बलिदानों के साथ एबीवीपी कार्यकर्ता देश सेवा में लीन है और हमेशा रहेगा.
इसे भी पढ़ें- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 21वां प्रदेश अधिवेशन, देखिए LIVE
नई शिक्षा को बताया बेहतर
21वें प्रांतीय अधिवेशन के भाषण सत्र में कहा गया कि परिषद ऐसे कार्यकर्ता का निर्माण करता है जो समाज परिवर्तित करने का काम करते हैं. संस्कृति और गुरुकुल शिक्षा या भारत की पहचान थी. जिसे लगभग 70 वर्षों से मैकाले की शिक्षा पद्धति ने प्रभावित करने का काम किया है. हमारा देश स्वतंत्र है लेकिन अंग्रेजी शिक्षा नीति के कारण हमारे स्वतंत्रता पर ग्रहण लग रहा है. लेकिन नई शिक्षा नीति एक नई ऊर्जा देगी और इससे नए भारत के निर्माण में सहयोग मिलेगा.