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रिम्स में डेंटल इंस्टीट्यूट के ट्यूटर्स का प्रदर्शन, स्थायी करने की मांग, कहा- कोरोना वारियर्स होने का क्या फायदा - डेंटल इंस्टिट्यूट के 15 ट्यूटर्स ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया

रिम्स परिसर में बुधवार को शासी परिषद की बैठक को लेकर सुबह से ही हंगामों का दौर जारी है. इस कड़ी में एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के सामने डेंटल इंस्टिट्यूट के 15 ट्यूटर्स ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. स्थायीकरण की मांग कर रहे ट्यूटर्स ने सरकार और रिम्स प्रबंधन से मांगों पर विचार करने की अपील की है.

Dental Institute tutors at RIMS protest demanding demonstration
प्रदर्शन करते डेंटल ट्यूटर्स
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Published : Oct 14, 2020, 2:37 PM IST

रांची: रिम्स के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के सामने डेंटल इंस्टिट्यूट के 15 ट्यूटर्स ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया. सभी सरकार और रिम्स प्रबंधन से उन्हें स्थायी करने की मांग कर रहे थे.

जानकारी देते डेंटल ट्यूटर्स

हाथों में तख्तियां लेकर जुटे चिकित्सकों ने कहा कि 2017 में उन्हें 3 साल के लिए अनुबंध पर रखा गया था. इसकी मियाद इसी साल दिसंबर में पूरी हो रही है. जबकि उन्हें आश्वासन मिला था कि उनके अनुबंध को विस्तार दिया जाएगा पर अब तक अनुबंध नहीं बढ़ाया गया है. चिकित्सकों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में उन्हें सड़क पर लाने की कोशिश हो रही है. उनकी दलील है कि रिम्स के डॉक्टर जब कोरोना से संक्रमित हो रहे थे, तब इन लोगों ने भी आगे आकर कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवा दी थी.

जानकारी देते डेंटल ट्यूटर्स

इसे भी पढ़ें- तेलंगाना में बारिश का कहर: 13 लोगों की मौत, दो दिनों की छुट्टी

इस दौरान कई डॉक्टर संक्रमित भी हुए थे. ठीक होने के बाद कई डॉक्टर्स ने प्लाज्मा भी डोनेट किया था. एक तरफ रिम्स जहां डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ डेंटल डॉक्टर को अनुबंध पर सेवा विस्तार नहीं दिया जा रहा है. उनका यह भी कहना है कि एक बार स्वास्थ्य मंत्री से इनकी मुलाकात हुई थी, तब उन्होंने सेवा स्थायी कराने का आश्वासन दिया था.

रांची: रिम्स के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के सामने डेंटल इंस्टिट्यूट के 15 ट्यूटर्स ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया. सभी सरकार और रिम्स प्रबंधन से उन्हें स्थायी करने की मांग कर रहे थे.

जानकारी देते डेंटल ट्यूटर्स

हाथों में तख्तियां लेकर जुटे चिकित्सकों ने कहा कि 2017 में उन्हें 3 साल के लिए अनुबंध पर रखा गया था. इसकी मियाद इसी साल दिसंबर में पूरी हो रही है. जबकि उन्हें आश्वासन मिला था कि उनके अनुबंध को विस्तार दिया जाएगा पर अब तक अनुबंध नहीं बढ़ाया गया है. चिकित्सकों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में उन्हें सड़क पर लाने की कोशिश हो रही है. उनकी दलील है कि रिम्स के डॉक्टर जब कोरोना से संक्रमित हो रहे थे, तब इन लोगों ने भी आगे आकर कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवा दी थी.

जानकारी देते डेंटल ट्यूटर्स

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इस दौरान कई डॉक्टर संक्रमित भी हुए थे. ठीक होने के बाद कई डॉक्टर्स ने प्लाज्मा भी डोनेट किया था. एक तरफ रिम्स जहां डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ डेंटल डॉक्टर को अनुबंध पर सेवा विस्तार नहीं दिया जा रहा है. उनका यह भी कहना है कि एक बार स्वास्थ्य मंत्री से इनकी मुलाकात हुई थी, तब उन्होंने सेवा स्थायी कराने का आश्वासन दिया था.

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