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रांची: रिम्स में मरीजों का इलाज कराने आए परिजनों को भोजन की परेशानी, कुछ संस्थाएं कर रही मदद

झारखंड के कई जिलों में कोरोना पर नियंत्रण के लिए प्रतिबंध जारी हैं. रांची में भी सुबह से तीन बजे तक ही सभी दुकान खोलने की अमुमति है, जिसके कारण रिम्स में मरीजों का इलाज कराने आने वाले परिजनों को खाने में परेशानी होती है. हालांकि कुछ निजी संस्थान वैसे लोगों को मुफ्त में खाना मुहैया करा रहे हैं.

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रिम्स
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Published : Jun 7, 2021, 6:18 PM IST

रांची: कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य सरकार के तरफ से पूरे राज्य में लॉकडाउन के तहत कई प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे संक्रमण पर लगभग नियंत्रण पाया गया है, लेकिन कई लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. खासकर अस्पतालों में अपने मरीजों का इलाज करा रहे परिजनों को सेमी लॉकडाउन की वजह से ज्यादा परेशानी हो रही है.

देखें पूरी खबर

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मरीज का इलाज कराने आए संतोष कुमार बताते हैं, कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मरीज को तो भोजन मिल जाता है, लेकिन परिजनों के भोजन के लिए भटकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बंगाल से आने की वजह से वह अस्पताल परिसर में लगे दुकानों में जाकर खाना खाते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण शाम होते ही सारे दुकान बंद हो जाते हैं, जिससे भोजन मिलना भी मुश्किल हो जाता है, कभी-कभी भूखे ही सोना पड़ता है.

लोगों को मिल रहा मुफ्त भोजन
वहीं मरीज के परिजन डेविड टोप्पो ने बताया कि कुछ निजी संस्था के द्वारा मरीज के परिजनों और गरीबों के बीच भोजन वितरण किया जाता है, जिससे देर शाम तक भोजन मिल जाती है, अन्यथा बाजार में भोजन मिलना संभव नहीं है, हमें अपने मन मुताबिक भोजन नहीं मिल पाता है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से 3:00 बजे के बाद सभी निजी दुकानें बंद हो जाती है. वहीं संस्था के संचालक पीयूष पाठक बताते हैं कि रोटी बैंक की तरफ से लॉकडाउन को देखते हुए वर्तमान में लोगों को मुफ्त में भोजन कराया जा रहा है.

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मरीज को परिजनों को समाजसेवी कर रहे मदद

समाजसेवी प्रवीण लोहिया बताते हैं कि महामारी के दौरान मरीज के परिजन भोजन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और उन्हें भोजन नहीं मिल रहा है, इसलिए उनकी संस्था मुक्ति के द्वारा पूरे रिम्स में परिजनों को घूम-घूम कर भोजन कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समाज में एकता का संदेश देना चाहते हैं, कि महामारी के दौरान मानवता ही लोगों को मदद पहुंचाती है. वहीं रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ डीके सिन्हा बताते हैं कि मरीजों के भोजन का इंतजाम तो रिम्स की तरफ से की जाती है, कभी-कभी वैसे परिजनों के भी भोजन का इंतजाम रिम्स कैंटीन की तरफ से कर दी जाती है, जो अत्यंत लाचार और गरीब हैं.

रांची: कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य सरकार के तरफ से पूरे राज्य में लॉकडाउन के तहत कई प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे संक्रमण पर लगभग नियंत्रण पाया गया है, लेकिन कई लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. खासकर अस्पतालों में अपने मरीजों का इलाज करा रहे परिजनों को सेमी लॉकडाउन की वजह से ज्यादा परेशानी हो रही है.

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मरीज का इलाज कराने आए संतोष कुमार बताते हैं, कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मरीज को तो भोजन मिल जाता है, लेकिन परिजनों के भोजन के लिए भटकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बंगाल से आने की वजह से वह अस्पताल परिसर में लगे दुकानों में जाकर खाना खाते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण शाम होते ही सारे दुकान बंद हो जाते हैं, जिससे भोजन मिलना भी मुश्किल हो जाता है, कभी-कभी भूखे ही सोना पड़ता है.

लोगों को मिल रहा मुफ्त भोजन
वहीं मरीज के परिजन डेविड टोप्पो ने बताया कि कुछ निजी संस्था के द्वारा मरीज के परिजनों और गरीबों के बीच भोजन वितरण किया जाता है, जिससे देर शाम तक भोजन मिल जाती है, अन्यथा बाजार में भोजन मिलना संभव नहीं है, हमें अपने मन मुताबिक भोजन नहीं मिल पाता है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से 3:00 बजे के बाद सभी निजी दुकानें बंद हो जाती है. वहीं संस्था के संचालक पीयूष पाठक बताते हैं कि रोटी बैंक की तरफ से लॉकडाउन को देखते हुए वर्तमान में लोगों को मुफ्त में भोजन कराया जा रहा है.

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मरीज को परिजनों को समाजसेवी कर रहे मदद

समाजसेवी प्रवीण लोहिया बताते हैं कि महामारी के दौरान मरीज के परिजन भोजन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और उन्हें भोजन नहीं मिल रहा है, इसलिए उनकी संस्था मुक्ति के द्वारा पूरे रिम्स में परिजनों को घूम-घूम कर भोजन कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समाज में एकता का संदेश देना चाहते हैं, कि महामारी के दौरान मानवता ही लोगों को मदद पहुंचाती है. वहीं रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ डीके सिन्हा बताते हैं कि मरीजों के भोजन का इंतजाम तो रिम्स की तरफ से की जाती है, कभी-कभी वैसे परिजनों के भी भोजन का इंतजाम रिम्स कैंटीन की तरफ से कर दी जाती है, जो अत्यंत लाचार और गरीब हैं.

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