रांचीः राजधानी में विभिन्न माध्यम से रेस्क्यू किए गए बच्चों को रखने के लिए अवैध बाल गृह का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है. इसकी सूचना पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने इस बाल गृह का औचक निरीक्षण किया.
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रांची के धुर्वा स्थित अवैध तरीके से स्कूल भवन में चल रहे बच्चों के शेल्टर होम का निरीक्षण करने के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इसी संस्था को पिछले वर्ष उनके द्वारा ही बंद करने का निर्देश दिया गया था. प्रियंक कानूनगो ने कहा कि वर्ष 2022 में इसी बाल गृह में अनियमितता पाए जाने के बाद उन्होंने खुद मुकदमा दर्ज कर उसे बंद करने और इस संस्था को मिलने वाली सरकारी फंडिंग नहीं करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद ये संस्था आज भी अवैध तरीके से बाल गृह का संचालन कर रही है. उन्होंने बताया कि उन्हें सूत्रों से पता चला था कि अवैध तरीके से इस संस्था के द्वारा बाल गृह का संचालन किया जा रहा है और इसके नाम पर विदेशी फंडिंग भी ली जा रही है.
राष्ट्र बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस बाबत झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष काजल यादव को दिशा निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह के अवैध बाल गृह पर नजर रखें ताकि बच्चों की आड़ में कोई गलत काम ना किया जा सके. अपने निरीक्षण के दौरान बाल गृह में अवैध तरीके से पाए गए कफ सिरप की बोतल देखी गई. प्रियंक कानूनगो ने यहां कई अनियमितताएं और लापरवाही का आलम देखा. जिसके बाद उन्होंने शेल्टर होम के संचालकों के खिलाफ एक बार फिर नगड़ी थाना में मामला दर्ज कराया.
उन्होंने कहा कि इस तरह के शेल्टर होम में बच्चों को रखना सुरक्षित नहीं माना जा सकता है. क्योंकि जिस प्रकार से झारखंड में बच्चियों और माइनर्स एज के साथ घटनाएं हो रही हैं. वह किसी से छुपा नहीं है. सभी मामलों को लेकर नगड़ी थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया है और पूरे मामले पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है.
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने अन्य बाल गृहों का भी जायजा लिया, जहां पर वित्तीय अनियमितता देखी गई. शहर में चल रहे अवैध बाल गृह पर नकेल कसने के लिए एनसीपीसीआर के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो ने अधिकारियों एवं राज्य बाल संरक्षण आयोग के पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए.