रांचीः झारखंड में कोरोना के मद्देनजर सभी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं. सबसे अधिक मार गरीब वर्ग पर पड़ रही है. हालांकि गरीबों के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसी क्रम में लगातार राज्य के शिक्षा मंत्री द्वारा निजी स्कूल प्रबंधकों से लॉकडाउन के दौरान फीस माफ करने की अपील की जा रही है, लेकिन इसका असर निजी स्कूल प्रबंधकों पर नहीं हुआ है.
एक बार फिर निजी स्कूल से जुड़े एसोसिएशन ने साफ-साफ कहा है कि फीस माफ करना संभव नहीं है, जबकि मामले को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि अगर फीस माफ नहीं होगी तो निजी स्कूल कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
निजी स्कूल संचालकों का साफ तौर पर कहना है कि बच्चों की फीस माफ करना संभव नहीं है. दूसरी ओर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि किसी भी सूरत में स्कूलों की मनमानी चलने नहीं देंगे.
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने सभी स्कूलों को लॉकडाउन पीरियड में फीस न लेने की अपील की है. इन दिनों स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही है और अभिभावकों के आय का स्रोत छिन गया है.
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इस परेशानियों को देखते सभी स्कूलों को पत्र जारी किया गया था, लेकिन निजी स्कूलों ने सरकार की अपील को दरकिनार कर अप्रैल की फीस जमा करने का मैसेज भेज दिया है.
इसको लेकर अभिभावक परेशान हैं. निजी स्कूलों से जुड़े एसोसिएशन के सचिव वी. चंद्रशेखर ने स्पष्ट कहा है फीस माफ करना संभव नहीं है. इधर, शिक्षा मंत्री ने निजी स्कूल प्रबंधकों को चेतावनी देते हैं कहा है कि अगर निजी स्कूल संचालकों ने निर्देश की अवमानना की तो कार्रवाई करेंगे.