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Private Lab Operators Protest In Jharkhand: निजी लैब संचालक आज नहीं करेंगे कोरोना जांच, RT-PCR जांच शुल्क घटाने का विरोध

झारखंड में RT-PCR test fee घटाने का सरकार का फैसला निजी लैब संचालकों को रास नहीं आया. इसके विरोध में निजी लैब संचालक शुक्रवार को कोरोना जांच नहीं करेंगे.

Private Lab Operators Strike In Jharkhand
निजी लैब संचालक आज नहीं करेंगे जांच
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Published : Jan 21, 2022, 7:46 AM IST

Updated : Jan 21, 2022, 9:55 AM IST

रांचीः झारखंड सरकार की ओर से निजी लैब में कोरोना जांच शुल्क घटाए जाने का फैसला निजी लैब संचालकों को रास नहीं आया. सरकार के फैसले के खिलाफ निजी लैब संचालक विरोध पर उतर आए हैं. रांची के निजी लैब संचालकों ने गुरुवार रात इसको लेकर करमटोली के आईएमए भवन में आपात बैठक की. बैठक में सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई गई. साथ ही इसके विरोध में निजी पैथलैब संचालकों ने शुक्रवार को कोरोना जांच नहीं करने का भी ऐलान किया.

ये भी पढ़ें-झारखंड में कोरोना जांच की दर घटी, 300 में RT-PCR और 50 रुपए में होगा RAT, निजी लैब संचालकों ने किया विरोध

आईएमए भवन में निजी लैब संचालकों की बैठक में अधिकतर ने कहा कि 300 रुपये में जांच करने में ने असमर्थ हैं क्योंकि इतनी कम राशि में उन्हें नुकसान उठाना होगा. लैब संचालकों का कहना था कि सरकार 300 रुपये में जांच करना चाहती है तो उन्हें प्रति जांच 200 रुपये सब्सिडी दे. जांच में न केवल किट का खर्च होता है बल्कि मशीन में करोड़ों का इंवेस्टमेंट में होता है. उन्हें कर्मचारियों की सैलरी ( कोरोनाकाल में ज्यादा देना पड़ रहा है), बिजली बिल, अन्य मेंटेनेंस पर भी खर्च करना पड़ता है. साथ ही निजी लैब संचालक कम मात्रा में हजारों की संख्या में किट खरीदते हैं, जिसके कारण उन्हें अधिक मात्रा (लाखों की संख्या) में किट लेने वालों की तुलना में ज्यादा भुगतान करना पड़ता है.



अपर मुख्य सचिव से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

रांची में निजी लैब संचालकों ने कहा कि इस बाबत निजी लैब संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव से मिल कर अपनी समस्याएं बताएगा. लैब संचालकों ने कहा कि सरकार ने रैपिड एंटीजेन टेस्ट का शुल्क 50 रुपये तय किया है. जबकि बाजार में रैट किट 250-350 रुपये की आती है. लैब संचालकों को इस पर प्रति किट 90 रुपये एवं टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में कोई भी लैब 50 रुपये में रैपिड एंटीजेन जांच कैसे कर सकती है. बैठक में जे. शरण, एन. शरण, माइक्रोप्रैक्सिस आदि निजी लैब के प्रतिनिधि शामिल थे.

रांचीः झारखंड सरकार की ओर से निजी लैब में कोरोना जांच शुल्क घटाए जाने का फैसला निजी लैब संचालकों को रास नहीं आया. सरकार के फैसले के खिलाफ निजी लैब संचालक विरोध पर उतर आए हैं. रांची के निजी लैब संचालकों ने गुरुवार रात इसको लेकर करमटोली के आईएमए भवन में आपात बैठक की. बैठक में सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई गई. साथ ही इसके विरोध में निजी पैथलैब संचालकों ने शुक्रवार को कोरोना जांच नहीं करने का भी ऐलान किया.

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आईएमए भवन में निजी लैब संचालकों की बैठक में अधिकतर ने कहा कि 300 रुपये में जांच करने में ने असमर्थ हैं क्योंकि इतनी कम राशि में उन्हें नुकसान उठाना होगा. लैब संचालकों का कहना था कि सरकार 300 रुपये में जांच करना चाहती है तो उन्हें प्रति जांच 200 रुपये सब्सिडी दे. जांच में न केवल किट का खर्च होता है बल्कि मशीन में करोड़ों का इंवेस्टमेंट में होता है. उन्हें कर्मचारियों की सैलरी ( कोरोनाकाल में ज्यादा देना पड़ रहा है), बिजली बिल, अन्य मेंटेनेंस पर भी खर्च करना पड़ता है. साथ ही निजी लैब संचालक कम मात्रा में हजारों की संख्या में किट खरीदते हैं, जिसके कारण उन्हें अधिक मात्रा (लाखों की संख्या) में किट लेने वालों की तुलना में ज्यादा भुगतान करना पड़ता है.



अपर मुख्य सचिव से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

रांची में निजी लैब संचालकों ने कहा कि इस बाबत निजी लैब संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव से मिल कर अपनी समस्याएं बताएगा. लैब संचालकों ने कहा कि सरकार ने रैपिड एंटीजेन टेस्ट का शुल्क 50 रुपये तय किया है. जबकि बाजार में रैट किट 250-350 रुपये की आती है. लैब संचालकों को इस पर प्रति किट 90 रुपये एवं टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में कोई भी लैब 50 रुपये में रैपिड एंटीजेन जांच कैसे कर सकती है. बैठक में जे. शरण, एन. शरण, माइक्रोप्रैक्सिस आदि निजी लैब के प्रतिनिधि शामिल थे.

Last Updated : Jan 21, 2022, 9:55 AM IST
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