रांचीः झारखंड कांग्रेस के चार बड़े नेताओं को रविवार को अनुशासनहीनता के आरोप में छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया. सोमवार को दल से निष्कासित चार नेताओं में से तीन ने स्टेट गेस्ट हाउस में संवाददाता सम्मेलन किया. जिसमें उन्होंने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया.
नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी के विदेशी मूल का होने के मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ने वाले वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर कांग्रेस को कमजोर करने में लगे हैं. कांग्रेस से निष्कासित प्रदेश महासचिव आलोक दुबे ने कहा कि उनकी तीसरी पीढ़ी कांग्रेस में है और कोई उन्हें कांग्रेसी होने से नहीं रोक सकता. आलोक दुबे ने कहा कि रायपुर में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में वह अपने साथियों के साथ जाएंगे और वहां धरना देंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से कार्रवाई की अनुशंसा के बाद दिल्ली जाकर अपना पक्ष रखा था. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनकी बातों को सुनने के बाद दो वरिष्ठ नेताओं को पूरे मामले की जांच करने को भी कहा था. आलोक दुबे ने कहा कि दल के सर्वोच्च नेता के पास उनलोगों का मामला लंबित है और व्यक्तिगत खुन्नस की वजह से प्रदेश अध्यक्ष ने चार साथियों को दल से निकाला है.
जो आरोप प्रदेश अध्यक्ष पर लगाये थे वह आज भी जीवंतः निष्कासित प्रदेश महासचिव राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के द्वारा बनाये गए प्रदेश अध्यक्ष लगातार दल को कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं. कैश कांड में जिन तीन विधायकों पर केस हुआ वह सभी उन वर्गों से आते हैं जो कांग्रेस के कोर वोटर हैं. मैं ओबीसी हूं इसलिए मुझे टारगेट किया गया है. यह सब जानबूझकर इसलिए किया जा रहा है कि कांग्रेस राज्य में कमजोर हो. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि जो व्यक्ति सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर दल छोड़ कर कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा था, वह हमें अनुशासन का पाठ पढ़ायेगा. हम कांग्रेसी थे, कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी ही रहेंगे.
वहीं कांग्रेस से निष्कासित डेलीगेट्स मेम्बर किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि वह चुप नहीं बैठेंगे. इस मुद्दे पर राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलेंगे अपनी बात रखेंगे. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष का पुतला प्रदेश कार्यालय के समक्ष फूंका, उसे पद देकर सम्मानित किया गया और हम लोग दल को मजबूत करने की बात कहते हैं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है. यह दर्शाता है कि आरपीएन सिंह के इशारे पर झारखंड कांग्रेस को कमजोर करने की साजिश प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर लगातार कर रहे हैं.
क्या था पूरा मामलाः झारखंड कांग्रेस अनुशासन समिति ने पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में सात नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी. जिनमे से दो नेताओं को क्लीन चिट मिल गई थी, जबकि पांच नेताओं को दल से निष्कासित करने की अनुशंसा 08 जनवरी को की गई थी. जिन नेताओं को दल से बाहर करने की अनुशंसा की गई थी, उनमें प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता, प्रदेश सचिव साधु शरण गोप और सुनील सिंह के अलावा प्रदेश डेलीगेट्स मेम्बर लाल किशोर नाथ शाहदेव के नाम शामिल थे. दो अन्य अनुशासनहीनता के आरोपी राकेश तिवारी, अनिल ओझा के शोकॉज के आये जवाब से संतुष्ट होकर प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी. इन नेताओं पर आरोप था कि उन्होंने अपने प्रदेश अध्यक्ष, पार्टी आलाकमान के खिलाफ मीडिया और सोशल मीडिया पर बयानबाजी की, पार्टी लाइन से अलग जाकर बैठक की और दल की नीति तथा सिद्धांतों को कमजोर करने का काम किया. इन पांच में से प्रदेश सचिव सुनील सिंह ने बाद में लिखित माफी मांग ली. जिसके बाद उन्हें भी माफी मिल गई थी.