रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवकों को 5000 और 7000 रुपये प्रति वर्ष सहायता राशि के रूप में देने जा रही है. झारखंड विधानसभा में बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राशि एक तरह की सहायता है, ताकी वह अपने प्रतियोगी परीक्षाओं का फॉर्म भर सकें. उन्होंने कहा कि यहां एक बात स्पष्ट है कि बेरोजगारी भत्ता को युवा रोजगार नहीं बनाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य रोजगार प्रदान करना है. उनकी सरकार की प्राथमिकता में बेरोजगारों को रोजगार देना शामिल है.
प्रोत्साहन राशि का लाभ वैसे लोग ले सकेंगे जिन्होंने पिछले 3 साल में स्नातक या स्नातकोत्तर किया है. इसके तहत वर्ष 2020-21 में 146 करोड़ का भार पड़ेगा.
पहले चरण में किसानों के 50 हजार का ऋण होगा माफ
वहीं, किसानों की कर्ज माफी के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि पहले चरण के वैसे किसानों का ऋण माफ किया जाएगा जिनके ऊपर 50 हजार तक का कर्जा है.
सीएम ने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सहभागिता बढ़े इसको लेकर सरकार प्रयत्नशील है. उन्होंने कहा इससे राज्य सरकार का बजी नाम होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारों की फौज को लेकर सवाल खड़े होते है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में लोक लाज से हटकर काम हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारों की फौज खड़ी है. इसे में 400 करोड़ की असेम्बली, 6-7 सौ करोड़ का हाई कोर्ट भवन और 1600 करोड़ का राज्य सचिवालय भवन पिछली सरकार के इन कामों पर गंभीरता से सोचने को विवश करता है.
हर जिले के स्कूल किये जायेंगे डेवलप
उन्होंने कहा कि हर जिले में स्कूल को उच्च स्तरीय रूप में विकसित किया जाएगा, साथ ही अस्पताल में सुविधाएं और बढ़ाई जाएंगी. हर पंचायत में 5 चापानल या कुएं खोदे जाएंगे.
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वहीं, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बेरोजगारों को नौकरी देने की है. उन्होंने कहा कि खेल नीति को रोजगार नीति से जोड़ा जाएगा. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाओं के नाम से एक रुपए की रजिस्ट्री वाली योजना बंद नहीं की गई है. उसको लेकर फिलहाल अध्ययन किया जा रहा है. हालांकि उन्होंने साफ किया कि कृषि आशीर्वाद योजना बंद कर दी गई है. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों का ऋण माफ कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने पर विचार कर रही है ऐसे में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की जरूरत नहीं है.
इन योजनाओं की होगी शुरुआत
आयुष्मान भारत योजना की तरह आम लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बीपीएल परिवारों के अलावे अन्य एपीएल परिवार को भी स्वास्थ बीमा योजना शुरू कराने का प्रस्ताव है. सरकार का दावा है कि इससे 92 प्रतिशत जनसंख्या कवर होगी.
लुंगी, धोती और साड़ी योजना
नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत कवर होने वाले 57 लाख परिवारों को इस योजना से जोड़ा जाएगा. इसके तहत उन परिवारों में लुंगी, धोती और साड़ी अनुदानित दर पर दी जाएगी.
साथ ही सभी सरकारी स्कूल के छात्रों को मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृति दी जाएगी.
300 यूनिट बिजली खपत करने वालों को 100 यूनिट मुफ्त
वहीं, 300 यूनिट बिजली खपत करने वाले परिवारों को शुरुआती 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी. साथ ही गंभीर लीवर रोग, कैंसर और किडनी के इलाज के लिए सरकार मुफ्त इलाज कराएगी. साथ ही 50 साल से ऊपर 10 लाख लोगों को अतिरिक्त राशन दिए जाने की योजना है.