रांचीः राज्यपाल रमेश बैस ने DGP को निर्देश दिया है कि रांची में हिंसा उपद्रव करने वालों लोगों की पहचान कर उनकी तस्वीर और नाम पते के साथ शहर के प्रमुख स्थान पर होर्डिंग्स लगवाएं. राज्यपाल के निर्देश के बाद प्रशासन ने हिंसा में शामिल उपद्रवियों का पोस्टर बनाकर उसे शहर के चौक चौराहों पर लगाने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल रांची पुलिस ने संशोधन के लिए जारी तमाम फोटो को वापस ले लिया है.
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इससे पहले राजभवन से मिले निर्देश पर मंगलवार को प्रशासन ने रांची हिंसा के उपद्रवियों के बैनर पोस्टर लगाने की पूरी तैयारी कर ली थी. लेकिन आखिरी वक्त में रांची पुलिस ने तमाम फोटो वापस ले लिए है. इसके पीछे पुलिस ने उन फोटो में संशोधन करने की दलील दी गयी है. रांची पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए लिखा है कि 'सभी मीडिया बंधु एवं आमजनों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 10 जून को रांची में घटित हिंसक घटना में वांछित उपद्रवियों का फोटो जारी किया गया था परंतु संशोधन हेतु उसे वापस लिया जाता है'.
रांची में हुई हिंसा राज्यपाल रमेश बैस ने सोमवार को डीजीपी नीरज सिन्हा के साथ प्रदेश के आला पुलिस अफसरों को राजभवन में तलब किया था. राज्यपाल ने डीजीपी को पूछा कि रांची में हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर पुलिस के पास क्या इंटेलिजेंस इनपुट थे और इसके आधार पर उन्होंने प्रिवेंटिव एक्शन क्यों नहीं लिया था. राज्यपाल ने डीजीपी को निर्देश दिया है कि रांची में शुक्रवार (10 जून) को सड़कों पर हिंसा और उपद्रव करने वालों लोगों की पहचान कर उनकी तस्वीरों और नाम-पते के साथ शहर के प्रमुख स्थान पर होर्डिंग्स लगवाएं, ताकि आम नागरिक इनके बारे में पुलिस को सूचना दे सकें.
इसके साथ ही राज्यपाल ने अफसरों से जानना चाहा कि धरना, प्रदर्शन, जुलूस के बारे में क्या जानकारी थी और इसे लेकर उन्होंने क्या व्यवस्थाएं कर रखी थीं. इस पर डीजीपी ने बताया कि आईबी की इनपुट में था कि लगभग डेढ़ सौ लोग अराजकता फैलाने की कोशिश कर सकते हैं. इसके अलावा राज्यपाल ने जुलूस के दौरान मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों और मजिस्ट्रेट की संख्या और इस कांड के सिलसिले में अब तक हुई गिरफ्तारियों के बारे में भी जानकारी ली. सोमवार को डीजीपी के अलावा राज्य के एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर, रांची के उपायुक्त छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा राजभवन तलब किए गए थे.