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'कोरोना वैक्सीन को लेकर मां सरस्वती भक्तों को करेंगी जागरूक', खास थीम पर बन रहीं प्रतिमाएं

रांची में इस वर्ष सरस्वती पूजा को लेकर शहर के लोग उत्साहित हैं. इस पर्व के दौरान भी लोगों को कोरोना महामारी को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है. क्योंकि कोरोना गया नहीं है. भले ही टीकाकरण शुरू हो चुका है. इस वर्ष युवाओं ने मां सरस्वती की वंदना करने के साथ ही लोगों को कोरोना महामारी को लेकर जागरूक करने का काम भी करेगी. प्रशासनिक स्तर पर भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

Preparation for Saraswati Puja in Ranchi
रांची में सरस्वती पूजा की तैयारी
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Published : Feb 10, 2021, 2:34 PM IST

Updated : Feb 11, 2021, 5:00 PM IST

रांची: कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020 के तमाम पर्व त्यौहार बदरंग तरीके से आयोजित हुआ. कहीं भी भव्य आयोजन नहीं हो सका. दुर्गा पूजा जैसे महोत्सव में भी लोग अपने घरों में रखकर ही मां दुर्गा की आराधना करते दिखे, लेकिन वर्ष 2021 में सबसे पहले देवी सरस्वती की आराधना को लेकर शहर के लोग उत्साहित हैं. हालांकि इस पर्व के दौरान भी लोगों को कोरोना महामारी को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है. क्योंकि कोरोना गया नहीं है. भले ही टीकाकरण शुरू हो चुका है.

देखें पूरी खबर
इस वर्ष राजधानी रांची के युवाओं ने मां सरस्वती की वंदना करने के साथ ही लोगों को कोरोना महामारी को लेकर जागरूक करने का काम भी करेगी. युवाओं ने इसकी पूरी तैयारी बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा के दौरान किया है. मूर्तिकार भी इस बार अपनी रंग, कुचियों और कलाकारी के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस को लेकर जागरूक करने का बेहतर तरीका निकाला है. इस वर्ष राजधानी रांची में कोरोना वायरस के थीम पर ही प्रतिमाओं का निर्माण हो रहा है.

प्रशासनिक स्तर पर भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह

एक से बढ़कर एक प्रतिमाएं इस महामारी के त्रासदी को बेहतर ढंग से दिखाने के लिए तैयार किए गए हैं. दरअसल इस वर्ष भी राजधानी रांची में प्रत्येक वर्ष की तरह एक हजार से अधिक स्थानों पर प्रतिमा स्थापित की जाएगी. गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे और विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी लोग कोरोना वायरस के कम होते रफ्तार के साथ इस पर्व को मनाने की तैयारी में है. प्रशासनिक स्तर पर भी लोगों को सतर्क रहने क सलाह दी गई है.

कोरोना के प्रति जागरूकता के थीम पर कई मूर्तिया तैयार

पूजा आयोजक, युवा और मूर्तिकार भी लोगों को जागरूक करने की पूरी तैयारी में हैं. मूर्तिकार अजय पाल की मानें तो प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष उत्साह नहीं है. इसके बावजूद युवा सरस्वती पूजा के कुछ दिन पहले ही प्रतिमा की डिमांड को लेकर उनके पास आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरना के कारण लगातार इस व्यवसाय में घाटा हो रहा है. कारीगरों को मानदेय देने में भी दिक्कत हो रहा है. इसके बावजूद लोगों की श्रद्धा को देखते हुए पूजा आयोजन में कमी न रहें. इसकी तैयारी वह अपने तरीके से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना के थीम पर ऐसी कई मूर्तियों का आर्डर आ गया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड बना मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर, अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पशुधन विकास योजना पर दिय जोर

वैक्सीनेशन को लेकर किया जा रहा जागरूक
वहीं, युवाओं ने भी इस वर्ष लोगों को जागरूक करने के लिए अपने तरीके से तैयारी की है. पंडाल के साथ-साथ मूर्ति का प्रारूप भी कोरोना के थीम पर है. इसमें कोरोना से लड़ने के तरीके को दिखाया गया है. इस बार मां सरस्वती खुद कोरोना की वैक्सीन लगाती दिख रहीं हैं. कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरुक भी मां सरस्वती की प्रतिमा के जरिए किया जा रहा है. बताते चलें कि देशभर में कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. कुछ लोगों के मन में कोरोना टीका को लेकर हिचक है. इस हिचक को दूर करने के लिए भी कई ऐसी मूर्तियां हैं, जो लोगों को जागरूक करेगी.

रांची: कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020 के तमाम पर्व त्यौहार बदरंग तरीके से आयोजित हुआ. कहीं भी भव्य आयोजन नहीं हो सका. दुर्गा पूजा जैसे महोत्सव में भी लोग अपने घरों में रखकर ही मां दुर्गा की आराधना करते दिखे, लेकिन वर्ष 2021 में सबसे पहले देवी सरस्वती की आराधना को लेकर शहर के लोग उत्साहित हैं. हालांकि इस पर्व के दौरान भी लोगों को कोरोना महामारी को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है. क्योंकि कोरोना गया नहीं है. भले ही टीकाकरण शुरू हो चुका है.

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इस वर्ष राजधानी रांची के युवाओं ने मां सरस्वती की वंदना करने के साथ ही लोगों को कोरोना महामारी को लेकर जागरूक करने का काम भी करेगी. युवाओं ने इसकी पूरी तैयारी बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा के दौरान किया है. मूर्तिकार भी इस बार अपनी रंग, कुचियों और कलाकारी के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस को लेकर जागरूक करने का बेहतर तरीका निकाला है. इस वर्ष राजधानी रांची में कोरोना वायरस के थीम पर ही प्रतिमाओं का निर्माण हो रहा है.

प्रशासनिक स्तर पर भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह

एक से बढ़कर एक प्रतिमाएं इस महामारी के त्रासदी को बेहतर ढंग से दिखाने के लिए तैयार किए गए हैं. दरअसल इस वर्ष भी राजधानी रांची में प्रत्येक वर्ष की तरह एक हजार से अधिक स्थानों पर प्रतिमा स्थापित की जाएगी. गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे और विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी लोग कोरोना वायरस के कम होते रफ्तार के साथ इस पर्व को मनाने की तैयारी में है. प्रशासनिक स्तर पर भी लोगों को सतर्क रहने क सलाह दी गई है.

कोरोना के प्रति जागरूकता के थीम पर कई मूर्तिया तैयार

पूजा आयोजक, युवा और मूर्तिकार भी लोगों को जागरूक करने की पूरी तैयारी में हैं. मूर्तिकार अजय पाल की मानें तो प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष उत्साह नहीं है. इसके बावजूद युवा सरस्वती पूजा के कुछ दिन पहले ही प्रतिमा की डिमांड को लेकर उनके पास आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरना के कारण लगातार इस व्यवसाय में घाटा हो रहा है. कारीगरों को मानदेय देने में भी दिक्कत हो रहा है. इसके बावजूद लोगों की श्रद्धा को देखते हुए पूजा आयोजन में कमी न रहें. इसकी तैयारी वह अपने तरीके से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना के थीम पर ऐसी कई मूर्तियों का आर्डर आ गया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड बना मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर, अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पशुधन विकास योजना पर दिय जोर

वैक्सीनेशन को लेकर किया जा रहा जागरूक
वहीं, युवाओं ने भी इस वर्ष लोगों को जागरूक करने के लिए अपने तरीके से तैयारी की है. पंडाल के साथ-साथ मूर्ति का प्रारूप भी कोरोना के थीम पर है. इसमें कोरोना से लड़ने के तरीके को दिखाया गया है. इस बार मां सरस्वती खुद कोरोना की वैक्सीन लगाती दिख रहीं हैं. कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरुक भी मां सरस्वती की प्रतिमा के जरिए किया जा रहा है. बताते चलें कि देशभर में कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. कुछ लोगों के मन में कोरोना टीका को लेकर हिचक है. इस हिचक को दूर करने के लिए भी कई ऐसी मूर्तियां हैं, जो लोगों को जागरूक करेगी.

Last Updated : Feb 11, 2021, 5:00 PM IST
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