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शर्मनाक: रेलवे स्टेशन पर तड़पती रही महिला, रिम्स में प्रसव के दौरान बच्चे की मौत

रांची रेलवे स्टेशन (Ranchi Railway Station) पर उस वक्त रेलवे प्रशासन की घोर लापरवाही देखने को मिली जब एक गर्भवती महिला (Pregnant Woman) को दर्द हुआ और इलाज के लिए कोई डॉक्टर स्टेशन पर मौजूद नहीं था. जब तक महिला को रिम्स (RIIMS) पहुंचाया गया तब तक बच्चे की मौत हो गई. महिला चेन्नई (Chennai) से धनबाद(Dhanbad) जा रही थी.

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रांची रेलवे स्टेशन पर तड़पती रही महिला नहीं पहुंचे चिकित्सक
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Published : Jun 26, 2021, 6:21 PM IST

रांची: एक बार फिर रांची रेलवे स्टेशन (Ranchi Railway Station) पर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना घटी है. इसके बावजूद प्रबंधक चुप है. मामले को लेकर ना तो कोई सफाई दे रहा है और ना ही उनके पास कोई जवाब है लेकिन जो परिजनों से जानकारी मिली है यह मामला काफी गंभीर है. रांची रेलवे स्टेशन (Ranchi Railway Station) पर एक गर्भवती महिला (Pregnant Woman) को दर्द हुआ लेकिन स्टेशन पर कोई डॉक्टर न होने की वजह से बच्चे को नहीं बचाया जा सका.

ये भी पढ़े- चलती ट्रेन में चढ़ते वक्त फिसली महिला, RPF जवान ने कैसे बचाई जान, देखें वीडियो

एलेप्पी एक्सप्रेस में सफर कर रही थी महिला

शनिवार को चेन्नई (Chennai) से धनबाद(Dhanbad) जा रही एलेप्पी एक्सप्रेस (Alleppey Express) में अपने परिजन के साथ एक गर्भवती महिला धनबाद जा रही थी. रांची रेलवे स्टेशन पहुंचते ही महिला को लेबर पेन उठा और वह कहराने लगी. परिजनों ने इसकी सूचना तुरंत आरपीएफ (RPF) को दी. आरपीएफ ने प्रबंधन को इससे अवगत कराया लेकिन आधे घंटा बीत जाने के बाद भी महिला को देखने ना तो रेलवे का कोई चिकित्सक (Doctor) आया और ना ही किसी ने भी इसकी सुध ली.

जानकारी के मुताबिक महिला ट्रेन संख्या 03352 एलेप्पी धनबाद एक्सप्रेस (Alleppey Express) के S-11 बर्थ नंबर 58/ 64 पर सवार थी. धनबाद (Dhanbad) से उन्हें नवादा (Nawada) जाना था. काजल कुमारी नाम की यह महिला अपने पति रंजन कुमार के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी.

स्टेशनों पर चिकित्सक रहना अनिवार्य

आनन-फानन में आरपीएफ की मदद से इस महिला को निजी वाहन से रिम्स (RIIMS) भेजा गया लेकिन प्रसव (Delivery) के दौरान रिम्स में बच्चे की मौत हो गई है. नियमानुसार मोटी पगार पर रेलवे स्टेशनों पर चिकित्सकों (Doctors) की तैनाती की जाती है. इसके बावजूद आपातकाल से निपटने के लिए चिकित्सकों की गैरमौजूदगी यह दर्शाती है कि रेल प्रशासन कितना लापरवाह है. जिला प्रशासन की ओर से रांची रेलवे स्टेशन में एंबुलेंस (Ambulance) मुहैया कराई गई है लेकिन यह भी शोपीस बनकर रह गई है. इसका उपयोग भी नहीं हो रहा है.

समय रहते चिकित्सक आते तो बच जाती जान

परिजनों ने कहा कि अगर समय रहते रेलवे के चिकित्सक या एंबुलेंस की व्यवस्था हो जाती तो शायद आज बच्चा उनकी गोद में होता. रिम्स से महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया है और आज वह अपना सब कुछ खोकर अपने घर के लिए रवाना हो गई है. मामले को लेकर रांची रेल मंडल के पास कोई जवाब नहीं है. अधिकारी चुप हैं और एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं.

गंभीर है मामला

यह मामला काफी गंभीर है. इससे पहले भी कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं. कोई भी दुर्घटना होने पर भी रांची रेलवे स्टेशन पर चिकित्सक आते ही नहीं है. आनन-फानन में ही इमरजेंसी केस को विभिन्न अस्पतालों में भेजा जाता है और इसका नतीजा आपके सामने है.

रांची: एक बार फिर रांची रेलवे स्टेशन (Ranchi Railway Station) पर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना घटी है. इसके बावजूद प्रबंधक चुप है. मामले को लेकर ना तो कोई सफाई दे रहा है और ना ही उनके पास कोई जवाब है लेकिन जो परिजनों से जानकारी मिली है यह मामला काफी गंभीर है. रांची रेलवे स्टेशन (Ranchi Railway Station) पर एक गर्भवती महिला (Pregnant Woman) को दर्द हुआ लेकिन स्टेशन पर कोई डॉक्टर न होने की वजह से बच्चे को नहीं बचाया जा सका.

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एलेप्पी एक्सप्रेस में सफर कर रही थी महिला

शनिवार को चेन्नई (Chennai) से धनबाद(Dhanbad) जा रही एलेप्पी एक्सप्रेस (Alleppey Express) में अपने परिजन के साथ एक गर्भवती महिला धनबाद जा रही थी. रांची रेलवे स्टेशन पहुंचते ही महिला को लेबर पेन उठा और वह कहराने लगी. परिजनों ने इसकी सूचना तुरंत आरपीएफ (RPF) को दी. आरपीएफ ने प्रबंधन को इससे अवगत कराया लेकिन आधे घंटा बीत जाने के बाद भी महिला को देखने ना तो रेलवे का कोई चिकित्सक (Doctor) आया और ना ही किसी ने भी इसकी सुध ली.

जानकारी के मुताबिक महिला ट्रेन संख्या 03352 एलेप्पी धनबाद एक्सप्रेस (Alleppey Express) के S-11 बर्थ नंबर 58/ 64 पर सवार थी. धनबाद (Dhanbad) से उन्हें नवादा (Nawada) जाना था. काजल कुमारी नाम की यह महिला अपने पति रंजन कुमार के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी.

स्टेशनों पर चिकित्सक रहना अनिवार्य

आनन-फानन में आरपीएफ की मदद से इस महिला को निजी वाहन से रिम्स (RIIMS) भेजा गया लेकिन प्रसव (Delivery) के दौरान रिम्स में बच्चे की मौत हो गई है. नियमानुसार मोटी पगार पर रेलवे स्टेशनों पर चिकित्सकों (Doctors) की तैनाती की जाती है. इसके बावजूद आपातकाल से निपटने के लिए चिकित्सकों की गैरमौजूदगी यह दर्शाती है कि रेल प्रशासन कितना लापरवाह है. जिला प्रशासन की ओर से रांची रेलवे स्टेशन में एंबुलेंस (Ambulance) मुहैया कराई गई है लेकिन यह भी शोपीस बनकर रह गई है. इसका उपयोग भी नहीं हो रहा है.

समय रहते चिकित्सक आते तो बच जाती जान

परिजनों ने कहा कि अगर समय रहते रेलवे के चिकित्सक या एंबुलेंस की व्यवस्था हो जाती तो शायद आज बच्चा उनकी गोद में होता. रिम्स से महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया है और आज वह अपना सब कुछ खोकर अपने घर के लिए रवाना हो गई है. मामले को लेकर रांची रेल मंडल के पास कोई जवाब नहीं है. अधिकारी चुप हैं और एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं.

गंभीर है मामला

यह मामला काफी गंभीर है. इससे पहले भी कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं. कोई भी दुर्घटना होने पर भी रांची रेलवे स्टेशन पर चिकित्सक आते ही नहीं है. आनन-फानन में ही इमरजेंसी केस को विभिन्न अस्पतालों में भेजा जाता है और इसका नतीजा आपके सामने है.

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