रांचीः झारखंड को अलग राज्य बने 20 वर्ष हो चुके हैं. हर दिन बड़ी संख्या में गाड़ियां सड़कों पर उतर रही हैं. लेकिन गाड़ियों की बढ़ती संख्या के अनुपात में सड़कें चौड़ी नहीं हुई. इस मामले में राजधानी रांची की स्थिति सबसे खराब है. स्थिति यह है कि पीक आवर में सड़कों पर गाड़ियां रेंगती हैं. इसी समस्या से निजात दिलाने को लेकर पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने कांटाटोली में फ्लाइओवर बनाने की पहल शुरू की, जो अब फाइलों में सिमट गई है. इसको लेकर फिर राजनीति शुरू हो गई है.
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कांटाटोली में फ्लाइओवर बनाने को लेकर रघुवर सरकार के शासनकाल में अतिक्रमण हटाया गया. इसके बाद डीपीआर बना और कंपनी भी चयनित की गई. चयनित कंपनी ने पिलर बनने का काम शुरू किया, लेकिन बीच में ही प्रोजेक्ट की हवा निकल गई. अब नये सिरे से हेमंत सरकार ने कांटाटोली फ्लाईओवर का डीपीआर तैयार करवाया है.
नये सिरे से बनाया जा रहा डीपीआर
अब इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. रघुवर सरकार के समय फ्लाइओवर की लंबाई खादगढ़ा से कोकर के शांतिनगर तक 1250 मीटर थी. अब इसको बढ़ाकर 2100 मीटर कर दिया गया है. अब इस फ्लाइओवर का निर्माण कोकर से योगदा सत्संग चौक तक बढ़ा दिया गया है. जाहिर है लंबाई बढ़ने से लागत भी बढ़ी है, लेकिन भाजपा को इसमें कुछ और नजर आ रही है.
बेवजह निर्माण में किया जा रहा विलंब
भाजपा का आरोप है कि हेमंत सरकार फ्लाइओवर निर्माण में खेल कर रही है. यही वजह है कि निर्माण में विलंब कराया जा रहा है. भाजपा विधायक राज सिन्हा ने धनबाद में प्रस्तावित वासेपुर फ्लाइओवर का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट भी लटका पड़ा है. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार ने वर्ष 2020 तक कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो सका है. वहीं, कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि नये सिरे से डीपीआर तैयार किया जा रहा है. इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी बात हुई है और शीघ्र तेजी से काम शुरू होगा.