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ओवैसी की पार्टी को लेकर इंडिया गठबंधन और एनडीए में शुरू हुई बयानबाजी, झामुमो ने AIMIM को बताया भाजपा की बी टीम

डुमरी उपचुनाव के लिए राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. झामुमो और कांग्रेस ने भाजपा और आजसू के साथ ही ओवैसी की पार्टी पर भी हमला बोलना शुरू कर दिया है. वे इसे भाजपा की बी टीम बता रहे हैं. वहीं भाजपा ने इसे लेकर झामुमो और कांग्रेस पर अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप लगाया है.

AIMIM in Dumri Byelections
AIMIM in Dumri Byelections
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Published : Aug 16, 2023, 6:37 PM IST

नेताओं के बयान

रांची: डुमरी विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए इंडिया और एनडीए के दल तैयारियों में लगे हुए हैं. इस तैयारी के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज है. इंडिया गठबंधन के निशाने पर अब भाजपा और आजसू के साथ-साथ ओवैसी और उनकी पार्टी AIMIM भी आ गई है. इंडिया गठबंधन के दल ओवैसी की पार्टी को भाजपा की बी टीम बता जनता को सावधान रहने की अपील कर रही है. वहीं भाजपा के नेता इंडिया दलों पर अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: झामुमो का बाबूलाल पर तंज: सुप्रियो ने कहा- हवाई सपना देख रहे बाबूलाल मरांडी, 2019 विधानसभा चुनाव के आंकड़े का दिया हवाला

इस बार डुमरी विधानसभा उपचुनाव में सीधा मुकाबला NDA vs I.N.D.I.A के बीच होने की संभावना है. इस बीच इंडिया दलों को डर इस बात का सता रहा है कि अगर अल्पसंख्यकों का वोट 2019 की तरह 2023 में भी ओवैसी की पार्टी को मिला या उससे अधिक वोट पाने में ओवैसी की पार्टी सफल हो जाती है, तो फिर इसका नुकसान इंडिया गठबंधन को ही होगा.

भाजपा की बी टीम है ओवैसी की पार्टी-झामुमो: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय कहते भी हैं कि यह भाजपा की बी टीम है. उन्होंने कहा कि 2019 में ओवैसी की पार्टी की वजह से अल्पसंख्यक वोटों का बिखराव हुआ. इससे कम से कम छह से सात विधानसभा सीट महागठबंधन को कम मिला.

मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा की डमी पार्टी के रूप में ओवैसी की पार्टी चुनाव मैदान में उतरती है. लेकिन इस बार माहौल दूसरा है. इसलिए डुमरी की जनता, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग NDA के साथ-साथ ओवैसी को भी सबक सिखाएंगे. वहीं प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि डुमरी में इस बार जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि देने के लिए चुनाव हो रहा है. ऐसे में भाजपा चुनाव लड़ें या आजसू या ओवैसी की पार्टी कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

अनर्गल बयानबाजी करने लगे हैं झामुमो-कांग्रेस के नेता-भाजपा: ओवैसी की पार्टी को भाजपा की बी टीम बताने पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि दरअसल, डुमरी में हार का अंदेशा अब झामुमो-कांग्रेस को दिखने लगा है. ऐसे में अब चाहे कांग्रेस के नेता हो या झामुमो के नेता सभी का अनर्गल प्रलाप शुरू हो गया है.

AIMIM की ओर से अब्दुल मोबिन रिजवी होंगे प्रत्याशी: ओवैसी की पार्टी AIMIM ने डुमरी में ना सिर्फ अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है बल्कि ओवैसी की दो चुनावी सभा भी करने का ऐलान कर दिया है. जाहिर है कि जिस वर्ग के वोट पर इंडिया के दल अपना दावा जताते रहे हैं, उसमें अगर बिखराव की स्थिति बनी तो फिर डुमरी की चुनावी डगर इंडिया गठबंधन के लिए उतना आसान भी नहीं होगा.

2019 में चौथे स्थान पर रहा था AIMIM का उम्मीदवार: AIMIM उम्मीदवार अब्दुल मोबिन रिजवी 2019 के विधानसभा चुनाव में 24132 वोट पाने में सफल रहे थे. उस चुनाव में 71128 मत लेकर झामुमो के जगरनाथ महतो ने जीत हासिल की थी. वहीं आजसू उम्मीदवार यशोदा देवी 36840 मत लेकर दूसरे और भाजपा के प्रदीप साहू 36013 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. जदयू के लालचंद महतो को 5219 मिले थे.

नेताओं के बयान

रांची: डुमरी विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए इंडिया और एनडीए के दल तैयारियों में लगे हुए हैं. इस तैयारी के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज है. इंडिया गठबंधन के निशाने पर अब भाजपा और आजसू के साथ-साथ ओवैसी और उनकी पार्टी AIMIM भी आ गई है. इंडिया गठबंधन के दल ओवैसी की पार्टी को भाजपा की बी टीम बता जनता को सावधान रहने की अपील कर रही है. वहीं भाजपा के नेता इंडिया दलों पर अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: झामुमो का बाबूलाल पर तंज: सुप्रियो ने कहा- हवाई सपना देख रहे बाबूलाल मरांडी, 2019 विधानसभा चुनाव के आंकड़े का दिया हवाला

इस बार डुमरी विधानसभा उपचुनाव में सीधा मुकाबला NDA vs I.N.D.I.A के बीच होने की संभावना है. इस बीच इंडिया दलों को डर इस बात का सता रहा है कि अगर अल्पसंख्यकों का वोट 2019 की तरह 2023 में भी ओवैसी की पार्टी को मिला या उससे अधिक वोट पाने में ओवैसी की पार्टी सफल हो जाती है, तो फिर इसका नुकसान इंडिया गठबंधन को ही होगा.

भाजपा की बी टीम है ओवैसी की पार्टी-झामुमो: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय कहते भी हैं कि यह भाजपा की बी टीम है. उन्होंने कहा कि 2019 में ओवैसी की पार्टी की वजह से अल्पसंख्यक वोटों का बिखराव हुआ. इससे कम से कम छह से सात विधानसभा सीट महागठबंधन को कम मिला.

मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा की डमी पार्टी के रूप में ओवैसी की पार्टी चुनाव मैदान में उतरती है. लेकिन इस बार माहौल दूसरा है. इसलिए डुमरी की जनता, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग NDA के साथ-साथ ओवैसी को भी सबक सिखाएंगे. वहीं प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि डुमरी में इस बार जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि देने के लिए चुनाव हो रहा है. ऐसे में भाजपा चुनाव लड़ें या आजसू या ओवैसी की पार्टी कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

अनर्गल बयानबाजी करने लगे हैं झामुमो-कांग्रेस के नेता-भाजपा: ओवैसी की पार्टी को भाजपा की बी टीम बताने पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि दरअसल, डुमरी में हार का अंदेशा अब झामुमो-कांग्रेस को दिखने लगा है. ऐसे में अब चाहे कांग्रेस के नेता हो या झामुमो के नेता सभी का अनर्गल प्रलाप शुरू हो गया है.

AIMIM की ओर से अब्दुल मोबिन रिजवी होंगे प्रत्याशी: ओवैसी की पार्टी AIMIM ने डुमरी में ना सिर्फ अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है बल्कि ओवैसी की दो चुनावी सभा भी करने का ऐलान कर दिया है. जाहिर है कि जिस वर्ग के वोट पर इंडिया के दल अपना दावा जताते रहे हैं, उसमें अगर बिखराव की स्थिति बनी तो फिर डुमरी की चुनावी डगर इंडिया गठबंधन के लिए उतना आसान भी नहीं होगा.

2019 में चौथे स्थान पर रहा था AIMIM का उम्मीदवार: AIMIM उम्मीदवार अब्दुल मोबिन रिजवी 2019 के विधानसभा चुनाव में 24132 वोट पाने में सफल रहे थे. उस चुनाव में 71128 मत लेकर झामुमो के जगरनाथ महतो ने जीत हासिल की थी. वहीं आजसू उम्मीदवार यशोदा देवी 36840 मत लेकर दूसरे और भाजपा के प्रदीप साहू 36013 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. जदयू के लालचंद महतो को 5219 मिले थे.

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