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Ranchi News: रांची और दुमका में 20 सूत्री कमिटी का अब तक नहीं हो पाया गठन, सियासत तेज

झारखंड सरकार 20 सूत्री कमिटी को लेकर गंभीर नही है. रांची और दुमका में अब तक कमिटी का गठन ना होना इस ओर इशारा कर रहा है. ऐसे में सरकार के कामकाज को लेकर सियासी सवाल उठने लगे हैं.

20 point committee ranchi
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Published : Apr 14, 2023, 1:21 PM IST

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रांची: 20 सूत्री कमिटी को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है. हालत यह है कि काफी जद्दोजहद के बाद जिला स्तर पर कमिटी गठन होना शुरू तो हुआ, मगर राजधानी रांची और उपराजधानी दुमका में अब तक कमिटी नहीं बन पाई है. इतना ही नहीं तीन साल पहले स्टीफन मरांडी को 20 सूत्री का उपाध्यक्ष बना दिया गया था. मगर राज्य स्तर पर कमिटी अब तक गठित नहीं हो पाई है. 20 सूत्री कमिटी के प्रभावी नहीं होने की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की निगरानी और उसके देखभाल के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें: झारखंड में 20 सूत्री कमिटी गठन पर किचकिचः सत्तारूढ़ दलों में रार, विपक्ष उठा रहा सवाल

20 सूत्री कमिटी गठन में फंसे पेंच के पीछे सत्तारूढ़ दलों के बीच समन्वय का अभाव होना माना जा रहा है. जिसकी वजह से अब तक 20 सूत्री निगरानी कमिटी को प्रभावी नहीं बनाया जा सकी है. रांची और दुमका में कमेटी गठित नहीं होने के पीछे कांग्रेस और राजद की दावेदारी मानी जा रही है, जिस वजह से यह मसला लटका हुआ है.

20 सूत्री कमेटी गठित नहीं होने पर सियासत तेज: 20 सूत्री कमिटी को लेकर सियासत शुरू हो गई है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को इस बहाने सरकार को घेरने का मौका मिल गया है. भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जिस मकसद से 20 सूत्री कमिटी बनाई जाती है. उस मकसद को सरकार पूरा करना ही नहीं चाहती है, क्योंकि सरकार खुद घपले घोटाले में फंसी हुई है. 20 सूत्री का काम है सरकारी योजनाओं का देखभाल करना और उस पर रिपोर्ट देकर कार्रवाई करना. अगर कमिटी गठित हो जाती है और प्रभावी ढंग से कार्य करने लगेगी तो जिस तरह के प्रशासनिक भ्रष्टाचार राज्य में चरम पर हैं, उसका खुलासा होने लगेगा. इस वजह से सरकार इसे प्रभावी बनाना ही नहीं चाह रही है.

यह भी पढ़ें: क्या होता है 20 सूत्री, सत्तारूढ़ दलों के बीच सीट को लेकर क्यों हो रही है खींचतान

कांग्रेस ने बीजेपी के आरोप को किया खारिज: सरकार पर लग रहे आरोप को खारिज करते हुए सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने कहा है कि रांची और दुमका जिले में जल्द ही राज्य सरकार के द्वारा 20 सूत्री का गठन कर दिया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर सफाई देते हुए कहा है कि सत्तारूढ़ दल के अंदर में किसी तरह का समन्वय का अभाव नहीं है और सरकार चाहती है कि राज्य में गुड गवर्नेंस स्थापित हो. इस दिशा में कई कदम भी उठाए गए हैं. जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक में 20 सूत्री का गठन हुआ है. रांची और दुमका में भी जल्द ही कमेटी बनेगी.

बता दें कि गरीबी उन्मूलन सहित सरकार की कई योजनाओं की मॉनिटरिंग के अलावा केंद्र और राज्य की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर समन्वय बनाने का काम 20 सूत्री कमिटी करती है. इसके अलावा केंद्र और राज्य की योजनाओं की जमीनी स्तर पर निगरानी और देखभाल के साथ राज्य सरकार की योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए सुझाव देने का काम भी 20 सूत्री कमिटी करती है.

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रांची: 20 सूत्री कमिटी को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है. हालत यह है कि काफी जद्दोजहद के बाद जिला स्तर पर कमिटी गठन होना शुरू तो हुआ, मगर राजधानी रांची और उपराजधानी दुमका में अब तक कमिटी नहीं बन पाई है. इतना ही नहीं तीन साल पहले स्टीफन मरांडी को 20 सूत्री का उपाध्यक्ष बना दिया गया था. मगर राज्य स्तर पर कमिटी अब तक गठित नहीं हो पाई है. 20 सूत्री कमिटी के प्रभावी नहीं होने की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की निगरानी और उसके देखभाल के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

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20 सूत्री कमिटी गठन में फंसे पेंच के पीछे सत्तारूढ़ दलों के बीच समन्वय का अभाव होना माना जा रहा है. जिसकी वजह से अब तक 20 सूत्री निगरानी कमिटी को प्रभावी नहीं बनाया जा सकी है. रांची और दुमका में कमेटी गठित नहीं होने के पीछे कांग्रेस और राजद की दावेदारी मानी जा रही है, जिस वजह से यह मसला लटका हुआ है.

20 सूत्री कमेटी गठित नहीं होने पर सियासत तेज: 20 सूत्री कमिटी को लेकर सियासत शुरू हो गई है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को इस बहाने सरकार को घेरने का मौका मिल गया है. भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जिस मकसद से 20 सूत्री कमिटी बनाई जाती है. उस मकसद को सरकार पूरा करना ही नहीं चाहती है, क्योंकि सरकार खुद घपले घोटाले में फंसी हुई है. 20 सूत्री का काम है सरकारी योजनाओं का देखभाल करना और उस पर रिपोर्ट देकर कार्रवाई करना. अगर कमिटी गठित हो जाती है और प्रभावी ढंग से कार्य करने लगेगी तो जिस तरह के प्रशासनिक भ्रष्टाचार राज्य में चरम पर हैं, उसका खुलासा होने लगेगा. इस वजह से सरकार इसे प्रभावी बनाना ही नहीं चाह रही है.

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कांग्रेस ने बीजेपी के आरोप को किया खारिज: सरकार पर लग रहे आरोप को खारिज करते हुए सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने कहा है कि रांची और दुमका जिले में जल्द ही राज्य सरकार के द्वारा 20 सूत्री का गठन कर दिया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर सफाई देते हुए कहा है कि सत्तारूढ़ दल के अंदर में किसी तरह का समन्वय का अभाव नहीं है और सरकार चाहती है कि राज्य में गुड गवर्नेंस स्थापित हो. इस दिशा में कई कदम भी उठाए गए हैं. जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक में 20 सूत्री का गठन हुआ है. रांची और दुमका में भी जल्द ही कमेटी बनेगी.

बता दें कि गरीबी उन्मूलन सहित सरकार की कई योजनाओं की मॉनिटरिंग के अलावा केंद्र और राज्य की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर समन्वय बनाने का काम 20 सूत्री कमिटी करती है. इसके अलावा केंद्र और राज्य की योजनाओं की जमीनी स्तर पर निगरानी और देखभाल के साथ राज्य सरकार की योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए सुझाव देने का काम भी 20 सूत्री कमिटी करती है.

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