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झारखंड में धान में एमएसपी पर राजनीति तेजः विपक्ष ने दी चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने की धमकी

झारखंड में धान में एमएसपी पर राजनीति तेज हो गयी है (Politics on MSP in Paddy in Jharkhand). इसको लेकर बीजेपी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. वहीं झारखंड कृषि निदेशालय के उपनिदेशक मुकेश सिन्हा ने कहा है कि किसानों को धान का एमएसपी और बोनस मिलाकर कुल मिलने वाली राशि प्रति क्विंटल कम नहीं हुई है.

Politics on MSP in Paddy in Jharkhand
झारखंड में धान में एमएसपी पर राजनीति
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Published : Jan 5, 2023, 10:55 AM IST

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रांचीः झारखंड में पहले से सुखाड़ की मार से बदहाल हुए किसान को झारखंड सरकार ने एक ओर चोट दिया है. पिछले वर्ष मिल रहे प्रति क्विंटल 110 रुपये के बोनस को घटाकर महज 10 रुपया कर दिया है (MSP on Paddy to farmers of Jharkhand). इसको लेकर बीजेपी ने सरकार की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सरकार 25सौ रुपये प्रति क्विंटल का अपना वादा निभाए.

इसे भी पढ़ें- झारखंड सरकार ने शुरू की किसानों से धान खरीद, मंत्री रामेश्वर उरांव ने ऑनलाइन की शुरुआत


भारतीय जनता पार्टी ने इसे राज्य के अन्नदाता के साथ कांग्रेस-राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा का चुनावी धोखा करार दिया है (Politics on MSP in Paddy in Jharkhand). भाजपा के प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष पवन साहू ने कहा कि जब भारत सरकार ने धान का एमएसपी बढ़ाकर सामान्य धान के लिए 2040 रुपया क्विंटल कर दिया और A ग्रेड धान के लिए MSP 2060 रुपया कर दिया है, तब झारखंड सरकार ने पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पूरे 100 रुपये प्रति क्विंटल तक बोनस राशि कम कर दी. जिसके चलते राज्य के धान उत्पादकों को केंद्र द्वारा एमएसपी बढ़ाने का कोई लाभ नहीं हुआ. अब विपक्षी दल इस मुद्दे पर चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने की धमकी तक दे डाली है. वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए सरकार का बचाव किया है.

कांग्रेस बीजेपी पर फोड़ा ठीकराः झारखंड में किसानों के घटते बोनस का हाल यह तब है जब झारखंड की सरकार में शामिल दलों ने विधानसभा चुनाव के समय 2500 रुपया एमएसपी सुनिश्चित करने की बात कही थी. अब प्रदेश सरकार द्वारा लगातार बोनस घटाने का ठीकरा भी कांग्रेस भाजपा पर फोड़ रही है. उनका कहना है कि झारखंड के हक का पैसा केंद्र सरकार नहीं दे रही और राज्य की सरकार अपने संसाधनों से जनहित की योजनाओं को धरातल पर उतार रही है.



कुल मिलने वाली राशि प्रति क्विंटल कम नहीं हुई- कृषि निदेशालयः वहीं झारखंड कृषि निदेशालय के उपनिदेशक मुकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य के किसानों को सरकार लगातार बोनस की राशि किसानों को दे रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने धान की एमएसपी बढ़ाई है, इसलिए इस बार बोनस की राशि कम हो गयी है. अब इस पर फैसला सरकार को लेना है लेकिन यह भी सही है कि किसानों को धान का एमएसपी और बोनस मिलाकर कुल मिलने वाली राशि प्रति क्विंटल कम नहीं हुई है.


एक नजर डालें झारखंड में किसानों को मिल रहे धान के एमएसपी और बोनस परः भारत सरकार ने वर्ष 2022-2023 में किसानों को सामान्य कोटि के धान का प्रति क्विंटल 2040 रुपये तय की है, जबकि A ग्रेड धान के लिए यह राशि 2060 रुपये प्रति क्विंटल है. इस वर्ष झारखंड सरकार प्रति क्विंटल 10 रुपये का बोनस दे रही है. इस तरह इस वर्ष राज्य के किसानों को सामान्य धान के लिए कुल 2050 रुपया प्रति क्विंटल और A ग्रेड धान के लिए 2070 रुपया प्रति क्विंटल की राशि मिलेगी. जबकि 2021-22 में राज्य के किसानों को 110 रुपया प्रति क्विंटल और वर्ष 2020-21 में 182 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे रही थी, जो अब महज 10 रुपये रह गया है.

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रांचीः झारखंड में पहले से सुखाड़ की मार से बदहाल हुए किसान को झारखंड सरकार ने एक ओर चोट दिया है. पिछले वर्ष मिल रहे प्रति क्विंटल 110 रुपये के बोनस को घटाकर महज 10 रुपया कर दिया है (MSP on Paddy to farmers of Jharkhand). इसको लेकर बीजेपी ने सरकार की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सरकार 25सौ रुपये प्रति क्विंटल का अपना वादा निभाए.

इसे भी पढ़ें- झारखंड सरकार ने शुरू की किसानों से धान खरीद, मंत्री रामेश्वर उरांव ने ऑनलाइन की शुरुआत


भारतीय जनता पार्टी ने इसे राज्य के अन्नदाता के साथ कांग्रेस-राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा का चुनावी धोखा करार दिया है (Politics on MSP in Paddy in Jharkhand). भाजपा के प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष पवन साहू ने कहा कि जब भारत सरकार ने धान का एमएसपी बढ़ाकर सामान्य धान के लिए 2040 रुपया क्विंटल कर दिया और A ग्रेड धान के लिए MSP 2060 रुपया कर दिया है, तब झारखंड सरकार ने पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पूरे 100 रुपये प्रति क्विंटल तक बोनस राशि कम कर दी. जिसके चलते राज्य के धान उत्पादकों को केंद्र द्वारा एमएसपी बढ़ाने का कोई लाभ नहीं हुआ. अब विपक्षी दल इस मुद्दे पर चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने की धमकी तक दे डाली है. वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए सरकार का बचाव किया है.

कांग्रेस बीजेपी पर फोड़ा ठीकराः झारखंड में किसानों के घटते बोनस का हाल यह तब है जब झारखंड की सरकार में शामिल दलों ने विधानसभा चुनाव के समय 2500 रुपया एमएसपी सुनिश्चित करने की बात कही थी. अब प्रदेश सरकार द्वारा लगातार बोनस घटाने का ठीकरा भी कांग्रेस भाजपा पर फोड़ रही है. उनका कहना है कि झारखंड के हक का पैसा केंद्र सरकार नहीं दे रही और राज्य की सरकार अपने संसाधनों से जनहित की योजनाओं को धरातल पर उतार रही है.



कुल मिलने वाली राशि प्रति क्विंटल कम नहीं हुई- कृषि निदेशालयः वहीं झारखंड कृषि निदेशालय के उपनिदेशक मुकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य के किसानों को सरकार लगातार बोनस की राशि किसानों को दे रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने धान की एमएसपी बढ़ाई है, इसलिए इस बार बोनस की राशि कम हो गयी है. अब इस पर फैसला सरकार को लेना है लेकिन यह भी सही है कि किसानों को धान का एमएसपी और बोनस मिलाकर कुल मिलने वाली राशि प्रति क्विंटल कम नहीं हुई है.


एक नजर डालें झारखंड में किसानों को मिल रहे धान के एमएसपी और बोनस परः भारत सरकार ने वर्ष 2022-2023 में किसानों को सामान्य कोटि के धान का प्रति क्विंटल 2040 रुपये तय की है, जबकि A ग्रेड धान के लिए यह राशि 2060 रुपये प्रति क्विंटल है. इस वर्ष झारखंड सरकार प्रति क्विंटल 10 रुपये का बोनस दे रही है. इस तरह इस वर्ष राज्य के किसानों को सामान्य धान के लिए कुल 2050 रुपया प्रति क्विंटल और A ग्रेड धान के लिए 2070 रुपया प्रति क्विंटल की राशि मिलेगी. जबकि 2021-22 में राज्य के किसानों को 110 रुपया प्रति क्विंटल और वर्ष 2020-21 में 182 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे रही थी, जो अब महज 10 रुपये रह गया है.

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