रांचीः सीएम के काफिले को किशोरगंज में रोके जाने और पुलिस के साथ झड़प मामले में हो रही गिरफ्तारी पर राजनीति तेज हो गई है. इन गिरफ्तारियों के खिलाफ विरोध भी जारी है. इसके तहत सुखदेव नगर थाना और चुटिया थाना में आम लोगों द्वारा विरोध भी दर्ज कराया गया है.
ऐसे में सत्ताधारी दल और विपक्ष ओरमांझी निर्भया कांड, सीएम काफिले पर हमला और गिरफ्तारी के मामले को लेकर आमने सामने नजर आ रहा है. सत्ताधारी दल कांग्रेस का मानना है कि ओरमांझी में दुष्कर्म की घटना निंदनीय है, लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि इसकी आड़ में मुख्यमंत्री पर हमला किया जाए.
वहीं विपक्षी भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री के काफिले की सुरक्षा पुलिस प्रशासन के हाथ में है, लेकिन कहीं न कहीं प्रशासन और सरकार की ओर से ओरमांझी निर्भया कांड की ओर से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किशोरगंज में बवाल कराया गया है.
सीएम काफिले पर हमले के मामले में गिरफ्तार किए जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं के समर्थन में धरना प्रदर्शन का भी दौर जारी कर दिया गया है. साथ ही विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने चेतावनी दी है कि अगर निर्दोष और भाजपा कार्यकर्ताओं को परेशान किया जाएगा, तो पुरजोर तरीके से आंदोलन होगा.
हालांकि ओरमांझी निर्भया कांड को लेकर सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों ने कड़ी निंदा की है और आरोपियों की गिरफ्तारी की लगातार मांग की जा रही है, लेकिन किशोरगंज चौक पर हुए बवाल में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दिया है.
ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने ओरमांझी दुष्कर्म की घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि यह घटना दुखद है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मुख्यमंत्री के काफिले पर कोई हमला कर दे.
यह कहीं से सही नहीं है. चाहे कोई भी व्यक्ति हो जो भी कानून को तोड़ने का काम करेगा, चाहे वह दुष्कर्म के आरोपी हो या मुख्यमंत्री पर हमला करने वाले आरोपी तमाम लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले को लेकर सक्रिय है. जल्द अपराधी सलाखों के पीछे होंगे. वहीं भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि कहीं न कंही ओरमांझी दुष्कर्म की घटना की ओर से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार और प्रशासन ने सुनियोजित तरीके से किशोरगंज की घटना को अंजाम देने का षड्यंत्र रचा है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हाई सिक्योरिटी जोन में रहते हैं. उनके काफिले से पहले रूट क्लियर किया जाता है, लेकिन जब किशोरगंज के पास हंगामा हो रहा था, तो मुख्यमंत्री के काफिले का रूट पहले से डायवर्ट नहीं किया गया.
इससे यह लगता है कि जानबूझकर दुष्कर्म मामले से ध्यान भटकाने के लिए षड्यंत्र सत्ता पक्ष के द्वारा करवाया गया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में निर्दोष को अगर गिरफ्तार किया जाता रहा. तो पार्टी सड़क पर उतरकर जोरदार तरीके से आंदोलन करेगी.