रांचीः आर्थिक तंगी से जूझ रहे झारखंड बिजली वितरण निगम (Jharkhand Electricity Distribution Corporation) इन दिनों पूरे एक्शन में है. विभाग के अधिकारियों की पहली प्राथमिकता बकायदारों से बकाया बिलजी बिल वसूलना है. इसको लेकर प्रमंडल स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत एचईसी कंपनी ने बकया बिजली बिल भुगतान नहीं किया, तो बिजली कनेक्शन काट दिया गया, जिसे बाद में बहाल कर दिया गया. इससे राज्य में सियासत गरमा गई है.
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राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश में करीब 10 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनपर करीब एक वर्ष से बिजली बिल का बकाया है भुगतान नहीं किया है. इसमें सिर्फ रांची में 35 से 40 हजार उपभोक्ता शामिल हैं. इन बकायेदारों से बिजली बिल वसूलने को लेकर बिजली विभाग की टीम बकायेदार के घर पहुंच रही है और बकाया राशि नहीं देने पर कनेक्शन काट दे रही है.
एचईसी पर 129 करोड़ बकाया
रांची प्रक्षेत्र में स्थित एचईसी पर 129 करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया है. इसको लेकर मंगलवार को बिजली बिल भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया गया. हालांकि, एचईसी की ओर से आश्वासन दिया गया कि शीघ्र बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. इसके बाद बिजली मुहैया करा दी गई.
850 उपभोक्ता से वसूला गया बकाया
बिजली विभाग ने एक सौ से अधिक प्रतिष्ठानों को चिन्हित किया है, जिसपर बिजली बिल बकाया है. इन बकायेदारों को डिमांड नोटिस भेजकर बकाया बिल भुगतान करने को कहा है. रांची प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने कहा कि अगस्त माह में 15 से 20 हजार बकायेदार उपभोक्ता के पास पहुंचे, जिसमें 850 उपभोक्ताओं ने बिजली बिल जमा किया हैं. उन्होंने कहा कि एकमुश्त बकाया राशि नहीं दे सकते हैं, तो किस्त में भी जमा कर सकते है.
बिजली उपभोक्ता पर छह हजार करोड़ बकाया
कोरोनाकाल में झारखंड ऊर्जा वितरण निगम की वित्तीय स्थिति को डंवाडोल हो गई. राज्यभर में बिजली उपभोक्ता के ऊपर करीब 6000 करोड़ बकाया है. वहीं, डीवीसी का बकाया राज्य सरकार पर करीब 2400 करोड़ है. इस राशि को लेकर केंद्र और राज्य के बीच विवाद यदाकता होते रहता है.
डीवीसी को नहीं दिया जा रहा बकाया राशि
जेयूवीएनएल की ओर से एचईसी की बिजली काटे जाने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बिजली विभाग की इस कारवाई से एचईसी में बन रहे डिफेंस के सामान का निर्माण कार्य बाधित हो गए. इससे राज्य सरकार की मंशा समझ सकते है. उन्होंने डीवीसी के बकाये पर तंज कसते हुए कहा कि अन्य राज्यों का बकाया देखिए और झारखंड का बकाया देखिए, तो भारी भरकम राशि झारखंड पर बकाया है. उन्होंने दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों पर सौ करोड़ से कम बकाया हैं, जबकि झारखंड के ऊपर 2376 करोड़ बकाया है.