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अंतिम चरण के चुनाव पर नक्सलियों का साया, शांतिपूर्ण मतदान पुलिस के लिए चुनौती

झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में संथाल परगना के 16 सीटों पर शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराया पुलिस के लिए चुनौती है. 2014 के लोकसभा चुनाव में संथाल के जिन जगहों पर नक्सली हिंसा हुई थी, उससे झारखंड पुलिस सबक लेते हुए इस बार के विधानसभा चुनाव में कमर कस ली है.

Police challenge to tackle Naxalites in last phase elections of jharkhand
फाइल फोटो
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Published : Dec 18, 2019, 9:16 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 7:38 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में संथाल परगना के 16 सीटों पर 20 दिसंबर को मतदान होने हैं. जिन 16 सीटों पर मतदान होना है उनमें से कई सीटें अति नक्सल प्रभावित हैं. इन सभी सीटों पर शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने कमर कस ली है.

देखें पूरी खबर

संथान परगना के जिन 16 सीटों पर अंतिम चरण में मतदान है, वहां सुरक्षाबलों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव को संपन्न कराना एक बड़ी चुनौती होगी. संताल परगना प्रमंडल में चुनाव के दौरान नक्सली व्यवधान उत्पन नहीं कर सकें, इसके लिए माओवादी दस्तों को चिन्हित कर उनकी घेराबंदी शुरू कर दी गई है.

चुनाव के अंतिम चरण में चुनौती क्यों

साल 2014 में लोकसभा चुनाव के समय भाकपा माओवादियों ने मतदानकर्मियों को निशाना बनाया था. शिकारीपाड़ा में नक्सली हमले में 7 मतदान कर्मी और 2 पुलिस जवान मारे गए थे. 2014 चुनाव में हुई गलती से सबक लेते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस बार विशेष तैयारी की है. संताल परगना में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए नोडल अफसर, आईजी अभियान और सीआरपीएफ कमांडेंट लगातार बैठकें कर रहे हैं. नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में भ्रमण पर रोक लगाई गई है.

संथाल परगना के सभी दस्ते हुए हैं चिन्हित

अंतिम चरण के चुनाव में नक्सली संथाल परगना के जिलों में वारदात को अंजाम नहीं दे सकें, इसके लिए विशेष तैयारी की गई है. राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से संथाल परगना में सक्रिय सभी नक्सलियों और उनके दस्तों को चिन्हित किया गया है. प्रत्येक दस्ते पर एक संयुक्त बलों की टीम की तैनाती की गई है, जो दस्ते के खिलाफ अभियान चलाएगी. वर्तमान में पुलिस को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, संथाल परगना में नक्सलियों ने कैडर की कमी के कारण सभी रिजनल कमेटियां भंग कर दी है, लेकिन अब भी पूर्वी बिहार, पूर्वोतर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के छह सैक सदस्य सक्रिय हैं. प्रत्येक सैक सदस्य पर 25 लाख का ईनाम झारखंड सरकार ने घोषित किया है. संथाल परगना को नक्सलियों ने तीन सब जोन में बांटा है.

क्या है नक्सली संगठन की संरचना

राज्य पुलिस मुख्यालय को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, संताल में स्पेशल एरिया कमेटी के सचिव की जिम्मेदारी बगोदर के अनुज को दी गई है. सैक में अनुज के अलावा पीरटांड का हितेश उर्फ नंदलाल मांझी, सुदेश उर्फ राहुल, करूणा उर्फ निर्मला शामिल है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019ः बाबूलाल मरांडी ने किया दावा, कहा- बहुमत से बनेगी जेवीएम की सरकार

सब जोन में कौन-कौन है सक्रिय

संथाल परगना दक्षिणी सब जोन दुमका के मसलिया से मसानजोर के दक्षिणी भाग तक सक्रिय है. इस जोन का प्रभारी जोनल कमांडर निशिकांत है. उसकी पत्नी मेघा जो गिरिडीह की रहने वाली है, वह भी दस्ते में सक्रिय भूमिका निभा रही है. मध्य सब जोन में विजय, जोनल कमांडर सुधीर, मारे जा चुके नक्सली ताला की पत्नी उषा, एरिया कमांडर सिद्धू, तारा, लखेंद्र, बिहार का मनोज, सीता, लालू सक्रिय हैं. संथाल के 3 जिले पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज को उत्तरी सब जोन में रखा गया है. इस जोन में रोशन, पीसी दी, रामाधार, अरूण, अजीत, भरत उर्फ मुकेश, पतरस की सक्रियता है.

बता दें कि 2014 की लोकसभा चुनाव में दुमका में अंतिम चरण के मतदान में चुनाव करा कर लौट रही टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. हमले में 7 निर्वाचन कर्मी और 2 पुलिसकर्मी समेत 9 लोग मारे गए थे. चुनाव में सुरक्षाबलों की लापरवाही के कारण डीसी और एसपी को हटा भी दिया गया था. बीते चुनाव में हुई वारदात को सबक लेते हुए पुलिस इस बार नक्सलियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चला रही है.

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में संथाल परगना के 16 सीटों पर 20 दिसंबर को मतदान होने हैं. जिन 16 सीटों पर मतदान होना है उनमें से कई सीटें अति नक्सल प्रभावित हैं. इन सभी सीटों पर शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने कमर कस ली है.

देखें पूरी खबर

संथान परगना के जिन 16 सीटों पर अंतिम चरण में मतदान है, वहां सुरक्षाबलों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव को संपन्न कराना एक बड़ी चुनौती होगी. संताल परगना प्रमंडल में चुनाव के दौरान नक्सली व्यवधान उत्पन नहीं कर सकें, इसके लिए माओवादी दस्तों को चिन्हित कर उनकी घेराबंदी शुरू कर दी गई है.

चुनाव के अंतिम चरण में चुनौती क्यों

साल 2014 में लोकसभा चुनाव के समय भाकपा माओवादियों ने मतदानकर्मियों को निशाना बनाया था. शिकारीपाड़ा में नक्सली हमले में 7 मतदान कर्मी और 2 पुलिस जवान मारे गए थे. 2014 चुनाव में हुई गलती से सबक लेते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस बार विशेष तैयारी की है. संताल परगना में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए नोडल अफसर, आईजी अभियान और सीआरपीएफ कमांडेंट लगातार बैठकें कर रहे हैं. नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में भ्रमण पर रोक लगाई गई है.

संथाल परगना के सभी दस्ते हुए हैं चिन्हित

अंतिम चरण के चुनाव में नक्सली संथाल परगना के जिलों में वारदात को अंजाम नहीं दे सकें, इसके लिए विशेष तैयारी की गई है. राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से संथाल परगना में सक्रिय सभी नक्सलियों और उनके दस्तों को चिन्हित किया गया है. प्रत्येक दस्ते पर एक संयुक्त बलों की टीम की तैनाती की गई है, जो दस्ते के खिलाफ अभियान चलाएगी. वर्तमान में पुलिस को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, संथाल परगना में नक्सलियों ने कैडर की कमी के कारण सभी रिजनल कमेटियां भंग कर दी है, लेकिन अब भी पूर्वी बिहार, पूर्वोतर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के छह सैक सदस्य सक्रिय हैं. प्रत्येक सैक सदस्य पर 25 लाख का ईनाम झारखंड सरकार ने घोषित किया है. संथाल परगना को नक्सलियों ने तीन सब जोन में बांटा है.

क्या है नक्सली संगठन की संरचना

राज्य पुलिस मुख्यालय को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, संताल में स्पेशल एरिया कमेटी के सचिव की जिम्मेदारी बगोदर के अनुज को दी गई है. सैक में अनुज के अलावा पीरटांड का हितेश उर्फ नंदलाल मांझी, सुदेश उर्फ राहुल, करूणा उर्फ निर्मला शामिल है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019ः बाबूलाल मरांडी ने किया दावा, कहा- बहुमत से बनेगी जेवीएम की सरकार

सब जोन में कौन-कौन है सक्रिय

संथाल परगना दक्षिणी सब जोन दुमका के मसलिया से मसानजोर के दक्षिणी भाग तक सक्रिय है. इस जोन का प्रभारी जोनल कमांडर निशिकांत है. उसकी पत्नी मेघा जो गिरिडीह की रहने वाली है, वह भी दस्ते में सक्रिय भूमिका निभा रही है. मध्य सब जोन में विजय, जोनल कमांडर सुधीर, मारे जा चुके नक्सली ताला की पत्नी उषा, एरिया कमांडर सिद्धू, तारा, लखेंद्र, बिहार का मनोज, सीता, लालू सक्रिय हैं. संथाल के 3 जिले पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज को उत्तरी सब जोन में रखा गया है. इस जोन में रोशन, पीसी दी, रामाधार, अरूण, अजीत, भरत उर्फ मुकेश, पतरस की सक्रियता है.

बता दें कि 2014 की लोकसभा चुनाव में दुमका में अंतिम चरण के मतदान में चुनाव करा कर लौट रही टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. हमले में 7 निर्वाचन कर्मी और 2 पुलिसकर्मी समेत 9 लोग मारे गए थे. चुनाव में सुरक्षाबलों की लापरवाही के कारण डीसी और एसपी को हटा भी दिया गया था. बीते चुनाव में हुई वारदात को सबक लेते हुए पुलिस इस बार नक्सलियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चला रही है.

Intro:अंतिम चरण- संताल परगना में माओवादियों पर लगाम लगाने की चुनौती ,पुलिस मुख्यालय ने कसी कमर

रांची

झारखंड विधानसभा के पांचवें और अंतिम चरण का चुनाव 20 दिसम्बर को होना है।जिन सोलह सीटो पर मतदान होना है उनमें
 में कई सीटें नक्सल प्रभावित हैं। नक्सल प्रभाव वाले में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने कमर कस ली है। संताल परगना में नक्सली व्यवधान उत्पन न कर सकें, इसके लिए माओवादी दस्तों को चिन्हित कर उनकी घेराबंदी शुरू कर दी गई है।


क्यो है अंतिम चरण चुनौती

साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दिन भाकपा माओवादियों ने मतदानकर्मियों को निशाना बनाया था। शिकारीपाड़ा में नक्सली हमले में सात मतदान कर्मी और दो पुलिस जवान मारे गए थे। 2014 चुनाव में हुई गलती से सबक लेते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस बार विशेष तैयारी की है।  संताल परगना में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए नोडल अफसर आईजी अभियान व सीआरपीएफ के कमांडेंट लगातार बैठकें कर रहे हैं। नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में भ्रमण पर रोक लगायी गई है।

संताल परगना के सभी दस्ते हुए हैं चिन्हित

अंतिम चरण के चुनाव में नक्सली संतालपरगना के जिलों में वारदात को अंजाम न दे सकें, इसके लिए विशेष तैयारी की गई है। राज्य पुलिस मुख्यालय के द्वारा संतालपरगना में सक्रिय सभी नक्सलियों व उनके दस्तों को चिन्हित किया गया है। प्रत्येक दस्ते पर एक संयुक्त बलों की टीम की तैनाती की गई है, जो दस्ते के खिलाफ अभियान चलाएगी। वर्तमान में पुलिस को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, संताल परगना में नक्सलियों ने कैडर की कमी के कारण सभी रिजनल कमेटियां भंग कर दी है। लेकिन अब भी पूर्वी बिहार, पूर्वोतर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के छह सैक सदस्य सक्रिय हैं। प्रत्येक सैक सदस्य पर 25 लाख का ईनाम झारखंड सरकार के द्वारा घोषित है। संताल परगना को नक्सलियों ने तीन सबजोन में बांटा है।

क्या है नक्सली संगठन की संरचना

राज्य पुलिस मुख्यालय को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, संताल में स्पेशल एरिया कमेटी के सचिव की जिम्मेदारी बगोदर के अनुज को दी गई है। सैक में अनुज के अलावा पीरटांड का हितेश उर्फ नंदलाल मांझी, सुदेश उर्फ राहुल, करूणा उर्फ निर्मला शामिल हैं।

Body:किस किस सबजोन में कौन कौन सक्रिय

संताल परगना दक्षिणी सबजोन दुमका के मसलिया से मसानजोर के दक्षिणी भाग में सक्रिय है। इस जोन का प्रभारी जोनल कमांडर निशिकांत है। उसकी पत्नी मेघा जो गिरिडीह की रहने वाली है, वह भी दस्ते में सक्रिय है। मध्य सबजोन में विजय, जोनल कमांडर सुधीर, मारे जा चुके नक्सली ताला की पत्नी उषा, एरिया कमांडर सिद्धू, तारा, लखेंद्र, बिहार का मनोज, सीता, लालू सक्रिय हैं। संताल के तीन जिले पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज को उतरी सबजोन में रखा गया है। इस जोन में रोशन, पीसी दी, रामाधार, अरूण, अजीत, भरत उर्फ मुकेश, पतरस की सक्रियता है।



Conclusion:2014 की लोकसभा चुनाव में दुमका में अंतिम चरण के मतदान में चुनाव करा कर लौट रही टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था। हमले में सात निर्वाचन कर्मी व दो पुलिसकर्मी समेत 9 लोग मारे गए थे। चुनाव में सुरक्षाबलों की लापरवाही के कारण डीसी व एसपी को हटा भी दिया गया था। बीते चुनाव में हुई वारदात को सबक मानते हुए पुलिस इस बार नक्सलियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चला रही है।

बाइट - एमएल मीना , एडीजी अभियान ,झारखंड पुलिस
Last Updated : Dec 19, 2019, 7:38 PM IST
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