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बंद पड़े पेंट फैक्ट्री में PLFI के नाम पर पोस्टरबाजी, मांगी गई दो करोड़ की रंगदारी - रांची में PLFI के नाम पर दो करोड़ की रंगदारी मांगी

रांची के तुपुदाना में नक्सलियों ने बंद पड़े पेंट फैक्ट्री में PLFI के नाम पर पोस्टरबाजी कर दो करोड़ की रंगदारी मांगी है. मामले के बारे में पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है.

बंद पड़े पेंट फैक्ट्री में PLFI के नाम पर पोस्टरबाजी
बंद पड़े पेंट फैक्ट्री में PLFI के नाम पर पोस्टरबाजी
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Published : Dec 4, 2020, 9:10 PM IST

रांची: जिले के तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हरदाग चौक स्थित लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र प्रधान के बंद पड़े वाटर प्यूरीफायर फैक्ट्री प्लांट के गेट पर पीएलएफआई के नाम पर फिर पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई. इस बार फिर दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई है.

पोस्टर के माध्यम से फरमान

पोस्टर के माध्यम से कहा गया है कि उन्हें संगठन की ओर से कई बार फरमान जारी कर दो करोड़ रुपये देने के लिए कहा गया. इस पोस्टर में भी निवेदक के रूप में विशाल जी का नाम लिखा गया है. इस पोस्टरबाजी के बाद विरेंद्र प्रधान दहशत में आ गए. उन्होंने इसकी सूचना तुपुदाना ओपी पुलिस को दी. तुपुदाना थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की. पोस्टर जब्त कर लिया. मामले में विरेंद्र प्रधान के आवेदन पर एफआइआर दर्ज कराई गई है.

PLFI के नाम पर पोस्टरबाजी
PLFI के नाम पर पोस्टरबाजी

पिछली पोस्टर में भी दी गई थी धमकी

बीते 20 अगस्त को भी विरेंद्र प्रधान से रंगदारी मांगी गई थी. उस समय भी पोस्टरबाजी की गई थी. पोस्टर में लिखा हुआ था 'वीरेंद्र प्रधान एक जान दो नहीं, तो दो करोड़ रुपये की लेवी दो. इससे पहले भी एक करोड़ रुपये मांगा गया था, लेकिन तुमने नहीं दिया था और पुलिस को खबर कर दी थी. इस मामले में तुम्हें माफ कर दिया गया था. लेकिन इस बार नहीं बख्शा जाएगा. उस पर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस को खबर की तो अंजाम बुरा होगा.' निवेदक के रूप में विशाल जी जोनल कमांडर पीएलएफआई लिखा हुआ था. प्लांट में रहने वाले सुनील कुमार ने पोस्टर देखा, तो तुपुदाना पुलिस को सूचना दी थी. सूचना पर तुपुदाना पुलिस मौके पर पहुंचकर पानी से भीगे हुए पोस्टर को उखाड़कर जब्त कर लिया.

दहशत में लोग

पोस्टरबाजी की घटना की खबर आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई. लोग हरदाग चौक में जमा होकर तरह-तरह की बात करने लगे. पहले भी क्षेत्र पीएलएफआई के उग्रवादियों के चंगुल में था. शाम में ही पूरे दुकानें बंद हो जाती थी. लेकिन पूर्व थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों की ओर से गश्ती करते रहने के कारण लोग आश्वस्त थे और उग्रवादियों का पांव क्षेत्र से उखड़ चुका था.

पोस्टरबाजी के बाद रांची-खूंटी सीमा पर स्थित हरदाग में पोस्टरबाजी की घटना से दहशत में है. लोग वास्तु विहार में रहने वाले हजारों लोग भी दहशत में आ गए हैं. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में पुलिस की गश्ती अब नहीं के बराबर है, जिससे खूंटी क्षेत्र के उग्रवादी इधर अपना ठिकाना बना लिया है.

ये भी पढ़े- लालू प्रसाद के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश

5 साल के भीतर तीसरी लगाया पोस्टर

पांच साल के भीतर तीसरी बार पोस्टरबाजी की गई है. छह जनवरी 2015 में भी पोस्टर बाजी की घटना हुई थी. प्लांट संचालक विरेंद्र प्रधान से 1 करोड़ रुपये की मांग की गई थी. 2015 में पोस्टर चिपकाने की घटना बीतने के दो दिन बाद फोन कर रुपये की मांग की गई थी. हालांकि, मामले की सूचना मिलने के बाद तुपुदाना पुलिस कार्रवाई करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया था. पुलिस लोकेशन के आधार पर खूंटी में पीएलएफआई के उग्रवादी लाका पाहन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. दूसरी बार 20 अगस्त को पोस्टरबाजी कर रंगदारी मांगी गई. तीसरी बार फिर चार दिसंबर को पोस्टरबाजी की गई.

उग्रवादियों का ठिकाना

रांची का तुपुदाना इलाका पीएलएफआई उग्रवादियों का ठिकाना बनता जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों से इस इलाके में उग्रवादी सक्रिए हो गए हैं. पोस्टरबाजी, आगजनी से लेकर जमीन कारोबारियों की हत्या की वारदात को अंजाम दे चुके हैं. पीएलएफआई के उग्रवादियों ने तुपुदाना इलाके के क्रशर व्यापारियों, कारोबारियों, जमीन कारोबारियों और बालू व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए लेवी वसूली करती हैं. बताया जा रहा है कि उग्रवादियों की ओर से क्रशर व्यवसायियों से पांच से 10 हजार रुपये प्रतिमाह, बड़े व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों से 20 हजार से 50 हजार रुपये तक की लेवी की वसूली की जाती है.

रांची: जिले के तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हरदाग चौक स्थित लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र प्रधान के बंद पड़े वाटर प्यूरीफायर फैक्ट्री प्लांट के गेट पर पीएलएफआई के नाम पर फिर पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई. इस बार फिर दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई है.

पोस्टर के माध्यम से फरमान

पोस्टर के माध्यम से कहा गया है कि उन्हें संगठन की ओर से कई बार फरमान जारी कर दो करोड़ रुपये देने के लिए कहा गया. इस पोस्टर में भी निवेदक के रूप में विशाल जी का नाम लिखा गया है. इस पोस्टरबाजी के बाद विरेंद्र प्रधान दहशत में आ गए. उन्होंने इसकी सूचना तुपुदाना ओपी पुलिस को दी. तुपुदाना थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की. पोस्टर जब्त कर लिया. मामले में विरेंद्र प्रधान के आवेदन पर एफआइआर दर्ज कराई गई है.

PLFI के नाम पर पोस्टरबाजी
PLFI के नाम पर पोस्टरबाजी

पिछली पोस्टर में भी दी गई थी धमकी

बीते 20 अगस्त को भी विरेंद्र प्रधान से रंगदारी मांगी गई थी. उस समय भी पोस्टरबाजी की गई थी. पोस्टर में लिखा हुआ था 'वीरेंद्र प्रधान एक जान दो नहीं, तो दो करोड़ रुपये की लेवी दो. इससे पहले भी एक करोड़ रुपये मांगा गया था, लेकिन तुमने नहीं दिया था और पुलिस को खबर कर दी थी. इस मामले में तुम्हें माफ कर दिया गया था. लेकिन इस बार नहीं बख्शा जाएगा. उस पर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस को खबर की तो अंजाम बुरा होगा.' निवेदक के रूप में विशाल जी जोनल कमांडर पीएलएफआई लिखा हुआ था. प्लांट में रहने वाले सुनील कुमार ने पोस्टर देखा, तो तुपुदाना पुलिस को सूचना दी थी. सूचना पर तुपुदाना पुलिस मौके पर पहुंचकर पानी से भीगे हुए पोस्टर को उखाड़कर जब्त कर लिया.

दहशत में लोग

पोस्टरबाजी की घटना की खबर आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई. लोग हरदाग चौक में जमा होकर तरह-तरह की बात करने लगे. पहले भी क्षेत्र पीएलएफआई के उग्रवादियों के चंगुल में था. शाम में ही पूरे दुकानें बंद हो जाती थी. लेकिन पूर्व थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों की ओर से गश्ती करते रहने के कारण लोग आश्वस्त थे और उग्रवादियों का पांव क्षेत्र से उखड़ चुका था.

पोस्टरबाजी के बाद रांची-खूंटी सीमा पर स्थित हरदाग में पोस्टरबाजी की घटना से दहशत में है. लोग वास्तु विहार में रहने वाले हजारों लोग भी दहशत में आ गए हैं. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में पुलिस की गश्ती अब नहीं के बराबर है, जिससे खूंटी क्षेत्र के उग्रवादी इधर अपना ठिकाना बना लिया है.

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5 साल के भीतर तीसरी लगाया पोस्टर

पांच साल के भीतर तीसरी बार पोस्टरबाजी की गई है. छह जनवरी 2015 में भी पोस्टर बाजी की घटना हुई थी. प्लांट संचालक विरेंद्र प्रधान से 1 करोड़ रुपये की मांग की गई थी. 2015 में पोस्टर चिपकाने की घटना बीतने के दो दिन बाद फोन कर रुपये की मांग की गई थी. हालांकि, मामले की सूचना मिलने के बाद तुपुदाना पुलिस कार्रवाई करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया था. पुलिस लोकेशन के आधार पर खूंटी में पीएलएफआई के उग्रवादी लाका पाहन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. दूसरी बार 20 अगस्त को पोस्टरबाजी कर रंगदारी मांगी गई. तीसरी बार फिर चार दिसंबर को पोस्टरबाजी की गई.

उग्रवादियों का ठिकाना

रांची का तुपुदाना इलाका पीएलएफआई उग्रवादियों का ठिकाना बनता जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों से इस इलाके में उग्रवादी सक्रिए हो गए हैं. पोस्टरबाजी, आगजनी से लेकर जमीन कारोबारियों की हत्या की वारदात को अंजाम दे चुके हैं. पीएलएफआई के उग्रवादियों ने तुपुदाना इलाके के क्रशर व्यापारियों, कारोबारियों, जमीन कारोबारियों और बालू व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए लेवी वसूली करती हैं. बताया जा रहा है कि उग्रवादियों की ओर से क्रशर व्यवसायियों से पांच से 10 हजार रुपये प्रतिमाह, बड़े व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों से 20 हजार से 50 हजार रुपये तक की लेवी की वसूली की जाती है.

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