ETV Bharat / state

धान खरीद मामले में फर्जीवाड़ा: झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर, निष्पक्ष जांच की मांग

author img

By

Published : Nov 24, 2021, 10:35 PM IST

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में 2020 में धान खरीद में फर्जीवाड़ा की जांच को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई है कि पलामू के मनातू प्रखंड के पदमा गांव में मयूर अहमद और नुसरत परवीन के एसबीआई खाते में 12 मार्च को 1 लाख 81 हजार 500 रुपए डाले गए और फिर अगले ही दिन 13 तारीख को पूरी राशि निकाल ली गई. उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की है.

investigation of fraud in paddy purchase case
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: झारखंड में वर्ष 2020 में धान खरीद में फर्जीवाड़ा की जांच को लेकर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता अरुण कुमार दुबे की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने यह याचिका दायर की है.

इसे भी पढे़ं: झारखंड हाई कोर्ट का अहम फैसला, विवाह के आधार पर नहीं दिया जा सकता आरक्षण का लाभ

याचिका के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई है कि पलामू के मनातू प्रखंड के पदमा गांव में मयूर अहमद और नुसरत परवीन के एसबीआई खाते में 12 मार्च को 1 लाख 81 हजार 500 रुपए डाले गए और फिर अगले ही दिन 13 तारीख को पूरी राशि निकाल ली गई. किसान की जानकारी के बिना उनके खाते से राशि निकल ली गई.

किसान के खाते से निकाली गई राशि

वहीं 7 अप्रैल 2020 को 2 लाख किसान के खाते में डाले गए और अगले ही दिन 8 अप्रैल को पूरी राशि बिना किसान को जानकारी के ही निकाल ली गई. उसके बाद 6 मई 2020 को 2 लाख फिर से खाते में डाले गए और 2 दिन बाद ही 8 मई को पूरी राशि खाते से निकाल ली गई. उन्होंने अदालत से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है.

रांची: झारखंड में वर्ष 2020 में धान खरीद में फर्जीवाड़ा की जांच को लेकर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता अरुण कुमार दुबे की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने यह याचिका दायर की है.

इसे भी पढे़ं: झारखंड हाई कोर्ट का अहम फैसला, विवाह के आधार पर नहीं दिया जा सकता आरक्षण का लाभ

याचिका के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई है कि पलामू के मनातू प्रखंड के पदमा गांव में मयूर अहमद और नुसरत परवीन के एसबीआई खाते में 12 मार्च को 1 लाख 81 हजार 500 रुपए डाले गए और फिर अगले ही दिन 13 तारीख को पूरी राशि निकाल ली गई. किसान की जानकारी के बिना उनके खाते से राशि निकल ली गई.

किसान के खाते से निकाली गई राशि

वहीं 7 अप्रैल 2020 को 2 लाख किसान के खाते में डाले गए और अगले ही दिन 8 अप्रैल को पूरी राशि बिना किसान को जानकारी के ही निकाल ली गई. उसके बाद 6 मई 2020 को 2 लाख फिर से खाते में डाले गए और 2 दिन बाद ही 8 मई को पूरी राशि खाते से निकाल ली गई. उन्होंने अदालत से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.