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मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर, विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच की मांग - jharkhand high court

झारखंड हाई कोर्ट में मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ याचिका दायर की गयी है. इस जनहित याचिका के जरिए झारखंड विधानसभा नियुक्ति में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की गयी है.

petition filed against minister alamgir alam in jharkhand high court
मंत्री आलमगीर आलम
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Published : Apr 18, 2022, 10:59 PM IST

रांचीः झारखंड हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की गई है. वर्ष 2007-08 में झारखंड विधानसभा नियुक्ति में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.

इसे भी पढ़ें- मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े केस में ईडी की जांच शुरू, शिकायतकर्ता ठेकेदार को भेजी गई नोटिस

प्रार्थी शिव शंकर शर्मा ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. इस जनहित याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2008 में मधु कोड़ा शासन काल में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम ने विधानसभा में 150 लोगों की नियुक्ति की थी. जिसमें भारी अनियमितता बरती गई है, जिसकी जांच सीबीआई से करानी चाहिए.

जानकारी देते अधिवक्ता
इसको लेकर प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार के मुताबिक, झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति में अनियमितता की जांच के लिए एक कमिटी भी बनाई गई थी. जांच में 20 ऐसे बिंदु हैं जो अनियमित पाई गयी है लेकिन अभी तक उस पर कोई अमल नहीं किया गया है. वहीं वर्ष 2019 में तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने घूस लेने की कथित सीडी की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया गया था. लेकिन उसमें भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है. अब ये पूरा मामला झारखंड हाई कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गयी है. इस जनहित याचिका में झारखंड के DGP, मंत्री आलमगीर आलम और CBI को पार्टी बनाया गया है.

रांचीः झारखंड हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की गई है. वर्ष 2007-08 में झारखंड विधानसभा नियुक्ति में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.

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प्रार्थी शिव शंकर शर्मा ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. इस जनहित याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2008 में मधु कोड़ा शासन काल में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम ने विधानसभा में 150 लोगों की नियुक्ति की थी. जिसमें भारी अनियमितता बरती गई है, जिसकी जांच सीबीआई से करानी चाहिए.

जानकारी देते अधिवक्ता
इसको लेकर प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार के मुताबिक, झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति में अनियमितता की जांच के लिए एक कमिटी भी बनाई गई थी. जांच में 20 ऐसे बिंदु हैं जो अनियमित पाई गयी है लेकिन अभी तक उस पर कोई अमल नहीं किया गया है. वहीं वर्ष 2019 में तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने घूस लेने की कथित सीडी की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया गया था. लेकिन उसमें भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है. अब ये पूरा मामला झारखंड हाई कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गयी है. इस जनहित याचिका में झारखंड के DGP, मंत्री आलमगीर आलम और CBI को पार्टी बनाया गया है.
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