रांची: गुजरात के अहमदाबाद में चल रहे 36वें राष्ट्रीय खेल (36th National Games) में झारखंड की महिला लॉन बॉल टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड पर कब्जा जमाया है. विमेन फोर कैटेगरी में रूपा रानी तिर्की, लवली चौबे, कविता खलखो और आरजू रानी की टीम ने असम को 23/10 से हराकर झारखंड के लिए पहला स्वर्ण जीता है.
ये भी पढ़ें- झारखंड में नेशनल गेम्स से ज्यादा मायने रखता है फ्रेंडली गेम, गुजरात गये खिलाड़ियों को नहीं मिला तव्वजो, राजनीति शुरू
वहीं, महिला एकल में सरिता तिर्की को सिल्वर से संतोष करना पड़ा. सरिता तिर्की को दिल्ली की सायिस्ता ने 21/17 से हराया. हालांकि सरिता ने जबरदस्त टक्कर दी. दूसरी तरफ मेंस ट्रिपल में चंदन सिंह, अभिषेक लकड़ा और प्रिंस महतो ने दिल्ली को 23/10 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है. झारखंड बॉलिंग एसोसिएशन के संयुक्त सचिव रितेश झा ने अहमदाबाद के केंसविली गोल्फ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से झारखंड लॉन बॉल टीम के शानदार प्रदर्शन की जानकारी साझा की है. 36वें नेशनल गेम्स से झारखंड को बहुत उम्मीदें हैं. खासकर हॉकी, तीरंदाजी प्रतियोगिता में गोल्ड की उम्मीद की जा रही है. आशा के अनुरूप लॉन बॉल टीम ने प्रदर्शन कर उम्मीदों को और भी मजबूत कर दिया है.
नेशनल गेम्स से ज्यादा मायने रखता है फ्रेंडली गेम: झारखंड में नेशनल गेम्स से ज्यादा फ्रेंडली गेम मायने रखता है. यहां पर फ्रेंडली गेम के लिए महंगे किट खरीदे जाते हैं, जबिक 36वें नेशनल गेम्स (36th National Games) में गए खिलाड़ियों को ब्लेजर भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. इसे लकर अब राजनीति शुरू हो गई है. खेल और खिलाड़ियों की उपेक्षा को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. सवाल उठाया जा रहा है कि महंगाई के दौर में नेशनल गेम के लिए चयनित खिलाड़ियों को सिर्फ 5-5 हजार रुपए का किट क्यों दिया गया. इतने कम पैसे के किट की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है. सरकार के इस रूख की तुलना विधानसभा की ओर से कराए जाने वाले फ्रेंडली टेनिस बॉल क्रिकेट मैच से की जा रही है. विधानसभा की ओर से साल 2021 में आयोजित दो मैच के लिए किट खरीदने के एवज में 33 लाख रुपए का बिल बना था. यही नहीं दो दिन के 3-3 घंटे के इवेंट पर कुल 42 लाख का बिल बना था. इस बेरूखी के लिए खेल मंत्री हफीजुल हसन से प्रतिक्रिया लेने की कई बार कोशिश की गई लेकिन उनके पीए ने कहा कि साहब व्यस्त हैं.