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बच्चों के टीकाकरण केंद्रों पर स्टाफ की कमी से लोग परेशान, 14 वर्ष तक के बच्चों को लग रही CORBEVAX

झारखंड में बच्चों के टीकाकरण केंद्रों पर स्टाफ की कमी से लोग परेशान हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि यहां स्टाफ बढ़ाया जाए ताकि अधिक इंतजार न करना पड़े.

बच्चों के टीकाकरण केंद्रों पर स्टाफ की कमी से लोग परेशान
फुटबॉल स्टेडियम में टीकाकरण केंद्र
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Published : Apr 15, 2022, 11:11 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 2:50 PM IST

रांची: झारखंड में बड़ों के टीकाकरण अभियान के साथ अब सरकार बच्चों के वैक्सीनेशन में जुट गई है, ताकि बच्चों को कोरोना से बचाया जा सके. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी कर 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए कोरबीवैक्स (CORBEVAX) वैक्सीन की अनुमति दे दी है. वहीं 15 से 17 वर्ष तक के युवाओं के लिए कोवैक्सीन की अनुमति दे दी है. लेकिन टीकाकरण केंद्रों पर पर्याप्त स्टाफ की कमी होना लोगों को परेशान कर रहा है.

ये भी पढ़ें-राहत: झारखंड के 24 में से 23 जिले कोरोना मुक्त, रांची में अब मात्र 7 एक्टिव केस


राजधानी रांची की बात करें तो फिलहाल रांची के दो टीकाकरण केंद्रों पर 12 से 14 साल तक के बच्चों को टीका लगाया जा रहा है. 15 से 17 साल तक के बच्चों के लिए अन्य टीका केंद्रों पर भी व्यवस्था की गई है. अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे अभिभावकों ने बताया कि टीकाकरण केंद्रों पर व्यवस्था पर्याप्त है लेकिन मैन पावर की कमी कहीं ना कहीं देखने को मिल रही है. यदि और भी लोगों की नियुक्ति की जाती है तो बच्चों को टीका लेने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता.

देखें पूरी खबर
राजधानी रांची की बात करें तो 12 से 14 वर्ष तक के बच्चे और 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों की संख्या करीब लाख है. जिसमें 15 से 18 साल तक के बच्चों की संख्या करीब ढाई लाख है तो वहीं 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों की संख्या करीब डेढ़ लाख है. आंकड़ों के अनुसार 12 से 14 साल उम्र की सीमा वाले बच्चों की बात करें तो अब तक कुल 26,222 बच्चे को पहली डोज दे दी गई है. वहीं 15 से 17 वर्ष तक के बच्चों की बात करें तो करीब डेढ़ लाख बच्चों को पहली डोज लगी है.वहीं मोरहाबादी स्थित फुटबॉल स्टेडियम में टीकाकरण केंद्र के इंचार्ज आकाश कुमार ने बताया कि बच्चों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब टीकाकरण केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मचारियों से बात की तो कई स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि 12 से 14 साल तक के बच्चों के लिए एक वाइल में 20 डोज होते हैं ऐसी परिस्थिति में जब तक 15 से 17 बच्चे जमा नहीं होते हैं तब तक नई वाइल को नहीं खोला जाता है, ताकि दवा बर्बाद न हो सके.

रांची: झारखंड में बड़ों के टीकाकरण अभियान के साथ अब सरकार बच्चों के वैक्सीनेशन में जुट गई है, ताकि बच्चों को कोरोना से बचाया जा सके. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी कर 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए कोरबीवैक्स (CORBEVAX) वैक्सीन की अनुमति दे दी है. वहीं 15 से 17 वर्ष तक के युवाओं के लिए कोवैक्सीन की अनुमति दे दी है. लेकिन टीकाकरण केंद्रों पर पर्याप्त स्टाफ की कमी होना लोगों को परेशान कर रहा है.

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राजधानी रांची की बात करें तो फिलहाल रांची के दो टीकाकरण केंद्रों पर 12 से 14 साल तक के बच्चों को टीका लगाया जा रहा है. 15 से 17 साल तक के बच्चों के लिए अन्य टीका केंद्रों पर भी व्यवस्था की गई है. अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे अभिभावकों ने बताया कि टीकाकरण केंद्रों पर व्यवस्था पर्याप्त है लेकिन मैन पावर की कमी कहीं ना कहीं देखने को मिल रही है. यदि और भी लोगों की नियुक्ति की जाती है तो बच्चों को टीका लेने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता.

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राजधानी रांची की बात करें तो 12 से 14 वर्ष तक के बच्चे और 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों की संख्या करीब लाख है. जिसमें 15 से 18 साल तक के बच्चों की संख्या करीब ढाई लाख है तो वहीं 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों की संख्या करीब डेढ़ लाख है. आंकड़ों के अनुसार 12 से 14 साल उम्र की सीमा वाले बच्चों की बात करें तो अब तक कुल 26,222 बच्चे को पहली डोज दे दी गई है. वहीं 15 से 17 वर्ष तक के बच्चों की बात करें तो करीब डेढ़ लाख बच्चों को पहली डोज लगी है.वहीं मोरहाबादी स्थित फुटबॉल स्टेडियम में टीकाकरण केंद्र के इंचार्ज आकाश कुमार ने बताया कि बच्चों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब टीकाकरण केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मचारियों से बात की तो कई स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि 12 से 14 साल तक के बच्चों के लिए एक वाइल में 20 डोज होते हैं ऐसी परिस्थिति में जब तक 15 से 17 बच्चे जमा नहीं होते हैं तब तक नई वाइल को नहीं खोला जाता है, ताकि दवा बर्बाद न हो सके.
Last Updated : Apr 16, 2022, 2:50 PM IST
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