रांची: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में सैकड़ों की संख्या में झारखंड के छात्र-छात्राएं फंसे हैं. इन फंसे छात्र-छात्राओं को सकुशल वापसी को लेकर राज्य सरकार के लेकर भारत सरकार तक प्रयास कर रही है. इन सब के बीच मंगलवार को यूक्रेन में फंसे झारखंड के पांच छात्रों सहित 17 लोग लौटे हैं. रांची एयरपोर्ट पर पहुंचते ही छात्र-छात्राएं भावुक हो गए और अपने माता पिता से लिपट कर रोने लगे.
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बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे झारखंड के पांच छात्रों ने यूक्रेन की दास्ता बताए जो रौंगटे खड़ा करने वाले थे. उन्होंने कहा कि मौत के मुंह से लौटे हैं. बोकारो के रहने वाले अंकित कुमार ने कहा कि जिस दिन रूस ने हमला किया तो शुरुआत से इंडियन एंबेसी के लगातार संपर्क में थे. लेकिन रोमानिया बॉर्डर पहुंचने के बाद एंबेसी से संपर्क टूट गया. इससे भयंकर डर सताने लगा. इसी दौरान बॉर्डर पर आर्मी की ओर से लगातार फायरिंग की जा रही थी. इस फायरिंग के बीच 3 डिग्री तापमान में रात गुजारनी पड़ी. उन्होंने कहा कि अगले दिन सुबह में भगदड़ की स्थिति बन गई और कुछ छात्र-छात्राओं के साथ बॉर्डर पर मारपीट भी की गई. उन्होंने कहा कि रोमानिया बॉर्डर क्रॉस करने के बाद एंबेसी के संपर्क में आ गए और अब अपने घर लौट आए हैं.
रामगढ़ की रहने वाली अमन तेजस्विनी ने भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि आज यहां जिंदा लौटे हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में सैकड़ों की संख्या में अब भी छात्र-छात्राएं फंसे हैं. उन्हें निकलने की अलग से पहल की जानी चाहिए. बोकारो के अंकित कुमार और रामगढ़ के अमन तेजस्विनी के साथ साथ रांची की रहने वाली त्रिशा रानी, जमशेदपुर की हेरा फातिमा और रांची की प्रिया प्रियंका सकुशल झारखंड पहुंच गई हैं.
राज्य सरकार की ओर से संचालित कंट्रोल रूम के अनुसार मंगलवार की शाम तक 17 लोग यूक्रेन से झारखंड लौट आए हैं. इसमें पांच छात्र-छात्राएं भी शामिल है. कंट्रोल रूम के अनुसार अब तक 134 फोन कॉल के माध्यम से 181 लोगों की सूचना मिली है. इसमें 67 महिलाएं और 114 पुरुष हैं.