रांचीः खराब मौसम के बावजूद राजधानी रांची में हर तरफ रंगों का त्योहार होली की धूम रही. फगुआ गीत पर थिरकते लोगों ने अलग तरीके से रंगोत्सव की खुशियां मनायी. महात्मा गांधी मार्ग पर हनुमान मंदिर के पास युवाओं ने हर वर्ष की तरह मिट्टी से होली खेली. वहीं काली मंदिर के पास युवाओं की टोली सड़क पर कुर्ताफाड़ होली खेलते नजर आई. इस दौरान युवाओं ने एक-दूसरे का कुर्ता फाड़ कर उसे बीच सड़क पर टांग दिया था और फिर सभी एक रंग में रंग गए थे. वहीं अपर बाजार शनि मंदिर के समीप उत्साही युवाओं की टोली ने मटका फोड़ होली खेली. जहां तेज पानी की धार का सामना करते हुए 25 फीट की ऊंचाई पर लटकाए गए मटका को फोड़ना था. काफी प्रयास के बाद एक टोली को इसमें सफलता मिली.
राजभवन के पास धरनास्थल पर सिर्फ लगा था टेंट, धरनार्थी होली मनाने घर गएः होली को लेकर राजभवन के समीप धरनास्थल भी खाली दिखा, जहां सालों भर किसी न किसी संगठन से जुड़े लोगों का धरना-प्रदर्शन चलता रहता है. आज यहां भी होली की वजह से सन्नाटा दिखा. खतियान लेखन ( सफाई मोहर्रिर संघ ) का 191 दिन अनिश्चितकालीन धरना पर होली के दिन विराम लगा था. राजभवन के पास खतियान लेखन के कर्मचारियों के भू राजस्व और बंदोबस्त कार्यालय और इनकी मांगों से जुड़े बैनर, तख्ती, टेंट तो हैं लेकिन कोई धरनार्थी मौजूद नहीं थे. अब होली के बाद फिर इनका अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा.
भाजपा छोड़ प्रायः सभी पार्टी दफ्तरों में पसरा सन्नाटाः राजधानी रांची में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में होली मिलन का आयोजन किया गया था. जहां प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, सांसद संजय सेठ, विधायक नवीन जायसवाल सहित नेता और कार्यकर्ता एक साथ रंग-गुलाल लगाकर होली की गीतों पर थिरकते नजर आए. भाजपा दफ्तर में खेली गयी सामूहिक होली को छोड़ कर कांग्रेस, राजद, आजसू, जदयू, झामुमो जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं ने होली अपने अपने घरों में ही मनायी और पार्टी दफ्तर या तो बंद रहा या फिर सुनसान रहा.
एचईसी कर्मियों की होली रही फीकीः एक जमाना था जब रांची के एचईसी इलाके की होली की चर्चा हर तरफ होती थी, लेकिन आज की तारीख में बीमार हो चुके एचईसी के कर्मियों-अधिकारियों को वेतन नहीं की वजह से एचईसी परिसर में होली की रौनक फीकी रही.
भोजपूरी गीतों की रही धूमः राजधानी में होली के दौरान जहां पुरानी होली की गीत सबसे ज्यादा सुनाई दी, वहीं क्षेत्रीय भाषा या बोली में भोजपुरिया गीतों की भी धूम रही. राजधानी में अलग-अलग टोलियों में लोग होली की भोजपुरी गीतों पर थिरकते नजर आए.