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राजधानी रांची में है सबसे ज्यादा साइबर क्रिमिनल्स का आतंक, जामताड़ा तो है केवल बदनाम

झारखंड में 100 में से हर 25वां व्यक्ति जो साइबर अपराधियों के द्वारा ठगी का शिकार होता है वह राजधानी रांची का होता है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा ठगी की घटना को साइबर अपराधियों ने राजधानी में ही अंजाम दिया है.

Cyber fraud cases in Jharkhand
Cyber fraud cases in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 12, 2023, 7:47 PM IST

अनूप बिरथरे, डीआईजी रांची

रांची: साइबर अपराध पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती बन कर उभर रहा है. वैसे तो झारखंड के चार जिले जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह और देवघर ही साइबर अपराध के लिए देश भर में बदनाम है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि राज्य में सबसे ज्यादा साइबर अपराधियों के निशाने पर राजधानीवासी ही है. सीआईडी के आकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा ठगी राजधानी में ही अंजाम दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- Cyber Crime In Dhanbad: धनबाद डीसी के नाम से बनायी गई फेक व्हाट्सएप आईडी, डीसी ने लोगों को किया सावधान

पांच साल में रांची में 1376 साइबर ठगी के मामले: साइबर अपराध के मामले में रांची एक नंबर पर है. साल 2019 से अगर हम साइबर अपराध के आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 में मात्र राजधानी में मात्र 481 मामले रिपोर्ट हुए. 2020 में ये मामले घट कर 286 हो गए. 2021 में 257. 2022 में 257 और साल 2023 में अब तक 138 मामले दर्ज किए गए है. 2019 से लेकर 2023 तक कुल 1376 मामले साइबर को लेकर रिपोर्ट हुए है.

Cyber fraud cases in Jharkhand
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बाकी जिलों की क्या स्थिति है: साइबर अपराधी के लिए बदनाम रहे धनबाद में 2019 से लेकर 2023 तक कुल 416 मामले रिपोर्ट हुए हैं. वहीं देवघर में 391, जामताड़ा में 338, जमशेदपुर में 385 हजारीबाग में 335 गिरिडीह में 289, रामगढ़ में 183, पलामू में 179, लातेहार में 164, सरायकेला में 157, बोकारो में 149, दुमका में 121, गोड्डा में 119, चतरा में 114, गढ़वा में 99, चाईबासा में 94, गुमला में 92, पाकुड़ में 87, साहिबगंज में 86, कोडरमा में 74, लोहरदगा में 46, खूंटी में 45 और सिमडेगा में 43 मामले रिपोर्ट हुए हैं.

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सबसे ज्यादा लंबित मामले भी है रांची में: राजधानी रांची में 1376 साइबर मामले दर्ज हुए है जिनमें से 1045 मामले अभी भी लंबित हैं. राज्य के दूसरे जिलों की अगर हम बात करें तो धनबाद के 416 मामलों में 287 मामले लंबित हैं. वहीं देवघर में 119 जमशेदपुर में 246, हजारीबाग में 279, जामताड़ा में 149, गिरिडीह में 103, रामगढ़ में 43, पलामू में 155, लातेहार में 124, सरायकेला में 127, बोकारो में 93, दुमका में 111, गोड्डा में 40, चतरा में 65, चाईबासा में 41, गुमला में 51, पाकुड़ में 67, साहिबगंज में 75, कोडरमा में 48, लोहरदगा में 29, खूंटी में 30, सिमडेगा में 14, रेल थाना जमशेदपुर में एक और रेल धनबाद में एक मामले लंबित. यानी 5405 मामलों में राजभर में 3436 मामले अब तक लंबित है.

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सीआईडी डीजी का आदेश जल्द निपटाएं मामले: सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने सभी पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द लंबित साइबर मामलों का निपटारा करें. रांची रेंज के डीआईजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि साइबर के राज्य भर में दर्ज मामलों का 25 प्रतिशत केस राजधानी में दर्ज हुआ है. डीजी सीआईडी के निर्देश पर साइबर के लंबित मामलों का जल्द से जल्द निपटारे का काम शुरू किया गया है. इसे लेकर सभी पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिया गया है.

अनूप बिरथरे, डीआईजी रांची

रांची: साइबर अपराध पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती बन कर उभर रहा है. वैसे तो झारखंड के चार जिले जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह और देवघर ही साइबर अपराध के लिए देश भर में बदनाम है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि राज्य में सबसे ज्यादा साइबर अपराधियों के निशाने पर राजधानीवासी ही है. सीआईडी के आकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा ठगी राजधानी में ही अंजाम दिए गए हैं.

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पांच साल में रांची में 1376 साइबर ठगी के मामले: साइबर अपराध के मामले में रांची एक नंबर पर है. साल 2019 से अगर हम साइबर अपराध के आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 में मात्र राजधानी में मात्र 481 मामले रिपोर्ट हुए. 2020 में ये मामले घट कर 286 हो गए. 2021 में 257. 2022 में 257 और साल 2023 में अब तक 138 मामले दर्ज किए गए है. 2019 से लेकर 2023 तक कुल 1376 मामले साइबर को लेकर रिपोर्ट हुए है.

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बाकी जिलों की क्या स्थिति है: साइबर अपराधी के लिए बदनाम रहे धनबाद में 2019 से लेकर 2023 तक कुल 416 मामले रिपोर्ट हुए हैं. वहीं देवघर में 391, जामताड़ा में 338, जमशेदपुर में 385 हजारीबाग में 335 गिरिडीह में 289, रामगढ़ में 183, पलामू में 179, लातेहार में 164, सरायकेला में 157, बोकारो में 149, दुमका में 121, गोड्डा में 119, चतरा में 114, गढ़वा में 99, चाईबासा में 94, गुमला में 92, पाकुड़ में 87, साहिबगंज में 86, कोडरमा में 74, लोहरदगा में 46, खूंटी में 45 और सिमडेगा में 43 मामले रिपोर्ट हुए हैं.

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सबसे ज्यादा लंबित मामले भी है रांची में: राजधानी रांची में 1376 साइबर मामले दर्ज हुए है जिनमें से 1045 मामले अभी भी लंबित हैं. राज्य के दूसरे जिलों की अगर हम बात करें तो धनबाद के 416 मामलों में 287 मामले लंबित हैं. वहीं देवघर में 119 जमशेदपुर में 246, हजारीबाग में 279, जामताड़ा में 149, गिरिडीह में 103, रामगढ़ में 43, पलामू में 155, लातेहार में 124, सरायकेला में 127, बोकारो में 93, दुमका में 111, गोड्डा में 40, चतरा में 65, चाईबासा में 41, गुमला में 51, पाकुड़ में 67, साहिबगंज में 75, कोडरमा में 48, लोहरदगा में 29, खूंटी में 30, सिमडेगा में 14, रेल थाना जमशेदपुर में एक और रेल धनबाद में एक मामले लंबित. यानी 5405 मामलों में राजभर में 3436 मामले अब तक लंबित है.

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सीआईडी डीजी का आदेश जल्द निपटाएं मामले: सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने सभी पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द लंबित साइबर मामलों का निपटारा करें. रांची रेंज के डीआईजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि साइबर के राज्य भर में दर्ज मामलों का 25 प्रतिशत केस राजधानी में दर्ज हुआ है. डीजी सीआईडी के निर्देश पर साइबर के लंबित मामलों का जल्द से जल्द निपटारे का काम शुरू किया गया है. इसे लेकर सभी पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिया गया है.

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