ETV Bharat / state

20 साल में बढ़ गया शहर का दायरा, आवागमन के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं

राजधानी समेत प्रदेश के तमाम बड़े शहरों का दायरा बढ़ रहा है, लेकिन यहां आबादी और क्षेत्रफल के मुताबिक सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा पा रहीं हैं. परिवहन के साधनों का भी यही हाल है. रांची के हालात भी इससे जुदा नहीं हैं.

People suffering due to lack of bus stand in Ranchi
रांची में बस स्टैंड की कमी
author img

By

Published : Feb 21, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Feb 22, 2021, 6:13 PM IST

रांची: राजधानी समेत प्रदेश के तमाम बड़े शहरों का दायरा बढ़ रहा है, लेकिन यहां आबादी और क्षेत्रफल के मुताबिक सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा पा रहीं हैं. परिवहन के साधनों का भी यही हाल है. रांची के हालात भी इससे जुदा नहीं हैं.

देखें स्पेशल खबर

ये भी पढ़ें-खूंटी: सात करोड़ की योजनाओं को मिली मंजूरी, लोगों को मिलेगी अत्याधुनिक बस स्टैंड की सौगात

शहर का हुआ विस्तार

साल 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ था और उस वक्त एकीकृत बिहार से झारखंड अलग होकर राज्य बनाया गया था. राज्य बनने के बाद रांची को झारखंड की राजधानी बनाई गई. इसके बाद से लगातार इस शहर का विस्तार होता चला गया. धीरे-धीरे रांची में सिर्फ दूसरे जिलों के लोग ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के लोग भी आकर बसने लगे, जिससे आबादी दोगुनी हो गई और शहर के बाहरी इलाकों तक विस्तार भी हुआ. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी राजधानीवासियों को उस वक्त होती है, जब उन्हें शहर के बाहरी इलाकों से भाड़े की मोटी रकम देकर जाम की समस्या से जूझते हुए शहर के मध्य में बने बस स्टैंड पर पहुंचना पड़ता है.

यात्रियों की सुविधा पर सवाल

राजधानी में फिलहाल तीन मुख्य बस पड़ाव हैं, जिसमें पहला खादगढ़ा, दूसरा स्टेशन के समीप और तीसरा आईटीआई बस स्टैंड. तीनों बस स्टैंड शहर के बाहरी इलाकों से काफी दूर हैं. इस वजह से शहर के दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों को बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता है. कई बार यात्रियों की बस भी छूट जाती है, इसीलिए वर्तमान में यात्रियों की सुविधा को देखते हुए वाहन चालक शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर यात्रियों को चढ़ाने और उतारने का काम करते हैं, ताकि यात्रियों को अपने घर से बस स्टैंड तक की दूरी कम हो सके.

ये भी पढ़ें-रामगढ़ के एकमात्र बस स्टैंड में भी नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं, यात्री होते हैं परेशान

नहीं है कोई बुनियादी सुविधा

पिकअप पॉइंट को लेकर यात्रियों का कहना है कि यहां पर बुनियादी सुविधा होनी चाहिए. जैसे शौचालय, यात्रियों के बैठने की व्यवस्था और पीने का पानी, क्योंकि ये व्यवस्था नहीं रहने की वजह से यात्रियों को पिकअप पॉइंट पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यात्रियों ने बताया कि परिवार के साथ बस पकड़ने में काफी दिक्कतें होती हैं, क्योंकि बारिश के समय में शेड नहीं रहने के कारण यात्री भीगने को मजबूर हो जाते हैं. यही वजह है कि इन पिकअप पॉइंट से यात्रियों को बस पर बैठाने और उतारने में समस्याएं होती हैं.

पिकअप प्वॉइंट पर हो व्यवस्था

चालक बताते हैं कि बस स्टैंड में तो बस पार्क करने की जगह होती है, जहां यात्री आ कर आराम से बैठते हैं, लेकिन चौक-चौराहों पर यात्रियों को बैठाने- उतारने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि चौक-चौराहे पर बस पार्क करने की कोई व्यवस्था नहीं है. व्यस्त बाजार के कारण कई बार जाम की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिससे ट्रैफिक पुलिस वाले फाइन काट देते हैं. ऐसे में गाड़ी मालिक पर आर्थिक बोझ पड़ता है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा है कि शहर के बाहरी इलाकों में बने पिकअप प्वाइंट पर सरकार समुचित व्यवस्था करें, ताकि यात्रियों के साथ-साथ गाड़ी चालक को भी राहत मिल सके.

ये भी पढ़ें-चाईबासाः बस स्टैंड से एक मानव तस्कर गिरफ्तार, दो नाबालिग समेत 17 लड़के-लड़कियां बरामद

पिकअप प्वाइंट्स बनाने की जरूरत

अस्थाई बस स्टैंड पर यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कदम उठाए जाएंगे. इसे लेकर जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि शहर का विस्तार दिन प्रतिदिन हो रहा है. ऐसे में कई अस्थाई बस स्टैंड बनाए गए हैं. उसको सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार प्रयासरत है. जल्द ही यात्रियों की सुविधा को देखते हुए शहर के बाहरी इलाकों में बने पिकअप पॉइंट को दुरुस्त कर दिया जाएगा, ताकि यात्री पिकअप पॉइंट पर भी आराम से बस पर चढ़ सकें. शहर के विस्तार को देखते हुए विभिन्न चौक-चौराहों पर छोटे-छोटे बस पड़ाव बनाना बेहद आवश्यक है. अब यह देखना होगा कि यात्रियों को कब तक सुविधा प्राप्त हो सकती है.

रांची: राजधानी समेत प्रदेश के तमाम बड़े शहरों का दायरा बढ़ रहा है, लेकिन यहां आबादी और क्षेत्रफल के मुताबिक सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा पा रहीं हैं. परिवहन के साधनों का भी यही हाल है. रांची के हालात भी इससे जुदा नहीं हैं.

देखें स्पेशल खबर

ये भी पढ़ें-खूंटी: सात करोड़ की योजनाओं को मिली मंजूरी, लोगों को मिलेगी अत्याधुनिक बस स्टैंड की सौगात

शहर का हुआ विस्तार

साल 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ था और उस वक्त एकीकृत बिहार से झारखंड अलग होकर राज्य बनाया गया था. राज्य बनने के बाद रांची को झारखंड की राजधानी बनाई गई. इसके बाद से लगातार इस शहर का विस्तार होता चला गया. धीरे-धीरे रांची में सिर्फ दूसरे जिलों के लोग ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के लोग भी आकर बसने लगे, जिससे आबादी दोगुनी हो गई और शहर के बाहरी इलाकों तक विस्तार भी हुआ. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी राजधानीवासियों को उस वक्त होती है, जब उन्हें शहर के बाहरी इलाकों से भाड़े की मोटी रकम देकर जाम की समस्या से जूझते हुए शहर के मध्य में बने बस स्टैंड पर पहुंचना पड़ता है.

यात्रियों की सुविधा पर सवाल

राजधानी में फिलहाल तीन मुख्य बस पड़ाव हैं, जिसमें पहला खादगढ़ा, दूसरा स्टेशन के समीप और तीसरा आईटीआई बस स्टैंड. तीनों बस स्टैंड शहर के बाहरी इलाकों से काफी दूर हैं. इस वजह से शहर के दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों को बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता है. कई बार यात्रियों की बस भी छूट जाती है, इसीलिए वर्तमान में यात्रियों की सुविधा को देखते हुए वाहन चालक शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर यात्रियों को चढ़ाने और उतारने का काम करते हैं, ताकि यात्रियों को अपने घर से बस स्टैंड तक की दूरी कम हो सके.

ये भी पढ़ें-रामगढ़ के एकमात्र बस स्टैंड में भी नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं, यात्री होते हैं परेशान

नहीं है कोई बुनियादी सुविधा

पिकअप पॉइंट को लेकर यात्रियों का कहना है कि यहां पर बुनियादी सुविधा होनी चाहिए. जैसे शौचालय, यात्रियों के बैठने की व्यवस्था और पीने का पानी, क्योंकि ये व्यवस्था नहीं रहने की वजह से यात्रियों को पिकअप पॉइंट पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यात्रियों ने बताया कि परिवार के साथ बस पकड़ने में काफी दिक्कतें होती हैं, क्योंकि बारिश के समय में शेड नहीं रहने के कारण यात्री भीगने को मजबूर हो जाते हैं. यही वजह है कि इन पिकअप पॉइंट से यात्रियों को बस पर बैठाने और उतारने में समस्याएं होती हैं.

पिकअप प्वॉइंट पर हो व्यवस्था

चालक बताते हैं कि बस स्टैंड में तो बस पार्क करने की जगह होती है, जहां यात्री आ कर आराम से बैठते हैं, लेकिन चौक-चौराहों पर यात्रियों को बैठाने- उतारने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि चौक-चौराहे पर बस पार्क करने की कोई व्यवस्था नहीं है. व्यस्त बाजार के कारण कई बार जाम की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिससे ट्रैफिक पुलिस वाले फाइन काट देते हैं. ऐसे में गाड़ी मालिक पर आर्थिक बोझ पड़ता है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा है कि शहर के बाहरी इलाकों में बने पिकअप प्वाइंट पर सरकार समुचित व्यवस्था करें, ताकि यात्रियों के साथ-साथ गाड़ी चालक को भी राहत मिल सके.

ये भी पढ़ें-चाईबासाः बस स्टैंड से एक मानव तस्कर गिरफ्तार, दो नाबालिग समेत 17 लड़के-लड़कियां बरामद

पिकअप प्वाइंट्स बनाने की जरूरत

अस्थाई बस स्टैंड पर यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कदम उठाए जाएंगे. इसे लेकर जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि शहर का विस्तार दिन प्रतिदिन हो रहा है. ऐसे में कई अस्थाई बस स्टैंड बनाए गए हैं. उसको सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार प्रयासरत है. जल्द ही यात्रियों की सुविधा को देखते हुए शहर के बाहरी इलाकों में बने पिकअप पॉइंट को दुरुस्त कर दिया जाएगा, ताकि यात्री पिकअप पॉइंट पर भी आराम से बस पर चढ़ सकें. शहर के विस्तार को देखते हुए विभिन्न चौक-चौराहों पर छोटे-छोटे बस पड़ाव बनाना बेहद आवश्यक है. अब यह देखना होगा कि यात्रियों को कब तक सुविधा प्राप्त हो सकती है.

Last Updated : Feb 22, 2021, 6:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.