रांची: बुधवार को हाई कोर्ट के निर्देश के बाद परिवहन विभाग की तरफ से राज्य में यह कानून लागू कर दिया गया कि अब लोग अपनी गाड़ी में कोर्ट, आर्मी, पुलिस, प्रेस, सरकार, प्रशासन और मंत्रालय शब्द लिखकर सड़क पर नहीं चलेंगे. अगर इस नियम का उल्लंघन किया जाता है तो दोषी वाहन मालिक और ड्राइवर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. नियम के उल्लंघन पर मोटर अधिनियम एवं नियमावली के नए प्रावधानों के तहत दो हजार रुपए जुर्माना भी लगाया जाएगा.
हमने जब इसकी पड़ताल की तो देखा कि कुछ लोगों ने तो इसे समझा, लेकिन ज्यादातर बेफिक्र होकर कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. भाजपा, जेएमएम, राजद, कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के कई ऐसे कार्यकर्ता हैं जो अपनी गाड़ी के आगे पार्टी के पदनाम का बोर्ड लगाकर घूम रहे हैं.
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फैसले से लोग खुश
मानवाधिकार कार्यकर्ता गोपी कांत घोष का कहना है कि सरकार का यह फैसला सही है क्योंकि कई बार लोग अपने वाहनों पर राजनीतिक पार्टी, प्रेस और पुलिस लिखकर दुरुपयोग करते हैं जिससे आम लोगों के अधिकार का हनन होता है. जनहित को देखते हुए और आम लोगों के अधिकारों को बचाने के लिए यह नियम अच्छा है. सरकार को इसे सख्ती से पालन कराने की जरूरत है. इस नियम को लेकर आम लोगों ने भी सराहना की है.
परिवहन मंत्री बोले-नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई
परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का कहना है कि इस नियम को लागू कराने के लिए सरकार की तरफ से सख्त कदम उठाए जाएंगे. जो भी इस नियम का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. नियम में संशोधन को लेकर परिवहन मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव मेरे पास नहीं आया है.
आदेश के मुताबिक इन्हें छूट दी गई है-
विधायिका
- राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री का दर्जा प्राप्त पदाधिकारी, झारखंड राज्य के लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा सदस्य, विधानसभा समितियों के सभापति, सताधारी दल के मुख्य सचेतक, मान्यता प्राप्त विपक्षी दलों के सचेतक, संविधान के 11वीं व 12वीं अनुसूची के अंतर्गत गठित पंचायती राज्य व्यवस्था के अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्ष, मंत्रिमंडल सचिवालय व स्टेट प्रोटॉकॉल के तहत आने वाली गाड़ियां
न्यायपालिका प्राधिकार
- झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशगण, लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, महाधिवक्ता, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायायुक्त
कार्यपालक प्राधिकार
- मुख्य सचिव, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व उपायुक्त, सभी विभागों के प्रमुख, डीजीपी, एडीजी, जोनल आईजी व डीआईजी, सभी एसएसपी व एसपी, राज्य सरकार के विशेष सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव
वैधानिक आयोग
- जेपीएससी व जेएसएससी अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग अध्यक्ष, राज्य नि:शक्ता आयुक्त, राज्य के कुलपतिगण
केंद्रीय कार्यालय
- प्रधान लेखाकार, मुख्य आयकर आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त केंद्रीय माल एवं सेवाकर झारखंड, रेलवे के प्रमंडलीय प्रबंधक, महाडाकपाल, रक्षा लेखा नियंत्रक
विधि व्यवस्था में लगे पदाधिकारियों में किसे होगा अधिकार-
- डीडीसी, अपर समाहर्ता, अपर पुलिस अधीक्षक, सभी एसडीओ, बीडीओ व सीओ, एसडीपीओ, डीएसपी
- सभी उप परिवहन आयुक्त, डीटीओ, संयुक्त उत्पाद आयुक्त, उपायुक्त व सहायक उत्पाद आयुक्त, जिला खनन पदाधिकारी, सहायक जिला खनन पदाधिकारी
इन्हें लेनी होगी भारत सरकार से अनुमति-
भारत सरकार के मंत्रालय के ऐसे अधिकारी जो राज्य में पदस्थापित हैं, उन्हें संबंधित विभाग, सरकार से अनुमति लेनी होगी. अनुमति के बाद ही वह बोर्ड लगा पाएंगे.