रांची: हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार से लोगों को काफी अपेक्षाएं हैं. विभिन्न समाजिक संगठन हो या कर्मचारी संगठन तमाम लोगों ने इस सरकार से उम्मीदें पाल रखी है. एक बार फिर झारखंड सदान मोर्चा ने पिछड़ी जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने की बात कही है.
पिछड़ी जातियों की है 65 फीसदी आबादी
झारखंड की कुल आबादी में 65 फीसदी भागीदारी निभाने वाली आबादी पिछड़ी जातियों का है और पिछड़ी जातियों को लेकर सदान मोर्चा कोर कमेटी लगातार 27% इस राज्य में उन्हें आरक्षण मिले. इस मांग को लेकर आंदोलनरत रहा है. एक बार फिर हेमंत सरकार बनते ही सदान मोर्चा कोर कमेटी की ओर से राजधानी में एक विशेष बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में राज्य के तमाम पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया था.
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कई बार सरकार को दिया गया था अल्टीमेटम
बैठक के दौरान सदान मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर इस सरकार में भी 27% आरक्षण पिछड़ी जातियों को नहीं मिलती है तो आने वाले दिनों में इस सरकार को भी बदल दिया जाएगा. बता दें कि इस मोर्चा की ओर से रघुवर सरकार को भी कई बार अल्टीमेटम दिया गया था. उनकी मांगों की ओर गौर करने के लिए बार-बार आवेदन भी दिया गया था, लेकिन किसी ने भी इनकी मांगों की ओर गौर नहीं किया. ऐसे में सदान मोर्चा का कहना है कि तमाम सदान एकमत में महागठबंधन के पक्ष में मतदान किया और आज हेमंत की सरकार राज्य में बनी है.
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काफी गंभीरता से सरकार चलाने की जरूरत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सदान मोर्चा जाएगी और उन्हें उनकी परेशानियों से अवगत कराया जाएगा. हेमंत सरकार से लोगों की काफी अपेक्षाएं हैं. हेमंत सरकार के लिए तमाम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना एक चुनौती भी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिलहाल काफी गंभीरता से सरकार चलाने की जरूरत है. तब जाकर झारखंड के तमाम समस्याओं को दूर किया जा सकता है.