रांची: राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स गरीब मरीजों के लिए एक मात्र सहारा माना जाता है, जहां पर पूरे राज्य के गरीब मरीज आकर स्वास्थ्य लाभ लेने की उम्मीद रखते हैं, लेकिन गरीब मरीज की यही उम्मीद टूटने लगे तो निश्चित रूप से राज्य सरकार की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. गुरुवार को कुछ ऐसा ही मामला रिम्स अस्पताल के लेबर रूम में देखने को मिला. दरअसल लातेहार जिले के मनिका की रहने वाली मालती देवी नाम की मरीज 10 दिसंबर को रिम्स में एडमिट हुई थी. 11 दिसंबर को उसने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन 14 दिसंबर को बच्चे की मौत हो गई.
रिम्स कर्मियों ने की बदतमीजी
मीडिया के लोग लेबर रूम के बाहर परिजन से बात करने लगे और पूरे मामले की जानकारी लेने लगे तो रिम्स में कार्यरत सुरक्षाकर्मी ने रिम्स में तैनात पुलिस के सामने मीडिया कर्मी से बदतमीजी और धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी. वहीं इसको लेकर जब रिम्स के उच्च अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो मीडिया से बचते नजर आए.
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कर्मचारियों की गलती की वजह से कन्फ्यूजन
मीडिया ने बार-बार पीड़ित की शिकायत पर रिम्स प्रबंधन से बात करने की कोशिश की तो रिम्स के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार ने फोन पर बताया कि विभाग में कर्मचारियों की गलती की वजह से इस तरह का कन्फ्यूजन हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मालती देवी को डिलीवरी के बाद एक ही बच्चा हुआ था, लेकिन अत्यधिक रक्त का बहाव होने के कारण उसे समझ में नहीं आया और वह दो बच्चे होने की बात कह रही थी.
शो कॉज करते हुए कार्रवाई
एक बच्चा हुआ था और उसकी मौत 14 दिसंबर को हो गई थी तो फिर 16 दिसंबर को उसके बच्चे की एक्स-रे और खून जांच क्यों करवाया गया. इस सवाल पर वह कागजी गलती का हवाला देकर कुछ भी कहने से बचते नजर आए, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि जिस कर्मचारी से भी इस तरह की गलती हुई है, उस पर शो कॉज करते हुए कार्रवाई की जाएगी.