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हाई कोर्ट के सामने शिलापट्ट लगाने पहुंचे पत्थलगड़ी समर्थक, कहा- आदिवासियों के पास हो शासन, प्रशासन और नियंत्रण

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Published : Feb 22, 2021, 4:24 PM IST

Updated : Feb 22, 2021, 5:17 PM IST

सोमवार को करीब 200 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थक झारखंड हाई कोर्ट के सामने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अपने अधिकार का हवाला देते हुए शिलापट्ट लगाने की कोशिश की. मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद मामले को शांत कराया और राज्यपाल से मुलाकात का आश्वासन दिया.

pathalgadi supporters arrived to put up shilapat in front of jharkhand high court
हाई कोर्ट के सामने शिलापट्ट लगाने पहुंचे पत्थलगड़ी समर्थक

रांचीः पत्थलगड़ी की आंच अब राजधानी रांची तक पहुंच गई है. सोमवार को करीब 200 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थक झारखंड हाई कोर्ट के सामने पहुंचे. इस दौरान समर्थकों ने संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत अपने अधिकारों का हवाला देते हुए शिलापट्ट लगाने की कोशिश की. पत्थलगड़ी समर्थकों ने काफी देर तक डोरंडा स्थित अंबेडकर चौक पर नारेबाजी की. उनके हाथ में सफेद, काला और लाल रंग के झंडे भी थे. इस दौरान पुलिस को उन्हें हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात के आश्वासन के बाद वे शांत हुए.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- सरायकेला के जुगीडीह जंगल में किया गया पत्थलगड़ी, ग्रामीणों ने लिया जंगलों को बचाने का लिया संकल्प


पांचवीं अनुसूची के तहत आदिवासियों को मिले अधिकार
पत्थलगड़ी समर्थक धनेश्वर टोप्पो ने बताया कि अब रांची में हर प्रमुख जगहों पर शिलापट्ट लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूची के तहत मिले अधिकार को आदिवासियों से कोई नहीं छीन सकता है. शासन, प्रशासन और नियंत्रण आदिवासियों के पास होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के पास जुटे समर्थक पड़हा राजा व्यवस्था से जुड़े लोग हैं, जो खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा और रांची के रहने वाले हैं.

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धनेश्वर टोप्पो ने कहा कि वे गुमला के रहने वाले हैं और कुड़ुख नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं. अन्य पत्थलगड़ी समर्थक सिमडेगा से बीरेंद्र जोजो, खूंटी से फोदो उरांव, एतवा मुंडा और सिमडेगा के कामडारा से पड़हा राजा राजीव इसका नेतृत्व कर रहे थे.

पुलिस बेखबर

इतने संवेदनशील इलाके में इतने लोग हाथ में झंडा लिए जमा हो गए, लेकिन पुलिस को पता नहीं चला. बाद में पांच थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. इस दौरान नारेबाजी होती रही और पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

रांचीः पत्थलगड़ी की आंच अब राजधानी रांची तक पहुंच गई है. सोमवार को करीब 200 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थक झारखंड हाई कोर्ट के सामने पहुंचे. इस दौरान समर्थकों ने संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत अपने अधिकारों का हवाला देते हुए शिलापट्ट लगाने की कोशिश की. पत्थलगड़ी समर्थकों ने काफी देर तक डोरंडा स्थित अंबेडकर चौक पर नारेबाजी की. उनके हाथ में सफेद, काला और लाल रंग के झंडे भी थे. इस दौरान पुलिस को उन्हें हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात के आश्वासन के बाद वे शांत हुए.

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पांचवीं अनुसूची के तहत आदिवासियों को मिले अधिकार
पत्थलगड़ी समर्थक धनेश्वर टोप्पो ने बताया कि अब रांची में हर प्रमुख जगहों पर शिलापट्ट लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूची के तहत मिले अधिकार को आदिवासियों से कोई नहीं छीन सकता है. शासन, प्रशासन और नियंत्रण आदिवासियों के पास होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के पास जुटे समर्थक पड़हा राजा व्यवस्था से जुड़े लोग हैं, जो खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा और रांची के रहने वाले हैं.

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धनेश्वर टोप्पो ने कहा कि वे गुमला के रहने वाले हैं और कुड़ुख नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं. अन्य पत्थलगड़ी समर्थक सिमडेगा से बीरेंद्र जोजो, खूंटी से फोदो उरांव, एतवा मुंडा और सिमडेगा के कामडारा से पड़हा राजा राजीव इसका नेतृत्व कर रहे थे.

पुलिस बेखबर

इतने संवेदनशील इलाके में इतने लोग हाथ में झंडा लिए जमा हो गए, लेकिन पुलिस को पता नहीं चला. बाद में पांच थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. इस दौरान नारेबाजी होती रही और पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

Last Updated : Feb 22, 2021, 5:17 PM IST
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