रांचीः नए सत्र से राज्य के विभिन्न निजी स्कूलों में नामांकन का दौर शुरू हुआ है. इसी के साथ पुराने विद्यार्थियों के लिए री-एडमिशन भी विभिन्न निजी स्कूल ने लेना शुरू कर दिया है. इसके विरोध में अभिभावक अब गोलबंद होने लगे हैं. इसी कड़ी में रांची के एक निजी स्कूल में अभिभावकों ने री-एडमिशन और शुल्क बढ़ोतरी का विरोध किया है.
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कई स्कूलों से मिल रही शिकायत
कोरोना वायरस के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से तमाम निजी स्कूलों को निर्देश दिया गया था कि वह ट्यूशन फीस के अलावा किसी भी मद में अभिभावकों से रुपयों की वसूली न करें. इसके बावजूद राज्य के विभिन्न निजी स्कूलों की ओर से धड़ल्ले से विभिन्न मद के लिए अभिभावकों से फीस के रूप में मोटी रकम वसूली जा रही है. री-एडमिशन के अलावा बिल्डिंग फंड और विभिन्न मदों में पैसे लिए जा रहे हैं. कई स्कूलों से लगातार शिकायत मिल रही है. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
निजी स्कूल के खिलाफ फूटा गुस्सा
नए सत्र में नामांकन के साथ ही फाइनल एग्जाम रिजल्ट के नाम पर निजी स्कूलों की ओर से फीस क्लियर करने की धमकी भी दी जा रही है, अगर अध्यापक आनाकानी करते हैं. तो बच्चों का नाम स्कूल से हटाने की बात कही जा रही है. एक बार फिर अभिभावकों का आक्रोश एक निजी स्कूल के खिलाफ फूटा है. इसी कड़ी में मंगलवार को अभिभावकों ने राजधानी के एक निजी स्कूल के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया और एडमिशन के साथ ही बेवजह लिए जा रहे शुल्क वृद्धि का विरोध किया.
पुलिस के आने के बाद मामला हुआ शांत
मामला इतना बढ़ गया था कि स्कूल प्रबंधक को पुलिस बुलाना पड़ा. संबंधित थाना और पुलिसकर्मी के आने के बाद अभिभावक थोड़ा शांत हुए. उसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल अभिभावकों को समझाने पहुंचे. इसके बावजूद स्कूल की ओर से फिलहाल कोई उचित आश्वासन अभिभावकों को नहीं दिया गया. मामले को लेकर अभिभावकों ने राज्य सरकार स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग को शिकायत करने की बात कही है.