ETV Bharat / state

झारखंड में पारा शिक्षकों का आंदोलन तेज, मुंडन कराकर सरकार को दी धमकी, बिहार से सीख लेने की दी सलाह

झारखंड के पारा शिक्षकों यानी सहायक अध्यापकों ने अपने आंदोलन को तेज कर दिया है. पारा शिक्षक झारखंड सरकार को बिहार सरकार से सीख लेने की सलाह दे रहे हैं. बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की तैयारी चल रही है.

Para teachers movement in jharkhand
Para teachers movement in jharkhand
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 25, 2023, 4:00 PM IST

Updated : Sep 25, 2023, 6:34 PM IST

पारा शिक्षकों का आंदोलन

रांची: बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की तैयारी के बीच झारखंड में भी पारा शिक्षकों को वेतनमान देने की मांग तेज हो गई है. बिहार से जैसे ही यह खबर झारखंड पहुंची आंदोलनरत टेट पास पारा शिक्षक हेमंत सरकार पर दबाव बनाने में जुट गए हैं. राजभवन के समक्ष धरना दे रहे टेट पास पारा शिक्षकों ने इस दौरान ना केवल बिहार से सीखने की सलाह सरकार को दी. बल्कि सरकारी उदासीनता के विरोध में मुंडन कराकर मांगें पूरी नहीं होने पर अगले चुनाव में सबक सिखाने की बात तक कह डाली.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति 2016 मामले में 27 सितंबर को हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई, अभ्यर्थियों ने लगाया है गड़बड़ी का आरोप

झारखंड राज्य टेट पास सहायक अध्यापक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश उपाध्याय ने सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों का मानदेय न्यूनतम 32,000 के करीब है. जबकि झारखंड के पारा शिक्षकों का मानदेय 22,000 रुपए के करीब है, वहां शिक्षकों को मेडिकल सुविधा के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं. अब राज्यकर्मी का दर्जा भी देने की तैयारी है लेकिन झारखंड में पारा शिक्षकों को कोई सुविधा नहीं दी गई है.

Para teachers movement in jharkhand
ETV BHARAT GFX

सरकार को दिखाएंगे काला झंडा: प्रदेश महासचिव संजय मेहता ने धमकी देते हुए कहा है कि सरकार यदि उनकी मांगे नहीं मानती है तो स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर को काला झंडा दिखाया जाएगा और उसके बावजूद भी सरकार मानने को तैयार नहीं होती है, तो राज्यभर के पारा शिक्षक राजभवन के समक्ष आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे, जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी.

सरकार की वादाखिलाफी से नाराज गोड्डा के पारा शिक्षक जय किशोर कापड़ी ने मुंडन कराकर विरोध दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो अगले चुनाव में यह पारा शिक्षक सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे. टेट पास सहायक अध्यापक समन्वय समिति के प्रदेश संयोजक प्रमोद कुमार का मानना है कि झारखंड सरकार टेट पास पारा शिक्षकों के साथ अब तक भेदभाव करती रही है. ऐसे में अब पारा शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे और आंदोलन आने वाले समय में और तेज होगा.

झारखंड में पारा शिक्षकों की संख्या 62,866: झारखंड में पारा शिक्षक नियुक्ति बिहार के शिक्षा मित्र से मिलते जुलते नाम और योग्यता के साथ 2005 से शुरू हुई थी. बाद में पारा शिक्षक नियुक्ति में बड़े पैमाने पर आई गड़बड़ी की शिकायत के बाद इसे रोक दिया गया. वर्तमान समय में राज्य के स्कूलों में करीब 62,866 पारा शिक्षक हैं, जो सहायक अध्यापक के रूप में जाने जाते हैं. इन पारा शिक्षकों में 14,042 ऐसे शिक्षक हैं, जो 2013 और 2016 में आयोजित टेट परीक्षा में सफल हैं. इन लोगों के द्वारा लगातार वेतनमान और स्थायीकरण की मांग की जाती रही है. अब बिहार में जब सरकार द्वारा करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की बात चल रही है तो ऐसे में इनकी भी उम्मीदें बढ़ गई हैं.

पारा शिक्षकों का आंदोलन

रांची: बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की तैयारी के बीच झारखंड में भी पारा शिक्षकों को वेतनमान देने की मांग तेज हो गई है. बिहार से जैसे ही यह खबर झारखंड पहुंची आंदोलनरत टेट पास पारा शिक्षक हेमंत सरकार पर दबाव बनाने में जुट गए हैं. राजभवन के समक्ष धरना दे रहे टेट पास पारा शिक्षकों ने इस दौरान ना केवल बिहार से सीखने की सलाह सरकार को दी. बल्कि सरकारी उदासीनता के विरोध में मुंडन कराकर मांगें पूरी नहीं होने पर अगले चुनाव में सबक सिखाने की बात तक कह डाली.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति 2016 मामले में 27 सितंबर को हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई, अभ्यर्थियों ने लगाया है गड़बड़ी का आरोप

झारखंड राज्य टेट पास सहायक अध्यापक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश उपाध्याय ने सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों का मानदेय न्यूनतम 32,000 के करीब है. जबकि झारखंड के पारा शिक्षकों का मानदेय 22,000 रुपए के करीब है, वहां शिक्षकों को मेडिकल सुविधा के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं. अब राज्यकर्मी का दर्जा भी देने की तैयारी है लेकिन झारखंड में पारा शिक्षकों को कोई सुविधा नहीं दी गई है.

Para teachers movement in jharkhand
ETV BHARAT GFX

सरकार को दिखाएंगे काला झंडा: प्रदेश महासचिव संजय मेहता ने धमकी देते हुए कहा है कि सरकार यदि उनकी मांगे नहीं मानती है तो स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर को काला झंडा दिखाया जाएगा और उसके बावजूद भी सरकार मानने को तैयार नहीं होती है, तो राज्यभर के पारा शिक्षक राजभवन के समक्ष आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे, जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी.

सरकार की वादाखिलाफी से नाराज गोड्डा के पारा शिक्षक जय किशोर कापड़ी ने मुंडन कराकर विरोध दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो अगले चुनाव में यह पारा शिक्षक सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे. टेट पास सहायक अध्यापक समन्वय समिति के प्रदेश संयोजक प्रमोद कुमार का मानना है कि झारखंड सरकार टेट पास पारा शिक्षकों के साथ अब तक भेदभाव करती रही है. ऐसे में अब पारा शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे और आंदोलन आने वाले समय में और तेज होगा.

झारखंड में पारा शिक्षकों की संख्या 62,866: झारखंड में पारा शिक्षक नियुक्ति बिहार के शिक्षा मित्र से मिलते जुलते नाम और योग्यता के साथ 2005 से शुरू हुई थी. बाद में पारा शिक्षक नियुक्ति में बड़े पैमाने पर आई गड़बड़ी की शिकायत के बाद इसे रोक दिया गया. वर्तमान समय में राज्य के स्कूलों में करीब 62,866 पारा शिक्षक हैं, जो सहायक अध्यापक के रूप में जाने जाते हैं. इन पारा शिक्षकों में 14,042 ऐसे शिक्षक हैं, जो 2013 और 2016 में आयोजित टेट परीक्षा में सफल हैं. इन लोगों के द्वारा लगातार वेतनमान और स्थायीकरण की मांग की जाती रही है. अब बिहार में जब सरकार द्वारा करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की बात चल रही है तो ऐसे में इनकी भी उम्मीदें बढ़ गई हैं.

Last Updated : Sep 25, 2023, 6:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.