रांचीः अवैध खनन और गलत तरीके से पहाड़ों एवं राष्ट्रीय संपदा की लीज के आवंटन मामले में ईडी के द्वारा 19 जुलाई को सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (mla representative pankaj mishra) गिरफ्तार हुए. लगातार पूछताछ के दौरान पंकज मिश्रा (mla representative pankaj mishra) की ईडी के हिरासत में ही तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए 30 जुलाई को रिम्स में भर्ती किया गया. रिम्स में भर्ती करने के बाद उनके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ शीतल मलूवा को बनाया गया.
मेडिकल बोर्ड के द्वारा लगातार जांच करने के बाद यह पाया गया कि पंकज मिश्रा (mla representative pankaj mishra) को क्रॉनिक पेंक्रिएटिक इंफेक्शन है जो जड़ से समाप्त नहीं हो सकता. इसके लिए उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रहना होगा. डॉक्टरों ने बताया कि पंकज मिश्रा का बेहतर इलाज गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग (GASTROENTEROLOGY DEPARTMENT) के द्वारा किया जा सकता है. जो पेट और आंत की विशेषज्ञता से जुड़ा हुआ है. इस विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर ही पंकज मिश्रा की बीमारी को समझ कर बेहतर तरीके से इलाज कर सकते हैं.
डॉ. शीतल मलूआ ने बताया कि रिम्स में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग (GASTROENTEROLOGY DEPARTMENT) नहीं होने के कारण उन्हें हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. डॉ. मलूवा ने बताया कि मेडिकल बोर्ड की तरफ से रिम्स के अधीक्षक को रेफर करने का सुझाव बोर्ड के चिकित्सकों ने सौंप दिया है. अब अधीक्षक के द्वारा ईडी की टीम को बताया जाएगा. उसके बाद ईडी के वरिष्ठ अधिकारी यह निर्णय लेंगे कि पंकज को बेहतर इलाज के लिए एम्स ले जाया जाए या फिर अन्य किसी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाए. जहां पर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग मौजूद हो.
मालूम हो कि पंकज मिश्रा (mla representative pankaj mishra) सरकारी संपदा से गलत उगाही और आर्थिक अपराध के मामले में ईडी की गिरफ्त में हैं. ईडी (ENFORCEMENT DIRECTORATE) के द्वारा ही उनका इलाज कराया जा रहा है. ऐसे में बेहतर इलाज के लिए उन्हें सरकारी संस्था रिम्स लाया गया था और रेफर करने के बाद भी किसी सरकारी अस्पताल में ही भेजा जाएगा. जिसमें ज्यादातर उम्मीद जताई जा रही है कि पंकज मिश्रा को एम्स रेफर जाएगा.
रिम्स अधीक्षक के द्वारा बनाए गए मेडिकल बोर्ड में सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शीतल मलूवा के साथ मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति, क्रिटिकल केयर के विभागाध्यक्ष डॉ प्रदीप भट्टाचार्य, सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनय प्रताप और मनोचिकित्सक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अजय बाखला को पंकज मिश्रा के इलाज में लगाया गया था. सभी चिकित्सकों ने बैठक कर यह निर्णय लिया कि पंकज मिश्रा को पेंक्रिएटिक की समस्या है. ऐसे में उनका गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों के अंदर इलाज कराया जाए. तभी इन्हें पेनक्रिएटिक इंफेक्शन के दर्द से राहत हो पाएगी.
पंकज मिश्रा को एम्स में कराया जा सकता है भर्ती, रिम्स के डॉक्टरों ने किया रेफर
सीएम हेमंत सोरेन के mla representative pankaj mishra ईडी की गिरफ्त में है. फिलहाल तबीयत खराब होने की वजह से वो रिम्स में भर्ती हैं. डॉक्टरों ने उनकी बीमारी को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया है.
रांचीः अवैध खनन और गलत तरीके से पहाड़ों एवं राष्ट्रीय संपदा की लीज के आवंटन मामले में ईडी के द्वारा 19 जुलाई को सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (mla representative pankaj mishra) गिरफ्तार हुए. लगातार पूछताछ के दौरान पंकज मिश्रा (mla representative pankaj mishra) की ईडी के हिरासत में ही तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए 30 जुलाई को रिम्स में भर्ती किया गया. रिम्स में भर्ती करने के बाद उनके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ शीतल मलूवा को बनाया गया.
मेडिकल बोर्ड के द्वारा लगातार जांच करने के बाद यह पाया गया कि पंकज मिश्रा (mla representative pankaj mishra) को क्रॉनिक पेंक्रिएटिक इंफेक्शन है जो जड़ से समाप्त नहीं हो सकता. इसके लिए उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रहना होगा. डॉक्टरों ने बताया कि पंकज मिश्रा का बेहतर इलाज गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग (GASTROENTEROLOGY DEPARTMENT) के द्वारा किया जा सकता है. जो पेट और आंत की विशेषज्ञता से जुड़ा हुआ है. इस विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर ही पंकज मिश्रा की बीमारी को समझ कर बेहतर तरीके से इलाज कर सकते हैं.
डॉ. शीतल मलूआ ने बताया कि रिम्स में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग (GASTROENTEROLOGY DEPARTMENT) नहीं होने के कारण उन्हें हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. डॉ. मलूवा ने बताया कि मेडिकल बोर्ड की तरफ से रिम्स के अधीक्षक को रेफर करने का सुझाव बोर्ड के चिकित्सकों ने सौंप दिया है. अब अधीक्षक के द्वारा ईडी की टीम को बताया जाएगा. उसके बाद ईडी के वरिष्ठ अधिकारी यह निर्णय लेंगे कि पंकज को बेहतर इलाज के लिए एम्स ले जाया जाए या फिर अन्य किसी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाए. जहां पर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग मौजूद हो.
मालूम हो कि पंकज मिश्रा (mla representative pankaj mishra) सरकारी संपदा से गलत उगाही और आर्थिक अपराध के मामले में ईडी की गिरफ्त में हैं. ईडी (ENFORCEMENT DIRECTORATE) के द्वारा ही उनका इलाज कराया जा रहा है. ऐसे में बेहतर इलाज के लिए उन्हें सरकारी संस्था रिम्स लाया गया था और रेफर करने के बाद भी किसी सरकारी अस्पताल में ही भेजा जाएगा. जिसमें ज्यादातर उम्मीद जताई जा रही है कि पंकज मिश्रा को एम्स रेफर जाएगा.
रिम्स अधीक्षक के द्वारा बनाए गए मेडिकल बोर्ड में सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शीतल मलूवा के साथ मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति, क्रिटिकल केयर के विभागाध्यक्ष डॉ प्रदीप भट्टाचार्य, सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनय प्रताप और मनोचिकित्सक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अजय बाखला को पंकज मिश्रा के इलाज में लगाया गया था. सभी चिकित्सकों ने बैठक कर यह निर्णय लिया कि पंकज मिश्रा को पेंक्रिएटिक की समस्या है. ऐसे में उनका गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों के अंदर इलाज कराया जाए. तभी इन्हें पेनक्रिएटिक इंफेक्शन के दर्द से राहत हो पाएगी.