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प्रोफेशनल टैक्स का दबाव बनाए जाने का विरोध, झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने जताई आपत्ति - प्रोफेशनल टैक्स का झारखंड चैंबर ने किया विरोध

झारखंड में व्यापारियों पर प्रोफेशनल टैक्स लगाने का कड़ा विरोध किया जा रहा है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि इस दोहरे कर का दबाव देकर प्रताड़ित किया जा रहा है.

प्रोफेशनल टैक्स का विरोध
प्रोफेशनल टैक्स का विरोध
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Published : Dec 24, 2020, 8:01 PM IST

रांचीः वाणिज्यकर विभाग द्वारा वर्तमान में व्यवसायियों को प्रोफेशनल टैक्स देने के लिए दबाव बनाये जाने की सूचना मिलने पर गुरुवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज ने आपत्ति जताते हुए. इस टैक्स को शिथिल करने की मांग की है.

चैंबर के सह सचिव दीनदयाल बरनवाल ने कहा है कि प्रोफेशनल टैक्स वर्ष 2012 में लाया गया था. उस समय ट्रेड लाइसेंस निर्गत नहीं होने के कारण ही इस टैक्स को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन अब चूंकि एक डीलर जब ट्रेड लाइसेंस ले रहा है. फिर उसे प्रोफेशनल टैक्स के लिए बाध्य करना अनुचित है.

प्रदेश में ट्रेड लाइसेंस आने के बाद फेडरेशन चैंबर के विरोध से ही पूर्व दिनों इस टैक्स को शिथिल किया गया थ. लेकिन फिर से व्यवसायियों पर इस दोहरे कर का दबाव देकर प्रताड़ित किया जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है.

वहीं चैंबर महासचिव राहुल मारू ने कहा कि कोविड की चुनौतियों से कुछ हद तक निपटने के बाद अब धीरे-धीरे व्यापारी अपने व्यापार को गति दे रहे हैं.

ऐसे समय में व्यापारियों को प्रोफेशनल टैक्स जैसे अव्यवहारिक शुल्क जमा कराने के लिए बाध्य करना अनुचित है. सभी व्यापारियों को उनके ई-मेल पर लिंक और नोटिस भेजकर टैक्स जमा कराने का दबाव दिया जा रहा है, जिससे व्यापारी सशंकित हैं.

रांचीः वाणिज्यकर विभाग द्वारा वर्तमान में व्यवसायियों को प्रोफेशनल टैक्स देने के लिए दबाव बनाये जाने की सूचना मिलने पर गुरुवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज ने आपत्ति जताते हुए. इस टैक्स को शिथिल करने की मांग की है.

चैंबर के सह सचिव दीनदयाल बरनवाल ने कहा है कि प्रोफेशनल टैक्स वर्ष 2012 में लाया गया था. उस समय ट्रेड लाइसेंस निर्गत नहीं होने के कारण ही इस टैक्स को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन अब चूंकि एक डीलर जब ट्रेड लाइसेंस ले रहा है. फिर उसे प्रोफेशनल टैक्स के लिए बाध्य करना अनुचित है.

प्रदेश में ट्रेड लाइसेंस आने के बाद फेडरेशन चैंबर के विरोध से ही पूर्व दिनों इस टैक्स को शिथिल किया गया थ. लेकिन फिर से व्यवसायियों पर इस दोहरे कर का दबाव देकर प्रताड़ित किया जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है.

वहीं चैंबर महासचिव राहुल मारू ने कहा कि कोविड की चुनौतियों से कुछ हद तक निपटने के बाद अब धीरे-धीरे व्यापारी अपने व्यापार को गति दे रहे हैं.

ऐसे समय में व्यापारियों को प्रोफेशनल टैक्स जैसे अव्यवहारिक शुल्क जमा कराने के लिए बाध्य करना अनुचित है. सभी व्यापारियों को उनके ई-मेल पर लिंक और नोटिस भेजकर टैक्स जमा कराने का दबाव दिया जा रहा है, जिससे व्यापारी सशंकित हैं.

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