रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास के संथाल परगना में शुरू किए 'जोहार जन आशीर्वाद यात्रा' को लेकर प्रदेश के विपक्षी दलों ने उन्हें आड़े हाथों लिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने साफ तौर पर कहा है कि संथाल परगना की धरती बाहरी लोगों के लिए नहीं बनी है. वहां के लोग 'दिकू' यानी की बाहरियों को भगा देते हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री की जोहार जन आशीर्वाद यात्रा 24 सितंबर तक चलेगी.
संथाल परगना का पुराना है इतिहास
जेपीसीसी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कड़े शब्दों में कहा कि चाहे वह गृह मंत्री अमित शाह हो या मुख्यमंत्री रघुवर दास दोनों 'दिकू' हैं और संथाल परगना के लोग ऐसे दिकूओं को हैंडल करना जानती है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना का पुराना इतिहास पलट कर देख लिया जाए तो यह बात पूरी तरह से सही साबित होती है.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा से डरी हुई है बीजेपी
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने साफ तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री का स्वागत पार्टी विधानसभा चुनाव में संथाल परगना का किला फतह करने के बाद करेगी. पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि हर राजनीतिक दल को चुनाव के पहले गतिविधियां करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि बीजेपी कहीं ना कहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा से डरी हुई है. यही वजह है कि उसने अपनी यात्रा संथाल परगना में शुरू की है.
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2014 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे
वहीं, झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन बदलाव यात्रा पर हैं और उन्हें लोगों से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री या बीजेपी चाहे जितनी भी यात्राएं कर ले उसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. दरअसल, 6 जिलों में फैला संथाल परगना का इलाका 18 विधानसभा क्षेत्रों को समेटे हुए हैं. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आए नतीजों के आंकड़ों के हिसाब से वहां बीजेपी के 8, कांग्रेस के 3, झारखंड विकास मोर्चा के 1 और झामुमो के 6 विधायक हैं.