ETV Bharat / state

वन अधिकार संशोधन का विपक्ष ने किया विरोध, कहा- आदिवासियों की आवाज दबाना चाहती है सरकार

झारखंड विधानसभा का 5 दिवसीय मानसून सत्र चल रहा है. सत्र के तीसरे दिन विधानसभा के बाहर प्रमुख विपक्षी दल जेएमएम ने वन अधिकार संशोधन अधिनियम का विरोध किया. हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासियों की आवाज दबाना चाहती है.

विरोध प्रदर्शन करते विपक्षी दल
author img

By

Published : Jul 24, 2019, 2:43 PM IST

रांचीः बुधवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन हंगामें से भरा रहा. प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्यों ने वन अधिकार संशोधन अधिनियम का विरोध किया. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले, विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. जेएमएम के विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए.

देखें पूरी खबर
ये भी पढ़ें- अवैध शराब कारोबार का भंडाफोड़, पुलिस ने शराब की पेटी के साथ युवक को किया गिरफ्तार

वहीं, मौके पर हेमंत सोरेन ने कहा कि 1927 में बने वन अधिकार अधिनियम में संशोधन को लेकर राज्य सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद जंगलों में रह रहे आदिवासियों का जीना दूभर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद जंगलों में तैनात फॉरेस्ट गार्ड हथियार से लैंस हो जाएंगे. सोरेन ने आरोप लगाया कि ऐसा कर सरकार आदिवासियों की आवाज दबाना चाहती है.

रांचीः बुधवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन हंगामें से भरा रहा. प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्यों ने वन अधिकार संशोधन अधिनियम का विरोध किया. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले, विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. जेएमएम के विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए.

देखें पूरी खबर
ये भी पढ़ें- अवैध शराब कारोबार का भंडाफोड़, पुलिस ने शराब की पेटी के साथ युवक को किया गिरफ्तार

वहीं, मौके पर हेमंत सोरेन ने कहा कि 1927 में बने वन अधिकार अधिनियम में संशोधन को लेकर राज्य सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद जंगलों में रह रहे आदिवासियों का जीना दूभर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद जंगलों में तैनात फॉरेस्ट गार्ड हथियार से लैंस हो जाएंगे. सोरेन ने आरोप लगाया कि ऐसा कर सरकार आदिवासियों की आवाज दबाना चाहती है.

Intro:रांची।झारखण्ड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन प्रमुख विपक्षी दल झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के सदस्यों ने वन अधिकार संशोधन अधिनियम के विरोध में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। सदन की कार्यवाही शुरू हिने से पहले बुधवार को नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में पार्टी के विधायकों ने हाथों में तख्तियां लिए सरकार के खुलाफ़ नारे लगाए। इस मौके पर सोरेन ने कहा कि 1927 में बने वन अधिकार अधिनियम में संशोधन को लेकर राज्य सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर रही है। उन्होने कहा कि संशोधन के बाद जंगलों में रह रहे आदिवासियों का जीना दूभर हो जाएगा।


Body:सोरेन ने कहा कि इस संशोधन के बाद जंगलों में तैनात फारेस्ट गार्ड हथियार से लैस हो जाएंगे। सोरेन ने आरोप लगाया कि ऐसा कर सरकार आदिवासियों की आवाज दबाना चाहती है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.