रांचीः बुधवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन हंगामें से भरा रहा. प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्यों ने वन अधिकार संशोधन अधिनियम का विरोध किया. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले, विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. जेएमएम के विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए.
वहीं, मौके पर हेमंत सोरेन ने कहा कि 1927 में बने वन अधिकार अधिनियम में संशोधन को लेकर राज्य सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद जंगलों में रह रहे आदिवासियों का जीना दूभर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद जंगलों में तैनात फॉरेस्ट गार्ड हथियार से लैंस हो जाएंगे. सोरेन ने आरोप लगाया कि ऐसा कर सरकार आदिवासियों की आवाज दबाना चाहती है.