ETV Bharat / state

Ranchi News: नेशनल मेट्रोलॉजिकल लैबोरेट्री की ओर से वन वीक वन लैब अभियान की शुरुआत, जानिए क्या है यह अभियान

author img

By

Published : Apr 24, 2023, 10:29 PM IST

नेशनल मेट्रोलॉजिकल लैबोरेट्री की ओर से रांची में वन वीक वन लैब अभियान की शुरुआत की गई है. इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने खुशी जतायी और राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला के कार्यों की सराहना की.

http://10.10.50.75//jharkhand/24-April-2023/jh-ran-04-governor-program-7209874_24042023204816_2404f_1682349496_366.jpg
National Metrological Laboratory Program In Ranchi

रांची: राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला यानी नेशनल मेट्रोलॉजिकल लैबोरेट्री जमशेदपुर की ओर से सोमवार को राजधानी रांची के रेडिशन ब्लू होटल में 'वन वीक वन लैब' अभियान को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अभियान की शुरुआत की. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अगले पांच दिनों में खनिज, धातु और सामग्री के विभिन्न पहलुओं के लिए समर्पित एक प्रमुख शोध संगठन सीएसआईआर-एनएमएल सामान्य रूप से भारत और विशेष रूप से झारखंड के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अपनी तकनीकी उपलब्धियों का प्रदर्शन करेगा.

ये भी पढे़ं-Gumla News: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पहुंचे गुमला, जतरा टाना भगत को किया नमन

सीएसआईआर का वन वीक वन लैब अभियान महत्वपूर्ण कदमः राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल सितंबर में अहमदाबाद में 'सेंटर स्टेट कॉन्क्लेव' के अपने उद्घाटन भाषण में लोगों से भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने का आग्रह किया था और देश को अनुसंधान का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए ठोस प्रयासों का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि भारतीय वैज्ञानिकों की सभी छोटी और बड़ी उपलब्धियों का उत्सव विज्ञान के प्रति झुकाव पैदा करेगा और इस अमृत काल में हमारी मदद करेगा. मेरा मानना ​​है कि सीएसआईआर का वन वीक वन लैब अभियान उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

आत्मनिर्भर भारत में सीएसआईआर की भूमिका अहमः इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि वर्ष 1942 में स्थापित सीएसआईआर दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित अनुसंधान और विकास संगठनों में से एक है. आजकल 'आत्मनिर्भर भारत' में इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एनएमएल, सीएसआईआर द्वारा स्थापित पहली पांच प्रयोगशालाओं में से एक है. वास्तव में उस दृष्टि पर खरा उतरा है. जिसने टाटा स्टील की स्थापना के समय से ही उसके साथ मिलकर और सफलतापूर्वक काम किया है. एनएमएल की यात्रा वास्तव में महत्वपूर्ण रही है. सीएसआईआर-एनएमएल का एक केंद्र चेन्नई में भी है, जो वाणिज्यिक खनिज संवर्धन प्रयासों में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं.

पानी से आर्सेनिक हटाने की तकनीक पर झारखंड में काम करे एनएमएलः राज्यपाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि एनएमएल ने पानी से आर्सेनिक हटाने की तकनीक पर काम किया है. झारखंड का पानी आर्सेनिक से भरपूर है, जो इसे पीने वाले लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है. मैं इसका बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन देखना चाहता हूं.इसके अलावे एनएमएल ने कोयले की खान के पानी के पुन: उपयोग के लिए एक तकनीक विकसित की है, जो हानिकारक सूक्ष्मजीवों से मुक्त है और इसे मानव उपभोग के लायक है.

रांची: राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला यानी नेशनल मेट्रोलॉजिकल लैबोरेट्री जमशेदपुर की ओर से सोमवार को राजधानी रांची के रेडिशन ब्लू होटल में 'वन वीक वन लैब' अभियान को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अभियान की शुरुआत की. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अगले पांच दिनों में खनिज, धातु और सामग्री के विभिन्न पहलुओं के लिए समर्पित एक प्रमुख शोध संगठन सीएसआईआर-एनएमएल सामान्य रूप से भारत और विशेष रूप से झारखंड के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अपनी तकनीकी उपलब्धियों का प्रदर्शन करेगा.

ये भी पढे़ं-Gumla News: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पहुंचे गुमला, जतरा टाना भगत को किया नमन

सीएसआईआर का वन वीक वन लैब अभियान महत्वपूर्ण कदमः राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल सितंबर में अहमदाबाद में 'सेंटर स्टेट कॉन्क्लेव' के अपने उद्घाटन भाषण में लोगों से भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने का आग्रह किया था और देश को अनुसंधान का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए ठोस प्रयासों का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि भारतीय वैज्ञानिकों की सभी छोटी और बड़ी उपलब्धियों का उत्सव विज्ञान के प्रति झुकाव पैदा करेगा और इस अमृत काल में हमारी मदद करेगा. मेरा मानना ​​है कि सीएसआईआर का वन वीक वन लैब अभियान उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

आत्मनिर्भर भारत में सीएसआईआर की भूमिका अहमः इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि वर्ष 1942 में स्थापित सीएसआईआर दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित अनुसंधान और विकास संगठनों में से एक है. आजकल 'आत्मनिर्भर भारत' में इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एनएमएल, सीएसआईआर द्वारा स्थापित पहली पांच प्रयोगशालाओं में से एक है. वास्तव में उस दृष्टि पर खरा उतरा है. जिसने टाटा स्टील की स्थापना के समय से ही उसके साथ मिलकर और सफलतापूर्वक काम किया है. एनएमएल की यात्रा वास्तव में महत्वपूर्ण रही है. सीएसआईआर-एनएमएल का एक केंद्र चेन्नई में भी है, जो वाणिज्यिक खनिज संवर्धन प्रयासों में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं.

पानी से आर्सेनिक हटाने की तकनीक पर झारखंड में काम करे एनएमएलः राज्यपाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि एनएमएल ने पानी से आर्सेनिक हटाने की तकनीक पर काम किया है. झारखंड का पानी आर्सेनिक से भरपूर है, जो इसे पीने वाले लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है. मैं इसका बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन देखना चाहता हूं.इसके अलावे एनएमएल ने कोयले की खान के पानी के पुन: उपयोग के लिए एक तकनीक विकसित की है, जो हानिकारक सूक्ष्मजीवों से मुक्त है और इसे मानव उपभोग के लायक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.