रांची: साइबर क्रिमिनल के जामताड़ा साइबर गैंग्स (Jamtara Cyber Gangs) को नाकाम करने के लिए झारखंड में अगले तीन साल में एक लाख साइबर फाइटर (Cyber Fighters) तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है. झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी और साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से यह पहल की है. इसके लिए ऑनलाइन साइबर विद्यापीठ की शुरूआत की गई है. लक्ष्य यह है कि झारखंड को साइबर डिफेंस कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाए.
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झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जेयूटी) में इसे लेकर आयोजित एक वर्कशॉप में साइबर सिक्योरिटी को लेकर तैयार पूरी कार्ययोजना साझा की गई. बताया गया कि अगले तीन साल में तैयार किए जाने वाले एक लाख साइबर फाइटर्स ही साइबर डिफेंस कॉरिडोर के सबसे महत्वपूर्ण अंग होंगे. इसके लिए राज्य के विनोबा भावे विश्वविद्यालय और साइबर विद्यापीठ में साइबर सिक्योरिटी स्किल (Cyber Security Skills) के कोर्सेज शुरू किए जा रहे हैं.
साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन के चेयरमैन शशांक एस गरुड़यार ने बताया कि साइबर प्रोटेक्शन कोर्स के तहत ट्रेंड किए जाने वाले युवाओं के लिए करियर की बेहतरीन संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में टैलेंट पूल की एक बड़ी कमी है. पूरी दुनिया में इस वक्त 3.1 मिलियन साइबर ट्रेनर और 60 मिलियन साइबर प्रोफेशनल्स की जरूरत है. झारखंड में हो रही शुरूआत इसी दिशा में एक कदम है. इस इलाके को साइबर डिफेंस बिजनेस हब के रूप में भी विकसित किए जाने की संभावनाएं हैं. साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में झारखंड एक फोकस स्टेट है, क्योंकि यहां साइबर क्रिमिनल्स का जामताड़ा मॉड्यूल पूरे देश के लिए एक चुनौती बना हुआ है.
इनपुट-आईएएनएस