रांची: ईडी की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए फिर से समन समन भेजा है. उन्हें 24 अगस्त को ईडी के दफ्तर पहुंचने के लिए कहा गया है. इससे पहले ईडी ने उन्हें 14 अगस्त को क्षेत्रिय कार्यालय पहुंचने का समन भेजा था. मुख्यमंत्री उस दिन वहां नहीं गए और इसका जवाब अपने अधिवक्ता के माध्यम से ईडी को भेजवा दिया था. लेकिन दोबारा समन भेजे जाने को लेकर प्रदेश के मंत्रियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.
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दोबारा समन भेजने पर क्या बोले मंत्री बन्ना गुप्ता: मुख्यमंत्री को दोबारा समन मिलने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जुल्म तो जुल्म है बढ़ता है तो मिट जाता है, खून तो खून है टपकता है तो जम जाता है. उन्होंने आगे कहा कि हम झारखंडी लोग आंदोलन करने वाले लोग हैं. पीठ पर छूरा घोंपने का काम हम नहीं करते हैं. प्रवर्तन निदेशालय को जो करना वो एक बार कर ले. किसी को बार-बार सताना ठीक नहीं है, हम ना डरे थे, ना डरे हैं और ना डरेंगे.
ईडी का मुख्यमंत्री को भेजा गया समन पॉलिटिकल- डॉ रामेश्वर उरांव: इससे पहले पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने मुख्यमंत्री को भेजे गये ईडी के समन पर सिर्फ इतना कहा है कि सब जानते हैं कि यह राजनीति से प्रेरित है और यह पॉलिटिकल है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी साफ कर चुके हैं कि प्रवर्तन निदेशालय किसके कहने क्या-क्या काम कर रही है. सब उनके सहयोगी और साथी के साथ ही हो रहा है.
वहीं झामुमो भी ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिए गए पूछताछ के समन पर भाजपा के इशारे पर कार्रवाई करार दे रही है. झामुमो के नेताओं का कहना है कि एक निर्वाचित और लोकप्रिय सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा लगातार षड्यंत्र रचती रही है. ईडी का समन भी उसी का एक हिस्सा है.