रांचीः पहाड़ी मंदिर में नई कमेटी का गठन होने के बाद सोमवार को पुरानी कमेटी के लोग पहाड़ी मंदिर परिसर में धरना दिया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि नई कमेटी में राजनीतिक दल से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है जबकि कई दशक से मंदिर कमेटी के अध्यक्ष जिला प्रशासन के लोग हुआ करते थे और उन्हीं के निगरानी में मंदिर का विकास किया जाता था. लेकिन नई कमेटी में राजनीतिक लोग सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए मंदिर के कमेटी का सदस्य बने हैं.
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पुरानी कमेटी के सदस्यों ने विरोध जताते हुए कहा कि जब कमेटी के अध्यक्ष जिला प्रशासन के लोग होते हैं तो फिर नई कमेटी में अध्यक्ष जिला प्रशासन के लोगों को क्यों नहीं बनाया गया है. इसको लेकर पुरानी कमेटी के लोग पहाड़ी मंदिर के बाहर नई कमेटी के गठन के बाद से विरोध प्रदर्शन किया. पुरानी कमेटी के सदस्य अभिषेक यादव बताते हैं कि नई कमेटी में राजनीतिक दल के नेताओं को सदस्य बना दिया गया है, जिसका वह विरोध कर रहे हैं.
वहीं प्रदर्शन कर रहे मुकेश अग्रवाल ने कहा कि पहाड़ी मंदिर की नई कमेटी में वैसे लोगों को सदस्य बना दिया गया है जो राजनीतिक दल के नेता हैं. जब इन नेताओं को राजनीति में कोई स्थान नहीं मिला तो मंदिर कमेटी में स्थान देकर उन्हें भुलावा दिया जा रहा है. लोगों ने कहा कि नई कमेटी के सभी नेता व्यक्तिगत लाभ के लिए पहाड़ी मंदिर समिति के सदस्य बने हैं. नई कमेटी का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि अगर नई कमेटी को नहीं हटाया गया तो इनका विरोध जारी रहेगा.
वहीं विरोध प्रदर्शन को लेकर नई कमेटी की तरफ से राकेश कुमार ने बताया कि रांची के अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा पुरानी कमेटी को भंग कर नई कमेटी का गठन कर दिया गया है. जिसके बाद नई कमेटी के सदस्य मंदिर परिसर में पहुंचे हैं लेकिन जैसे ही नई कमेटी के लोग मंदिर परिसर में पहुंचे वैसे ही पुरानी कमेटी के लोग हंगामा करने लगे और पहाड़ी मंदिर के कार्यालय में ताला लगा दिया.
उन्होंने बताया कि नई कमेटी के लोगों का यह मानना है कि पहाड़ी मंदिर राजधानी के लाखों लोगों का हृदय स्थल है, यहां पर प्रतिवर्ष लाखों लोग मंदिर में पूजा करने आते हैं. इसीलिए मंदिर के जीर्णोधार के लिए नई कमेटी के लोग कार्य करना चाहते हैं ताकि मंदिर में नई व्यवस्था के साथ श्रद्धालु पूजा कर सकें. लेकिन पुरानी कमेटी के लोग राजनीति का रूप देकर माहौल को खराब कर रहे हैं जो नई कमेटी के सदस्यों के द्वारा कभी होने नहीं दिया जाएगा. अब देखने वाली बात होगी कि नई कमेटी के लोगों के आने के बाद पुरानी कमेटी के लोगों के आक्रोश को कैसे शांत किया जाता है या फिर यह मामला आने वाले दिनों में और भी तूल पकड़ने वाला है.