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प्रेझा फाउंडेशन के पहल से 112 नर्सिंग स्टूडेंट को मिली नौकरी, सीएम ने की तारीफ

प्रेझा फाउंडेशन झारखंड के युवाओं को कौशल ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया करा रहा है. गुरुवार को भी प्रोजेक्ट भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 34 छात्राओं को नियुक्ति पत्र दिए.

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नर्सिंग स्टूडेंट को मिली नौकरी
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Published : Sep 30, 2020, 6:51 PM IST

रांची: कोरोना काल में एक तरफ लोग नौकरी जाने से परेशान हैं तो दूसरी तरफ इस हालात में भी प्रेझा फाउंडेशन झारखंड के युवाओं को कौशल ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया करा रहा है. रांची में संचालित नर्सिंग कॉलेज की 112 गरीब छात्राओं को इस फाउंडेशन के बदौलत देश के नामी अस्पतालों में ANM की नौकरी मिली है. प्रोजेक्ट भवन में कार्यक्रम आयोजित कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 34 छात्राओं को नियुक्ति पत्र बांटे.

देखें पूरी खबर

सीएम हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि मैं इस बात से बेहद असहज महसूस करता था कि दक्षिण भारत की लड़कियां सेवा क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं, लेकिन झारखंड की लड़कियां दाई के रूप में पहचानी जा रही हैं, IIT एलुमनाई के ओर से संचालित प्रेझा फाउंडेशन के बदौलत नर्सिंग सेक्टर में छात्राएं जाने लगी है यह बहुत ही गर्व की बात है. वहीं कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि उनका विभाग प्रेझा फाउंडेशन को हर तरह की मदद पहुंचाने के लिए तत्पर रहेगा. विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने भी फाउंडेशन के कार्यकलापों की तारीफ की. अपोलो ग्रुप और और क्लाउड नाइन ग्रुप के अस्पतालों में नौकरी पाने वाली छात्राओं ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किया. 2 साल का कोर्स कर ANM बनी छात्राओं को प्रति महीने 15 हजार इनहैंड मिलेंगे.

इसे भी पढे़ं:- रांचीः अपराधियों के साथ हुई हाथापाई में नामकुम प्रभारी और DSP घायल, 8 अपराधी गिरफ्तार


दो साल की पढ़ाई के दौरान करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च होते हैं. इन पैसों का जुगाड़ झारखंड कोऑपरेटिव बैंक और एचडीएफसी के तरफ से मुहैया कराया जाता है. बाद में नौकरी करते हुए लड़कियां पैसे धीरे-धीरे चुकाती हैं. दो बड़े हॉस्पिटल ग्रुप के अलावा रांची के देवकमल अस्पताल और और इरबा के कैंसर हॉस्पिटल में भी इन लड़कियों को नौकरी मिली है.

रांची: कोरोना काल में एक तरफ लोग नौकरी जाने से परेशान हैं तो दूसरी तरफ इस हालात में भी प्रेझा फाउंडेशन झारखंड के युवाओं को कौशल ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया करा रहा है. रांची में संचालित नर्सिंग कॉलेज की 112 गरीब छात्राओं को इस फाउंडेशन के बदौलत देश के नामी अस्पतालों में ANM की नौकरी मिली है. प्रोजेक्ट भवन में कार्यक्रम आयोजित कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 34 छात्राओं को नियुक्ति पत्र बांटे.

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सीएम हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि मैं इस बात से बेहद असहज महसूस करता था कि दक्षिण भारत की लड़कियां सेवा क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं, लेकिन झारखंड की लड़कियां दाई के रूप में पहचानी जा रही हैं, IIT एलुमनाई के ओर से संचालित प्रेझा फाउंडेशन के बदौलत नर्सिंग सेक्टर में छात्राएं जाने लगी है यह बहुत ही गर्व की बात है. वहीं कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि उनका विभाग प्रेझा फाउंडेशन को हर तरह की मदद पहुंचाने के लिए तत्पर रहेगा. विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने भी फाउंडेशन के कार्यकलापों की तारीफ की. अपोलो ग्रुप और और क्लाउड नाइन ग्रुप के अस्पतालों में नौकरी पाने वाली छात्राओं ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किया. 2 साल का कोर्स कर ANM बनी छात्राओं को प्रति महीने 15 हजार इनहैंड मिलेंगे.

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दो साल की पढ़ाई के दौरान करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च होते हैं. इन पैसों का जुगाड़ झारखंड कोऑपरेटिव बैंक और एचडीएफसी के तरफ से मुहैया कराया जाता है. बाद में नौकरी करते हुए लड़कियां पैसे धीरे-धीरे चुकाती हैं. दो बड़े हॉस्पिटल ग्रुप के अलावा रांची के देवकमल अस्पताल और और इरबा के कैंसर हॉस्पिटल में भी इन लड़कियों को नौकरी मिली है.

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