रांची: झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान एक्शन में हैं. बोर्ड की कुर्सी संभालते ही उन्होंने पहली कार्रवाई अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध की है. जिसके तहत रांची में आवास बोर्ड की जमीन पर अवैध रुप से व्यवसायिक कारोबार करनेवाले करीब 300 लोगों को अंतिम नोटिस भेजकर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
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संजय पासवान ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि अवैध रुप से व्यवसायिक कारोबार करनेवाले लीज धारकों या गैर लीजधारकों को पहले अतिक्रमित भूमि की नापी कर जुर्माना 3250 रुपया प्रति वर्गफीट वसूला जायेगा. इसके बाद लीजधारकों का लीज रद्द किया जायेगा.
सर्वाधिक अतिक्रमण जमशेदपुर में: झारखंड राज्य आवास बोर्ड की संपत्ति पर सर्वाधिक अतिक्रमण जमशेदपुर में है. उसके बाद रांची, बोकारो, हजारीबाग, धनबाद, पलामू जैसे शहरों में जमीन और फ्लैट पर अवैध रूप से लंबे समय से स्थानीय लोगों के द्वारा कब्जा किया गया है. बात यदि रांची की करें तो जिस जगह झारखंड राज्य आवास बोर्ड का कार्यालय है. इसके चारों ओर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. ऐसे में इन स्थानों को खाली कराना और अपनी संपत्ति को बचाकर रखना, बोर्ड के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
नोटिस का खेल आम बात: झारखंड राज्य आवास बोर्ड में नोटिस का खेल आम बात है. बोर्ड की जमीन और फ्लैट को अतिक्रमणमुक्त कराने के नाम पर आवास बोर्ड इस तरह का नोटिस हर छह महीने पर जारी करता रहा है. लेकिन वास्तविकता यह है कि बोर्ड की जमीन अतिक्रमणमुक्त होने के बजाय और भी तेजी से अतिक्रमित होता जा रही है. ऐसे में आवास बोर्ड ने एक बार फिर अपने आवासीय क्षेत्र में तेजी से फैल रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को अवैध मानते हुए नोटिस जारी की है.
इस तरह की नोटिस 2021 और 2022 में भी बोर्ड द्वारा जारी की गयी थी. अंतर यह है कि इसे अंतिम नोटिस मानते हुए बोर्ड ने लीज धारकों का लीज खत्म करने की धमकी दी है. कार्रवाई करने के बजाय बार- बार बोर्ड द्वारा जारी की जा रही नोटिस पर स्थानीय अजय राय कहते हैं कि इसके पीछे बड़ा खेल है. कई सफेदपोश आवास बोर्ड से जुड़े हुए हैं जो इसके जरिए अपना हित साधने में लगे हैं.